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Bhanpur Khanti! 50 साल बाद भानपुर खंती कचरा मुक्त, अब बनेगा पिकनिक स्पॉट - नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ऑफिस एमपी

National Green Tribunal ने जनवरी 2018 में भानपुर खंती (bhanpur khanti) में कचरा डंपिंग बंद करने का निर्देश दिया था. मार्च 2018 में नगर निगम ने कचरा निष्पादन के लिए सौराष्ट्र एनवायरो प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को काम सौंपा था.

Garbage Free Bhanpur Khanti
भानपुर खंती कचरा मुक्त
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Published : Jun 8, 2021, 5:18 PM IST

भोपाल। पिछले 48 वर्षों से भानपुर खंती पर कचरे का पहाड़ बढ़ते जा रहा था. इस जगह से गुजरने वाले वाहनों में सवार लोग अक्सर अपनी गाड़ियों के शीशे बंद कर लेते थे. इसके अलावा भानपुर खंती के आसपास रहने वाले लोग किस प्रकार नरकीय जीवन जी रहे थे इसका बस अंदाजा ही लगाया जा सकता है. भानपुर खंती पर पिछले 48 वर्षों से भोपाल शहर का कचरा डंप हो रहा था, लेकिन 2018 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के एक आदेश के बाद अब इस इलाके से कचरा पूरी तरह हटा दिया गया है.

भानपुर खंती कचरा मुक्त
  • 3 साल बाद Garbage Free Bhanpur Khanti

National Green Tribunal ने जनवरी 2018 में भानपुर खंती (bhanpur khanti) में कचरा डंपिंग बंद करने का निर्देश दिया था. मार्च 2018 में नगर निगम ने कचरा निष्पादन के लिए सौराष्ट्र एनवायरो प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को काम सौंपा था. जिसके बाद मंगलवार 8 जून को करीब 3 साल बाद कंपनी ने भानपुर खंती से कचरे को पूरी तरह से हटा दिया है और अब यहां नगर निगम द्वारा सौंदर्यीकरण का काम शुरू किया जा रहा है.

MP में सियासी उठापटक को मंत्री तोमर ने नकारा, कहा- शिवराज सिंह ही रहेंगे मुख्यमंत्री

  • 1970 से शुरु हुआ कचरा जमा होना

भानपुर खंती में 1970 से भोपाल शहर का कचरा जमा हो रहा था. जिसके बाद पिछले 48 वर्षों में 36 एकड़ भूमि में कचरे के पहाड़ खड़े हो गए थे, लेकिन एनजीटी के आदेश के बाद अब यहां 21.03 एकड़ जमीन भी खाली हो गई है. जानकारी के मुताबिक, अब यहां पिकनिक स्पॉट बनाया जा सकता है. इसके साथ ही साइंटिफिक क्लोजर का काम भी पूरा कर लिया गया है. हालांकि आगे इस जमीन का प्रयोग किस तरह करना है यह भोपाल नगर निगम तय करेगा. फिलहाल सौंदर्यीकरण के लिए कचरे के अवशेष से बनाए गए 27 मीटर ऊंचे पहाड़ पर मिट्टी डालकर घास लगाई जा रही है और एक हिस्से में घास उगने भी लगी है.

  • व्यावसायिक और आवासीय परियोजना का काम

एडिशनल कमिश्नर एम पी सिंह के मुताबिक, यह 27 मीटर का पहाड़, जो लगभग 16 एकड़ जमीन पर है, इसे पार्क के रूप में विकसित किया जा रहा है और इसके अलावा जो जमीन खाली हुई है उसे लैंड यूज परिवर्तन के लिए टीएनसीपी के पास भेज दिया गया है. लैंड यूज़ में परिवर्तन होते ही उस पर कुछ व्यावसायिक और आवासीय परियोजना का निर्माण किया जा सकता है.

भोपाल। पिछले 48 वर्षों से भानपुर खंती पर कचरे का पहाड़ बढ़ते जा रहा था. इस जगह से गुजरने वाले वाहनों में सवार लोग अक्सर अपनी गाड़ियों के शीशे बंद कर लेते थे. इसके अलावा भानपुर खंती के आसपास रहने वाले लोग किस प्रकार नरकीय जीवन जी रहे थे इसका बस अंदाजा ही लगाया जा सकता है. भानपुर खंती पर पिछले 48 वर्षों से भोपाल शहर का कचरा डंप हो रहा था, लेकिन 2018 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के एक आदेश के बाद अब इस इलाके से कचरा पूरी तरह हटा दिया गया है.

भानपुर खंती कचरा मुक्त
  • 3 साल बाद Garbage Free Bhanpur Khanti

National Green Tribunal ने जनवरी 2018 में भानपुर खंती (bhanpur khanti) में कचरा डंपिंग बंद करने का निर्देश दिया था. मार्च 2018 में नगर निगम ने कचरा निष्पादन के लिए सौराष्ट्र एनवायरो प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को काम सौंपा था. जिसके बाद मंगलवार 8 जून को करीब 3 साल बाद कंपनी ने भानपुर खंती से कचरे को पूरी तरह से हटा दिया है और अब यहां नगर निगम द्वारा सौंदर्यीकरण का काम शुरू किया जा रहा है.

MP में सियासी उठापटक को मंत्री तोमर ने नकारा, कहा- शिवराज सिंह ही रहेंगे मुख्यमंत्री

  • 1970 से शुरु हुआ कचरा जमा होना

भानपुर खंती में 1970 से भोपाल शहर का कचरा जमा हो रहा था. जिसके बाद पिछले 48 वर्षों में 36 एकड़ भूमि में कचरे के पहाड़ खड़े हो गए थे, लेकिन एनजीटी के आदेश के बाद अब यहां 21.03 एकड़ जमीन भी खाली हो गई है. जानकारी के मुताबिक, अब यहां पिकनिक स्पॉट बनाया जा सकता है. इसके साथ ही साइंटिफिक क्लोजर का काम भी पूरा कर लिया गया है. हालांकि आगे इस जमीन का प्रयोग किस तरह करना है यह भोपाल नगर निगम तय करेगा. फिलहाल सौंदर्यीकरण के लिए कचरे के अवशेष से बनाए गए 27 मीटर ऊंचे पहाड़ पर मिट्टी डालकर घास लगाई जा रही है और एक हिस्से में घास उगने भी लगी है.

  • व्यावसायिक और आवासीय परियोजना का काम

एडिशनल कमिश्नर एम पी सिंह के मुताबिक, यह 27 मीटर का पहाड़, जो लगभग 16 एकड़ जमीन पर है, इसे पार्क के रूप में विकसित किया जा रहा है और इसके अलावा जो जमीन खाली हुई है उसे लैंड यूज परिवर्तन के लिए टीएनसीपी के पास भेज दिया गया है. लैंड यूज़ में परिवर्तन होते ही उस पर कुछ व्यावसायिक और आवासीय परियोजना का निर्माण किया जा सकता है.

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