भोपाल। आयुष्मान योजना में भुगतान नहीं होने से नाराज हॉस्पिटल संचालक डॉक्टर और सरकार के बीच सहमति बन गई है. इसके बाद यह सभी नियमित रूप से आयुष्मान धारी मरीजों का इलाज करेंगे. इसकी जानकारी देते हुए डॉक्टर्स एसोसिएशन के संरक्षक जेपी पालीवाल ने बताया कि ''स्वास्थ्य मंत्री प्रभु राम चौधरी ने उनके बकाया भुगतान को लेकर आश्वासन दिया है. जिसके बाद यह सभी सामान्य रूप से वापस आयुष्मान कार्डधारी मरीजों को इलाज देने में सक्षम रहें.''
अस्पताल संचालकों के सामने आर्थिक संकट: दरअसल पीएम मोदी और केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी आयुष्मान भारत योजना के तहत मरीजों का उपचार करने वाले अस्पताल संचालकों ने समय पर भुगतान नहीं होने का आरोप लगाते हुए सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. 15 तारीख यानी शनिवार शाम तक मांगों पर विचार नहीं होने की सूरत में रविवार से अपने अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड धारी मरीजों का इलाज नहीं करने की चेतावनी दी थी. इनका आरोप था कि 3 से 15 महीने तक का भुगतान रुका होने से निजी अस्पताल संचालकों के सामने आर्थिक संकट गहरा गया है. जिससे उन्हें अस्पताल के संचालन में काफी परेशानी आ रही हैं. यूनाइटेड प्राइवेट हॉस्पिटल्स डायरेक्टर्स एसोसिएशन ने आयुष्मान भारत योजना के तहत इन मरीजों का इलाज नही करेंने की बात कही.
बैठक में बनी सहमति: इसके बाद आयुष्मान भारत योजना के पदाधिकारियों, सरकार और डॉक्टर के बीच एक बैठक हुई जिसमें इनके भुगतान का जल्द निराकरण करने की बात कही गई. इसके पहले आयुष्मान योजना में इलाज नहीं करने की घोषणा के साथ ही एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने सरकार को अल्टीमेटम दिया कि आज शाम तक उनका भुगतान नहीं होता है तो वह शाम 5:00 बजे के बाद आयुष्मान से इलाज बंद कर देंगे. जिससे मरीजों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा.
600 करोड़ का होना है भुगतान: बता दें कि अकेले भोपाल के 100 करोड़ तो समूचे मध्यप्रदेश के 600 करोड़ रूपए का भुगतान होना शेष है. भुगतान नहीं होने से अस्पताल के सामने आर्थिक संकट गहराता जा रहा है. जिससे आगे सेवाएं देना संभव नहीं है. डॉक्टर जीशान अहमद ने साफ कहा था कि ''सरकार 31 मार्च 2023 तक के पेमेंट सेटलमेंट नहीं करती है तो वह न्यायालय की शरण में जाएंगे. लेकिन सरकार से मिले आश्वासन के बाद अब यह सभी आयुष्मान कार्ड धारक मरीजों का इलाज करेंगे.''