भोपाल। पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि सोशल मीडिया के जरिए लोगों को प्रलोभन देकर ये बदमाश उनके वाहन किराए पर लेते थे और फिर उन्हें कूटरचित दस्तावेज बनाकर या तो लोगों को बेच देते थे या गिरवी रखकर रकम उठा लेते थे. इन लोगों ने भोपाल के साथ ही ग्वालियर, विदिशा, नरसिंहगढ़, अशोकनगर और उत्तर प्रदेश के शहरों में इस प्रकार के अपराध किए हैं. लगातार मिल रही शिकायतों के बाद पुलिस इन बदमाशों को तलाश रही थी. आखिरकार ये गिरफ्त में आ ही गए.
सोशल मीडिया के माध्यम से फंसाया : भोपाल की मिसरोद पुलिस के अनुसार इन्नोवेटिव सेल्फ ड्राइव रेंटल कोर्स एवं ट्रैवल के नाम पर कंपनी बनाकर ये बदमाश सोशल मीडिया की मदद से लोगों को झांसे में लेते थे. वाहन मालिकों को महंगा किराए देने के लालच में फंसाया. शिकायतकर्ता द्वारा 5 सितंबर को मिसरोद पुलिस को आवेदन दिया गया था कि मनीष नायर नाम के आदमी को उसने तीन कारें किराए पर दी थीं. मनीष नायर और उसके दो साथी आशीष और नितिन सोनी इन तीनों ने आशिमा मॉल में ऑफिस बनाया हुआ है.
10 वाहन जब्त : पुलिस ने जब उस पते पर जाकर खोजबीन की तो ये लोग ऑफिस बंद कर वहां से गायब हो गए. इसके बाद पुलिस ने तकनीकी मदद से आरोपियों और गाड़ियों की तलाश शुरू की. पुलिस ने तीन आरोपियों के साथ-साथ 10 गाड़ियों को भी जब्त किया है. इमें चार मारुति अर्टिगा कार हैं. एक टाटा जेस्ट कार, एक मारुति बलेनो,एक मारुति स्विफ्ट, एक टाटा अल्ट्रोज, एक मारुति सियाज और एक अल्टो कार है. जिनकी अनुमानित कीमत लगभग एक करोड़ रुपए बताई गई है. पुलिस उपायुक्त जोन 2 श्रद्धा तिवारी का इस बारे में कहना है कि आरोपियों से पूछताछ जारी है.