भोपाल। बिलखिरिया थाना क्षेत्र में पांच दिन पहले खंडहर नुमा ढाबे में एक महिला का शव बरामद हुआ था. भोपाल के टीला जमालपुरा थाने में महिला की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज हुई थी. लेकिन उसके मृत्यु के कारण पुलिस को नहीं मिले थे. पुलिस ने इस अंधे कत्ल का खुलासा कर दिया है. इस मामले में नाबालिग समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है. महिला ब्याज पर रुपए देने का काम करती थी और मुख्य आरोपी ने उससे 50 हजार रुपए उधार ले रखे थे. मृतक महिला उससे मूलधन से ज्यादा ब्याज वसूल रही थी. पुलिस ने इस पूरे मामले में घटना के बाद तालाब में फेंका गया महिला का बैग और मोबाइल भी जब्त कर लिया है.
ढाबे में मिला था शव: भोपाल की एसपी देहात किरणलता केरकेट्टा ने बताया कि 23 अप्रैल को सुरजीत नामक व्यक्ति के खेत पर बने खंडहर ढाबे के कमरे में महिला की लाश मिली थी. महिला की चाकुओं से गोदकर हत्या की गई थी. जांच में पता चला कि महिला की हत्या के बाद साक्ष्य छिपाने का प्रयास किया गया है. इधर महिला की पहचान के लिए उसके फोटो सोशल मीडिया पर शेयर किए गए. इसके बाद मृतका की पहचान प्रीति कुशवाह पत्नी मलखान सिंह निवासी टीला जमालपुरा के रूप में हुई थी. परिजनों ने बताया कि ''प्रीति हबीबगंज स्थित स्पा सेंटर पर काम करती थी. 19 अप्रैल की सुबह वह काम पर जाने के लिए घर से निकली थी लेकिन वापस नहीं लौटी. जिसके बाद परिजनों ने थाना टीला जमालपुरा में उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई.''
पैसे देने के बहाने महिला को ले गए: पुलिस ने महिला के मोबाइल की सीडीआर निकलवाई और जिन नंबरों पर बातचीत हुई थी उन नंबरों से संबंधित लोगों से पूछताछ की गई. पता चला कि घटना वाले दिन शाम सवा सात बजे उसने किसी से पैसे लेने के लिए रायसेन रोड जाने की बात कही थी. महिला का स्कूटर उसके स्पा सेंटर के सामने खड़ा मिला. एक व्यक्ति ने उसे नर्मदा अस्पताल के सामने छोड़ा था. पुलिस ने अस्पताल से रायसेन रोड तक के सीसीटीवी कैमरे खंगाले तो पता चला कि महिला अस्पताल के सामने एक ऑटो में सवार हुई थी. ऑटो का नंबर मिलने पर उसके चालक को हिरासत में लिया और उससे जब पूछताछ हुई तो पूरा मामला खुल गया.
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ज्यादा ब्याज वसूल रही थी मृतका: इस पूरे मामले में हत्या के मुख्य आरोपी आदित्य उर्फ आदि ने प्रीति से 59 हजार रुपए उधार लिए थे. वह ऑटो चलाता था और उससे जो कमाता था उसे प्रीति ब्याज के नाम से वसूल कर लेती थी. आदि जब ब्याज भर-भरकर परेशान हो गया तो उसने अपने दोस्त सरफराज को सारी परेशानी बताते हुए खुदकुशी के विचार आने की बात कही. इस पर सरफराज ने महिला को ही रास्ते से हटाने की सलाह दी. योजना के तहत 18 अप्रैल की शाम आदित्य ने प्रीति को 50 हजार की व्यवस्था के लिए रायसेन रोड तक चलने को कहा. अगले दिन चारों आरोपियों ने उसे नर्मदा अस्पताल के सामने से ऑटो में बिठाया और बिलखिरिया ले जाकर प्रीति की हत्या कर दी. उसके बाद शव को उस खंडहर में फेंककर वहां से भाग गए. आरोपियों ने उसके बैग और फोन करोंद मंडी के पास तालाब में फेंक दिए. इस मामले में पुलिस ने आरोपी आदित्य, सरफराज, धीरेंद्र चौहान और एक नाबालिग को गिरफ्तार कर लिया है. वारदात में सरफराज के ऑटो का इस्तेमाल किया गया, जिसे जब्त कर लिया है.