भोपाल। मध्य प्रदेश और राजधानी भोपाल में साइबर अपराधों का ग्राफ लगातार बढ़ता ही जा रहा है. मध्य प्रदेश के साथ-साथ राजधानी भोपाल में भी लगातार इस तरीके के मामले सामने आ रहे हैं. जालसाज नए-नए तरीके इजाद कर साइबर अपराधों को अंजाम दे रहे हैं. भोले भाले लोगों को अपने जाल में फंसा कर लाखों करोड़ों रुपए की ठगी कर रहे हैं. लॉकडाउन में जहां लोगों की जिंदगी पूरी तरह रुकी हुई थी वहीं साइबर ठग लॉकडाउन में भी चांदी काट रहे थे.
साइबर ठगी की हर महीने 200 से 300 शिकायतें
मध्य प्रदेश राज्य साइबर सेल के एसपी गुरुकरन सिंह ने बताया कि आधुनिक जमाने के साथ-साथ लोग आधुनिक उपकरणों का भी इस्तेमाल कर रहे हैं. बड़ी संख्या में लोग डिजिटल पेमेंट एप और नेट बैंकिंग का उपयोग कर रहे हैं. ऐसे में जालसाजों के लिए साइबर ठगी करना और भी आसान हो गया है. साइबर ठग रेंडम नंबरों पर फोन करते हैं और किसी इनाम या ऑफर का लालच देकर आपसे बैंक की डिटेल्स ले लेते हैं. इतना ही नहीं लोगों को जालसाज अपनी बातों में फंसा कर उनसे ओटीपी भी प्राप्त कर लेते हैं और पलक झपकते ही बैंक अकाउंट खाली कर देते है. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन और उसके बाद भी हर महीने साइबर अपराध की करीब 200 से 300 शिकायतें साइबर सेल के पास पहुंच रही है.
- किसी पॉलिसी या इनाम का लालच देकर जाल साज भोले-भाले लोगों से उनकी बैंक डिटेल्स लेते हैं. फिर मिनटों में ही उनके खाते का पैसा जालसाजों के खाते में पहुंच जाता है.
- सोशल मीडिया पर विशेष तौर से फेसबुक प्रोफाइल को हैक किया जा रहा है. इसके बाद जालसाज फ्रेंड लिस्ट के कांटेक्ट को मैसेज कर खुद किसी आपदा में फंसे होने का झांसा देकर पैसों की मांग करता है.
- ऑनलाइन शॉपिंग अन्य सेवाएं OLX, फेसबुक मार्केटप्लेस इंडिया मार्ट पर खरीदी और विक्रय के नाम पर अन्य सेवाओं की फर्जी वेबसाइट के जरिए ठगी की जा रही है.
- लॉकडाउन के दौरान सैनिटाइजर और मास्क विक्रय, ऑनलाइन ग्रॉसरी घर पहुंचने की सेवा के नाम पर चलाई जा रही फर्जी एप्लीकेशन और बल्क एसएमएस लिंक के माध्यम से भी वित्तीय ठगी की जा रही है.
- ऑनलाइन राशि ट्रांसफर करने के लिए प्रचलित UPI जैसे phone pe,G pay को हैक कर राशि की ऑनलाइन ठगी की जा रही है. यूपीआई के डिटेल प्राप्त करने के लिए फर्जी लिंक पर क्लिक करा कर जानकारी कर लेते है.
- हैकर गूगल डॉक्स जैसे लिंक के माध्यम से जानकारी प्राप्त की जाती है. यूपीआई उपयोगकर्ताओं के बैंक खातों से सीधे लिंक होता है. अगर उसका एक सेट हैकर के पास जाता है. तो उपयोगकर्ता के बैंक खाते में उपलब्ध राशि की ठगी की जाती है.
- महंगे गिफ्ट भेजने के नाम पर भी जालसाज ठगी कर रहे हैं. पहले आपको महंगा गिफ्ट भेजने का झांसा दिया जाता है. इसके बाद जालसाज खुद ही कस्टम ऑफिसर बन कर एयरपोर्ट पर गिफ्ट होने की बात कहता है. उसके क्लीयरेंस के लिए लाखों रुपए की मांग की जाती है या फिर लोगों को जेल भेजने की धमकी देकर उनसे रुपए ठगे जाते हैं.
- जालसाज OLX या अन्य वेबसाइट पर जालसाज फर्जी आईडी बनाते हैं. इसमें लग्जरी वाहनों को बहुत ही कम दाम पर बेचने की बात कहते हैं. जैसे ही कोई इनके जाल में फंसा तो उससे वाहन देखने या फीस के नाम पर ठगी करते हैं.
राज्य साइबर सेल के एसपी गुरुकरन के मुताबिक अपराधों से बचने के कुछ आसान तरीके हैं. इन टिप्स से आप साइबर ठगी के चंगुल से बच सकते हैं.
साइबर क्राइम में बचने के लिए साइबर सेल ने एडवाइजरी जारी की है.
साइबर अपराधों की यंहा करें शिकायत
साइबर सेल ने अपील की है कि अगर किसी के भी साथ साइबर ठगी होती है. तो वह तत्काल राज्य साइबर सेल के दफ्तर पहुंच कर शिकायत दर्ज करवा सकता है. अगर जल्द से जल्द शिकायत दर्ज करवाई. तो बैंक से रुपए ट्रांसफर होने से रोके जा सकते हैं. उन्होंने बताया कि पिछले दिनों समय पर शिकायत करने वालों के लगभग लाखों रुपए बचाए जा चुके हैं. इसके अलावा साइबर सेल ने एक हेल्प लाइन नंबर भी शिकायतों के लिए जारी किया है इस नंबर 7049106300 पर भी तत्काल शिकायत दर्ज करवाई जा सकती है.