भोपाल। सजना है मुझे सजना के लिए, करवा चौथ का थीम सॉग बना दिए गए इस गाने को करवा चौथ जैसे त्योहारों के आस पास हिंदुस्तानी औरत का एलान बना दिया गया है. तो क्या औरत का सिंगार और खूबसूरती केवल पति के लिए ही होती है. उसकी अपनी खुशी के लिए नहीं. क्या पति के मौत के साथ ही औरत का जिंदा लाश बन जाने का फैसला सही है. आंसूओं को समेटे गमों से आगे जिंदगी तलाशती देवास की रहने वाली अंजलि माधवानी ने अपने पति की मौत के दो साल बाद 2022 में मिसेज इंडिया कॉन्टेस्ट जीता. इसे किस निगाह से देखेंगे आप. यूं देखिए तो अंजलि का ये फैसला समाज की जाने कितनी रूढ़ियों को तोड़ गया है. अनसुने कर दिए जाने वाले औरत के कितने सवालों का जवाब अंजलि ने दिया है. अंजलि अब न्यूयार्क फैशन वीक के लिए तैयारी कर रही है. anjali became Mrs india husband death after, anjali role model for widowed women, anjali won beauty contest
रैम्प तक पहुंची कि मुझे टूटना नहीं था: शादी के बाद ही औरतें ब्यूटी पेजेन्ट से किनारा कर लेती हैं. फिर दो बच्चों की जवाबदारी संभाले अंजलि पति की मौत के बाद सौंन्दर्य स्पर्धा तक कैसे पहुंची. अंजलि कहती हैं, मैं बिखर जाती तो बच्चों को कैसे संभालती. दिन गुजर जाता था, लेकिन रात में ख्याल आता था. सबके बच्चों के साथ उनके पापा हैं पति हैं. मैं घबराती थी. फिर सोचा टूटना नहीं है. खड़ा करना है खुद को. मेरे इस तरफ बढ़ने की एक वजह ये भी थी कि अपना खोया हुआ कॉन्फिडेंस वापिस लाना चाहती थी. यू भी मेरे लिए खुबसूरती के मायने बिल्कुल अलग हैं. ब्यूटी इज नॉट अबाउट आप कैसे दिखते हो. आप भीतर से कितने सुंदर हो. आपके विचार कैसे हैं. आप खुद को कैरी कैसे करते हो ये ज़रुरी है और सच बताऊं रैम्प तक पहुंचने और क्राउन पहनने तक मुझे मेरी दुनिया के हर इंसान ने सपोर्ट ही किया है. मुझे खुद भी कभी महसूस नहीं हुआ कि मेरे हसबैंड नहीं है. जिस वक्त मैने क्राउन पहना वो मेरे साथ खड़े थे. 2020 में पति की मौत के बाद 2022 में खुद को एक ब्यूटी पेंजेंट के लिए खड़ा करना आसान किसी सूरत में नहीं था.
बच्चों के लिए जी गई और जीत गई: दो बच्चों के साथ हैप्पी फैमिली के फ्रेम में थी अंजलि और योगेश की जिंदगी. 2020 में इनकी शादी के दस साल पूरे होने वाले थे, लेकिन ये साल अंजलि को उम्र भर का सदमा दे गया. फरवरी 2020 में पति की लिवर सिरोसिस से मौत हो गई. 38 साल की उम्र में हुई मौत. कच्ची गृहस्थी. पांच और सात साल के छोटे बच्चों की जिम्मेदारी. रोने बैठ जाती तो बच्चों को संभालती कैसे. अंजलि पर पहाड़ तो टूटा लेकिन उसने खुद को टूटने नहीं दिया. अंजलि बताती है पहले तो लॉकडाउन ने इम्तेहान लिया. फिर कॉलेज शुरु हुए. तो बिज़ी हो गई. इसी दौरान मेरी सिस्टर ने मुझे कहा कि तेरा फिज़िक ऐसा है हर ड्रेस तुझ पर फबती है तू ब्यूटी पेजेंट में क्यों ट्राय नहीं करती. उसकी ज़िद से मैं यहां तक पहुंची. मुझे बच्चों को भी ये बताना था कि तुम्हारी मम्मा खास है. कमज़ोर नहीं है. अंजलि जोड़ती है सबसे बड़ी बात मेरे पैरेन्ट्स और मेरे इन लॉज का मुझे पूरा सपोर्ट मिला. हर कदम पर वो मेरे साथ रहे.
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माय लाईफ माय च्वाईस क्यों नहीं: अंजलि के लिए खूबसूरती के मायने भी अलग हैं. जिंदगी के कायदे भी अलग. वे कहती हैं मैं ज्यादा मैकअप नहीं करती. रूटीन लाईफ में मुझे बहुत संजने संवरने का शौक कभी नहीं रहा. ये सबकी अपनी च्वाइस है. वो कब कैसे रहना चाहता है. सबसे जरुरी है उसकी अपनी खुशी. अंजलि कहती हैं कि मेरे लिए आत्मा की सुंदरता ही खूबसूरती है. आपके विचार. आप का किरदार आपको खूबसूरत बनाता है. बाकी जैसा समाज में होता है. मेरी जिंदगी में जो हादसा हुआ उसका रत्ती भर असर मेरे इन लॉज़ और मेरे पैरेन्टस ने मुझ पर नहीं आने दिया. ये उन्ही का दिया साथ है कि मैं इतनी मुश्किलों से गुज़रकर उस मुकाम तक पहुंच पाई जिसका ख्वाब भी नहीं देखा था कभी. अंजलि पर कभी कोई बंदिशें नहीं लगाई गई. लेकिन समाज तो सवाल करता होगा. अंजलि बेबाकी से कहती है अव्वल तो मेरी दुनिया में दकियानुसी सोच के लोग ही नहीं हैं. होंगे भी तो उनकी मेरे सामने बोलने की हिम्मत नहीं. बोलें भी तो मैं परवाह नहीं करती. (anjali became Mrs india husband death after) (anjali role model for widowed women) (anjali won beauty contest)