भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंगलवार को अचानक राज्यपाल मंगू भाई पटेल से मुलाकात करने पहुंच गए. इस मुलाकात को मंत्रिमंडल विस्तार से जोड़कर देखा जा रहा है. अटकलें लगाई जा रही हैं कि विधानसभा चुनाव से पहले मंत्रिमंडल विस्तार में दो से तीन मंत्रियों को शामिल किया जा सकता है. फिलहाल मंत्रिमंडल में चार सदस्य शामिल हो सकते हैं. इस विस्तार में महाकौशल विंध्य और बुंदेलखंड के विधायकों को शामिल किया जा सकता है. विंध्य से राजेंद्र शुक्ल का नाम जोरों पर है.
सुलोचना रावत को मंत्रिमंडल में शामिल करने का दिया था भरोसा: वहीं बालाघाट से गौरीशंकर बिसेन और महाकौशल से अजय विश्नोई और लोधी समाज को साधने के लिए जालम सिंह पटेल का नाम भी लिया जा रहा है. आदिवासी जिले झाबुआ की सुलोचना रावत का नाम भी चल रहा है. सुलोचना रावत जब कांग्रेस से बीजेपी में आई थी तो मुख्यमंत्री ने उनको मंत्रिमंडल में शामिल करने का भरोसा दिया था. दरअसल विस्तार की संभावना इसलिए भी जोरों पर हैं क्योंकि केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी आज बुधवार को भोपाल पहुंच रहे हैं.
सीएम ने राज्यपाल को दिए फीडबैक: मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को प्रदेश की मौजूदा राजनीतिक स्थिति से अवगत कराया और फीडबैक दिए. मुख्यमंत्री की राज्यपाल से मुलाकात के बाद अब मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें भी चर्चा में आ गई हैं. अटकलें यह भी चल रही हैं कि नाराजगी दूर करने के लिए भी मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है.
ग्वालियर-चंबल से ज्यादा मंत्री: फिलहाल कैबिनेट में मंत्रियों और उनके क्षेत्रीय समीकरण को देखें तो इस समय शिवराज कैबिनेट में ग्वालियर-चंबल संभाग से सबसे ज्यादा मंत्री शामिल हैं. इसमें कैबिनेट मंत्री नरोत्तम मिश्रा, प्रद्युम्न सिंह तोमर, अरविंद भदौरिया के साथ राज्यमंत्री भारत सिंह कुशवाहा, ओपीएस भदौरिया, सुरेश धाकड़ और बृजेंद्र सिंह यादव, महेंद्र सिंह सिसोदिया और यशोधरा राजे सिंधिया हैं जो अलग अलग मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं.
मालवा-निमाड़ से भी ज्यादा मंत्री: ग्वालियर-चंबल के अलावा मालवा-निमाड़ क्षेत्र से मंत्रियों की संख्या काफी है. इसमें तुलसी सिलावट, हरदीप सिंह डंग, प्रेम सिंह पटेल, राजवर्धन सिंह, दत्तीगांव और ओमप्रकाश सखलेचा, विजय शाह, ऊषा ठाकुर, मोहन यादव हैं.
कई मंत्रियों की शिकायत केंद्रीय हाईकमान से की जा चुकी है: सूत्रों के मुताबिक मौजूदा कैबिनेट में 5 से 6 मंत्रियों के खिलाफ काफी शिकायतें हैं. इसमें बुंदेलखंड के दो, मालवा-निमाड़ से एक, ग्वालियर संभाग के एक, मध्यभारत से एक और विंध्य से एक मंत्री शामिल हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने साफ कह चुके हैं कि सबको अपना-अपना काम निष्ठा से करना होगा. जिनकी शिकायत हो चुकी है उनके पास भारी भरकम विभाग हैं. हालांकि चुनाव के पहले सीएम कोई नाराजी मोल नहीं लेंगे.
मंत्रीमंडल विस्तार सीएम का विशेष अधिकार: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने में कुछ महीने ही बचे हैं और सरकार मंत्रिमंडल विस्तार में जुटी है. सभी जाति, वर्गों और क्षेत्र के संतुलन से शिवराज कैबिनेट में तीन विधायकों को मंत्री बनाने की तैयारी है. सरकार की तैयारी पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि ''यह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का विशेष अधिकार है, वह कभी भी इस पर फैसला ले सकते हैं और यदि विस्तार हो रहा है तो जल्द ही सामने आएगा." माना जा रहा है कि एक-दो दिन में राज्यपाल इन नए मंत्रियों को शपथ दिला सकते हैं.''