भिंड। मालनपुर थाने में पदस्थ प्रधान आरक्षक को ग्वालियर से आई लोकायुक्त पुलिस ने रंगे हाथों 20 हजार रुपय की रिश्वत लेते ट्रैप किया है. आरोपी ने फरियादी को झूठे केस में फँसाने की धमकी देते हुए घूस की माँग की थी. अब तक मामलों को रफादफा करने या किसी काम को आगे बढ़ाने के नाम पर रिश्वत की माँग के किससे सुने जाते थे, लेकिन भिंड के मालनपुर थाने में पदस्थ प्रधान आरक्षक मनीष पचौरी ने झूठे केस में फंसाने का डर दिखाकर बीस हजार की रिश्वत की माँग कर डाली. अपने साथ हो रही नाइंसाफी को देखते हुए फरियादी ने लोकायुक्त पुलिस का सहारा लिया और आरोपी आरक्षक को रंगे हाथों रिश्वत लेते गिरफ़्तार कराया.
इंसानियत के चक्कर में फँस गया फरियादी: मालनपुर थाने में पदस्थ प्रधान आरक्षक मनीष पचौरी ने शनिवार रात पहले से 307 और 354 के एक आरोपी कमल नागर की गिरफ़्तार की थी. गिरफ़्तारी के दौरान फरियादी विकास जाटव भी मौके पर आरोपी के साथ मौजूद था. ऐसे में उसे भी केस में जबरन फँसाने की धमकी देते हुए प्रधान आरक्षक ने घूस की माँग की.
झूठे केस में फंसाने के नाम पर मांगे रुपये: फरियादी विकास ने बताया कि शनिवार रात करीब 10 बजे कमल नागर नाम का शख्स मालनपुर स्थित उसकी गन्ने के रस की दुकान पर आया था. जहां उसने रस पिया और अपने दोनों पैर में फ्रैक्चर बताते हुए पास के इलाके में बाइक से छोड़ने की गुजारिश दुकान संचालक विकास से की. मानवता के चलते जब विकास उसे लेकर जा रहा था, उसी दौरान रास्ते में आरोपी प्रधान आरक्षक मनीष पचौरी अपने साथी आरक्षक आशीष शुक्ला के साथ एक मामले में आरोपी रहे कमल नागर को धर दबोचा और साथ ले गए. उस समय तो पीड़ित विकास को छोड़ दिया गया, लेकिन अगले दिन रविवार को दोनो आरक्षकों ने उसे थाने बुलाया और शराब की डिमांड की. साथ ही धमकी भी दी कि नागर ने अपने केस में उसका नाम भी लिया है, ऐसे में अब उस पर भी 307 लगाएँगे. इससे बचने के लिए 20 हजार रुपये देने होंगे.
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लोकायुक्त पुलिस से मदद मांगने पहुंचा फरियादी: बिना कोई गुनाह किए इस तरह फंसने से परेशान होकर फरियादी विकास सिंह जाटव सीधा लोकायुक्त ग्वालियर के पास पहुंचा और सारी स्थिति से अधिकारियों को अवगत कराया. साथ ही उनके द्वारा दी गयी डिवाइस पर आरोपी मनीष पचौरी का एक ऑडियो भी रिश्वत की माँग करते हुए रिकार्ड किया. प्राथमिक तौर पर मिले सबूतों के आधार पर लोकायुक्त पुलिस टीम ने कैमिकल लगे हुए नोट फरियादी को दिए और वे रुपये मालनपुर थाने पर पहुंच कर आरोपी मनीष के हाथ आए, तो लोकायुक्त ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया. केमिकल की मदद से उसके दोषी होने के प्रमाण भी हासिल कर लिए, लोकायुक्त की कार्रवाई में 17 सदस्यी टीम पहुँची थी.