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7 साल के बच्चे का हुआ बोन मैरो ट्रांसप्लांट सर्जरी, सरकार से मिली मदद, परिजनों ने जताया आभार - भोपाल चाइल्ड बोन मैरो ट्रांसप्लांट सर्जरी

शुजालपुर के वार्ड क्रमांक 3 में रहने वाले ऑटो चालक के 7 साल के बेटे का बोन मैरो ट्रांसप्लांट सर्जरी कराया गया है. बच्चे को खून न बनने की बिमारी थी(Bhopal child bone marrow transplant surgery). परिवार आर्थिक तंगी का शिकार था, जिसकी वजह से उसे सरकार से लेकर सामाज सेविकाओं से धन की मदद मिली और तभी बच्चे की सर्जरी की गई.

Bhopal child bone marrow transplant surgery
7 साल के बच्चे का हुआ बोन मैरो ट्रांसप्लांट सर्जरी
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Published : Jan 2, 2023, 11:01 PM IST

भोपाल। खून न बनने की बीमारी थैलेसीमिया से पीड़ित शुजालपुर निवासी 7 साल के बच्चे विनायक परमार की बोन मैरो ट्रांसप्लांट सर्जरी हो गई है. बच्चे के परिजनों ने शासकीय सहायता और जनसहयोग से 25 लाख रुपए के ऑपरेशन के सफल होने के बाद मदद करने वाले स्कूल शिक्षा और सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार के निवास पर पहुंचकर धन्यवाद ज्ञापित किया है. इसके साथ ही परिजन रोगी सेवा केंद्र हेल्प फॉर यू पर भी पहुंचे और जन सहयोग की मुहिम चलाकर बच्चे का समय पर उपचार करने के लिए आभार जताया(Bhopal child bone marrow transplant surgery).

7 साल के बच्चे का हुआ बोन मैरो ट्रांसप्लांट सर्जरी: शुजालपुर के वार्ड क्रमांक 3 में रहने वाले ऑटो चालक संतोष परमार के 7 साल के बच्चे विनायक को खून न बनने की थैलेसीमिया बीमारी थी. हर 15 दिन में खून चढ़ाने की जरूरत पड़ती थी और परिवार के पास केवल 6 हजार रुपए मासिक कमाई का ही जरिया था. बालक विनायक के स्थाई इलाज के लिए बोन मैरो ट्रांसप्लांट के लिए कलेक्टर शाजापुर दिनेश जैन से रेडक्रॉस मदद से मिली 25 हजार की सहायता से नवंबर 2020 में परिवार ने बड़ी बेटी चुनचुन और रोग ग्रसित विनायक के एचएलए की जांच कराई. जांच में बोन मैरो मैच होने के बाद इलाज में करीब 25 लाख रुपए का खर्चा आना बताया गया है.

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इतने लोगों ने किया मदद: भाई की जान बचाने के लिए बहन अपनी जिंदगी दांव पर लगाकर बोन मैरो देने के लिए तैयार थी, लेकिन परिवार के पास इलाज के लिए पैसा नहीं था. जिसके बाद स्कूल शिक्षा स्वतंत्र प्रभार और राज्य मंत्री परमार ने मध्यप्रदेश सरकार के साल 2016 में मानव सेवा के लिए रहीम राज्य सम्मान से सम्मानित शुजालपुर के निशुल्क रोगी सेवा केंद्र हेल्प फॉर यू को मार्गदर्शन किया. जिसके बाद कोल इंडिया कंपनी के सीएसआर मदद से 10 लाख, शुजालपुर विधायक और राज्यमंत्री इन्दर सिंह परमार की पहल पर मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान से 2 लाख और व्यक्तिगत 3 लाख कुल 5 लाख दिए थे. सांसद महेंद्र सिंह सोलंकी की अनुशंसा पर प्रधानमंत्री सहायता कोष से 3 लाख, रेड क्रॉस शाजापुर से 50 हजार की सहायता मिली थी. 1 लाख 4 हजार की राशि 40 लोगों ने जनसहयोग से और शेष राशि करीब 4 लाख समाजसेवी गीत बिंदल ने सामाजिक संस्था के माध्यम से सुलभ कराई थी.

पिता ने सभी का किया धन्यवाद: 21 अगस्त को ऑपरेशन के लिए बेंगलुरु के शासन चिन्हित मजूमदार अस्पताल में भर्ती होकर बालक विनायक उपचार के बाद 30 दिसंबर को शुजालपुर वापस आया. स्वस्थ होकर लौटे विनायक और उसके परिवार ने सोमवार को मदद के लिए इन्दर सिंह परमार के निवास पर पहुंचकर आभार जताया. राज्य मंत्री परमार ने परिजनों को आगे भी मदद के लिए आश्वस्त किया है. विनायक के पिता संतोष परमार ने विपत्ति के समय मध्य प्रदेश सरकार, केंद्र सरकार और रेड क्रॉस सोसायटी के साथ सभी जनसहयोग के लिए कृतज्ञता ज्ञापित की.

भोपाल। खून न बनने की बीमारी थैलेसीमिया से पीड़ित शुजालपुर निवासी 7 साल के बच्चे विनायक परमार की बोन मैरो ट्रांसप्लांट सर्जरी हो गई है. बच्चे के परिजनों ने शासकीय सहायता और जनसहयोग से 25 लाख रुपए के ऑपरेशन के सफल होने के बाद मदद करने वाले स्कूल शिक्षा और सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार के निवास पर पहुंचकर धन्यवाद ज्ञापित किया है. इसके साथ ही परिजन रोगी सेवा केंद्र हेल्प फॉर यू पर भी पहुंचे और जन सहयोग की मुहिम चलाकर बच्चे का समय पर उपचार करने के लिए आभार जताया(Bhopal child bone marrow transplant surgery).

7 साल के बच्चे का हुआ बोन मैरो ट्रांसप्लांट सर्जरी: शुजालपुर के वार्ड क्रमांक 3 में रहने वाले ऑटो चालक संतोष परमार के 7 साल के बच्चे विनायक को खून न बनने की थैलेसीमिया बीमारी थी. हर 15 दिन में खून चढ़ाने की जरूरत पड़ती थी और परिवार के पास केवल 6 हजार रुपए मासिक कमाई का ही जरिया था. बालक विनायक के स्थाई इलाज के लिए बोन मैरो ट्रांसप्लांट के लिए कलेक्टर शाजापुर दिनेश जैन से रेडक्रॉस मदद से मिली 25 हजार की सहायता से नवंबर 2020 में परिवार ने बड़ी बेटी चुनचुन और रोग ग्रसित विनायक के एचएलए की जांच कराई. जांच में बोन मैरो मैच होने के बाद इलाज में करीब 25 लाख रुपए का खर्चा आना बताया गया है.

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इतने लोगों ने किया मदद: भाई की जान बचाने के लिए बहन अपनी जिंदगी दांव पर लगाकर बोन मैरो देने के लिए तैयार थी, लेकिन परिवार के पास इलाज के लिए पैसा नहीं था. जिसके बाद स्कूल शिक्षा स्वतंत्र प्रभार और राज्य मंत्री परमार ने मध्यप्रदेश सरकार के साल 2016 में मानव सेवा के लिए रहीम राज्य सम्मान से सम्मानित शुजालपुर के निशुल्क रोगी सेवा केंद्र हेल्प फॉर यू को मार्गदर्शन किया. जिसके बाद कोल इंडिया कंपनी के सीएसआर मदद से 10 लाख, शुजालपुर विधायक और राज्यमंत्री इन्दर सिंह परमार की पहल पर मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान से 2 लाख और व्यक्तिगत 3 लाख कुल 5 लाख दिए थे. सांसद महेंद्र सिंह सोलंकी की अनुशंसा पर प्रधानमंत्री सहायता कोष से 3 लाख, रेड क्रॉस शाजापुर से 50 हजार की सहायता मिली थी. 1 लाख 4 हजार की राशि 40 लोगों ने जनसहयोग से और शेष राशि करीब 4 लाख समाजसेवी गीत बिंदल ने सामाजिक संस्था के माध्यम से सुलभ कराई थी.

पिता ने सभी का किया धन्यवाद: 21 अगस्त को ऑपरेशन के लिए बेंगलुरु के शासन चिन्हित मजूमदार अस्पताल में भर्ती होकर बालक विनायक उपचार के बाद 30 दिसंबर को शुजालपुर वापस आया. स्वस्थ होकर लौटे विनायक और उसके परिवार ने सोमवार को मदद के लिए इन्दर सिंह परमार के निवास पर पहुंचकर आभार जताया. राज्य मंत्री परमार ने परिजनों को आगे भी मदद के लिए आश्वस्त किया है. विनायक के पिता संतोष परमार ने विपत्ति के समय मध्य प्रदेश सरकार, केंद्र सरकार और रेड क्रॉस सोसायटी के साथ सभी जनसहयोग के लिए कृतज्ञता ज्ञापित की.

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