भोपाल। राजधानी भोपाल में थाना मिसरोद को एक अपहरण के मामले को सुलझाने में सफलता मिली है. इस पूरे मामले में अपने ही अपरहरण की झूठी कहानी बना कर गायब हुए सूरज साहू को इंडस्ट्रीयल क्षेत्र पीथमपुर धार से पुलिस ने ढूंढ निकाला है. मिसरोद थाना क्षेत्र के जिस टायर रिमोल्डिंग कंपनी में वह काम करता था वहां के मालिक को फोन पर सूरज साहू ने स्वंय के अपहरण की झूठी सूचना दी थी. फैक्ट्री मालिक की शिकायत पर पुलिस ने अपहरण का मामला दर्ज किया.
जानिए क्या है पूरा मामला: भोपाल के मिसरोद थाने के थाना प्रभारी रास बिहारी शर्मा ने बताया कि "23 जून को थाना क्षेत्र में रिमोट कंपनी का संचालन करने वाले व्यक्ति ने थाने आकर रिपोर्ट किया. मेरी दुकान पर काम करने वाले सूरज साहू ने हमारी फैक्ट्री के मोबाइल से पिताजी के मोबाइल पर फोन लगाकर बताया कि दुकान पर तीन व्यक्ति आये और कहने लगे कि कार की डिग्गी में टायर है, उसे चेक कर लो फिर मैं चैक करने गया तो मुझे डिग्गी में डाल दिया और मुझे बांध दिया. मेरे साथ मारपीट की. डिग्गी में हाथ खोलकर आपको फोन कर रहा हूं. कहां पर हूं जानकारी नहीं है. फरियादि की रिपोर्ट पर अपहरण का मामला दर्ज किया गया था."
अपहरण करने और गोली मारने की बात पर पुलिस ने शुरू की जांच: सूरज साहू द्वारा अपने मालिक को बताये गये घटनाक्रम को समझ कर पुलिस ने इस पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू करी तो सूरज साहू को अगवा करने के सबंध में घटना स्थल से लेकर आईएसबीटी बस स्टैण्ड तक 100 से अधिक सीसीटीवी कैमरे को देखा गया. पुलिस टीम गठित की गयी और लगातार सूरज साहू के मोबाइल काल डिटेल, आईएसबीटी एवं रानी कमलापति रेलवे स्टेशन पर मिले सीसीटीवी फुटेज में सूरज साहू अकेला जाता हुआ दिखाई दिया. इसके बाद सूरज साहू के संबंध में जानकारी मिली कि वह राजस्थान रामगंज मण्डी में टायर रिमोल्डिंग कंपनी के कारखानों में काम कर रहा है. जिसकी तलाश राजस्थान में की लेकिन सूरज राजस्थान में नहीं मिला. मुखबिर द्वारा सूचना प्राप्त हुई कि सूरज पीथमपुर धार इंडस्ट्रीयल एरिया में काम कर रहा है. सूचना मिलने पर पीथमपुर धार इंडस्ट्रीयल एरिया से सूरज साहू को तलाश कर लिया गया.
पूछताछ में हुआ खुलासा: पुलिस ने जब सूरज साहू से कड़ाई से पूछताछ की तो उसने बताया कि उसने कई तरह के लोन ले लिए थे और वह लोन की किस्त नहीं भर पा रहा था. इसलिये उसने योजना बनायी की बाहर कहीं काम करने चला जाये और अपहरण की झूठी कहानी तैयार कर रिमोल्डिंग कंपनी के मालिक के जरिये फोन पर झूठी कहानी बताई और मोबाइल फोन बंद कर लिया था.