भोपाल। लॉकडाउन के कारण भोपाल की लाइफलाइन कही जाने वाली बीसीएलएल बस प्रबंधन और बस ऑपरेटर्स को करीब 50 लाख से ज्यादा का नुकसान हो सकता है. कोरोना महामारी और इसकी वजह से लगे लॉकडाउ के कारण bcll की बसें पिछले 2 माह से खड़ी हुई हैं और जब इसे सड़कों पर दौड़ने के आदेश दिए जाएंगे तो एक गाड़ी पर 25 हजार का खर्च आएगा तभी ये बसें फिर से सड़कों पर नजर आएंगी.
राजधानी भोपाल की लाइफ लाइन बीसीएलएल बसों की संख्या शहर में 200 से ज्यादा है. पूरे शहर में बीसीएलएल चप्पे-चप्पे पर लोगों को पहुंचाती है और लेकर आती है. जिनके पास ऑफिस या कहीं और जाने के लिए खुद के वाहन नहीं हैं उनके लिए ये बसें ही आखिरी ऑप्शन होता है, लेकिन पिछले 2 माह से ये बसें फिलहाल आईएसबीटी पर ही खड़ी हुई हैं
गाड़ियों पर ब्रेक बीसीएलएल और बस ऑपरेटर्स के लिए मुसीबत बन गया है. दरअसल जब सड़कों पर बसों के चलने के निर्देश दिए जाएंगे तो गाड़ी में इंजन ऑयल, ब्रेक ऑयल, सर्विसिंग ऐसे तमाम खर्च आएंगे प्रत्येक बस के हिसाब से ये खर्चा 25 हजार तक आएगा. शहर में ऐसी 200 बसें बीसीएलएल के पास हैं. बता दें बीसीएलएल ने 3 बस ऑपरेटर्स को बसों की जिम्मेदारी सौंप रखी है. इन्हीं की निगरानी में बसें चलती है और सारा मेंटेनेंस इन्हीं के हाथों में होता है.