भोपाल। समय पर और ईमानदारी से टैक्स देने वालों को न केवल सम्मानित किया जाएगा, बल्कि उन्हें सरकार की ओर से अतिरिक्त सुविधा भी दी जाएगी. एडिशनल रिसोर्स मोबिलाइजेशन समिति की बैठक में मुख्यमंत्री ने इस संबंध में निर्देश दिए हैं. उन्होंने भामाशाह पुरस्कार को फिर से चालू करने के लिए कहा है. साथ ही निर्देश दिए हैं कि टैक्स की चोरी को सख्ती से रोका जाए. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि विभिन्न विभागों के अनावश्यक व्ययों को कम किया जाए और राजस्व बढ़ाने के प्रयास किए जाएं.
"ई-वे बिल" को "फास्ट टैग" के साथ एकीकृत करें
मुख्यमंत्री ने वाणिज्यिक कर की पूरी वसूली के लिए "ई-वे बिल" को "फास्ट टैग" के साथ एकीकृत करने तथा सभी टोल नाकों पर फास्ट टैग सुविधा प्रारंभ करने के निर्देश दिए. इसके लिए समयबद्ध कार्यक्रम बनाया जाए. बकाया वाणिज्यिक कर की वसूली के लिए वन टाइम सैटलमेंट योजना पर भी कार्य किया जाए.
अवैध शराब की बिक्री व निर्माण रोकें
आबकारी आय में वृद्धि के लिए अवैध शराब की बिक्री एवं निर्माण सख्ती से रोका जाए. अन्य राज्यों की आबकारी नीति विशेष रूप से आंध्रप्रदेश मॉडल का अध्ययन कर वहां की बैस्ट प्रैक्टिसेज को अपनाया जाए. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए कि आदिवासियों की परंपराओं के साथ बिल्कुल छेड़छाड़ न की जाए. शराब की दुकानों पर कम्प्यूटराइजेशन कर टैक्स लीकेज रोके जाएं.
राज्य परिवहन पोर्टल को "वाहन पोर्टल" से एकीकृत करें
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि परिवहन क्षेत्र में राजस्व बढ़ाने के लिए राज्य परिवहन पोर्टल को केन्द्र सरकार के "वाहन पोर्टल" के साथ एकीकृत किया जाए. अपर मुख्य सचिव ने बताया कि यह कार्य आगामी जनवरी माह तक पूरा कर लिया जाएगा.
शहरी संपत्तियों को "संपदा-रजिस्ट्रेशन सॉफ्टवेयर" से जोड़ना
शहरी क्षेत्रों में संपत्तिकर की पूरी वसूली के लिए शहरी संपत्तियों को "संपदा रजिस्ट्रेशन सॉफ्टवेयर" से जोड़ा जाए. शहरी क्षेत्रों की नजूल भूमि के स्वत्वों का निर्धारण किया जाए. वनों से आय में वृद्धि के लिए बिगड़े वनों को निजी सहभागिता से सुधारा जाए.
निर्माण कार्यों पर खर्च कम किए जाएं
शासकीय निर्माण कार्यों पर खर्च कम करने के लिए एक राज्य स्तरीय अधोसंरचना विकास एजेंसी बनाई जाए, जो विभिन्न विभागों की अधोसंरचना निर्माण का कार्य करे. साथ ही निर्माण कार्यों को "फास्ट टैग" किया जाए.
उद्योगों के उपयोग के लिए भूमि के छोटे क्लस्टर
भोपाल एवं इंदौर जैसे बड़े शहरों के आसपास उद्योगों के उपयोग के लिए भूमि के छोटे क्लस्टर बनाए जाएं. साथ ही भोपाल एवं इंदौर की औद्योगिक उपयोग की भूमि को "एम.पी. मेगा इन्वैस्टमेंट रीजन एक्ट" के अंतर्गत अधिसूचित किया जाए. ऊर्जा की दर में कमी करने के लिए घरों पर "रैस्को मॉडल" के अंतर्गत सोलर पैनल लगवाए जाएं. इन पर प्रति यूनिट बिजली व्यय 3 रूपए 50 पैसे आता है.
"को-फाइनेंसिंग" एवं "ब्लैन्डेड फाइनेंसिंग"
अधिक से अधिक सरकारी प्रोजेक्ट्स वर्ल्ड बैंक, एडीबी, एआईआईबी, आदि के साथ "को-फाइनेंसिंग" तथा "ब्लैन्डेड फाइनेंसिंग" के आधार पर तैयार किए जाएं, जिससे इनके लिए राशि आसानी से उपलब्ध हो सके.