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MP Election Commission : चुनाव प्रचार में पशुओं के इस्तेमाल पर रोक, आयोग ने सभी कलेक्टर को दिए निर्देश

नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव के प्रचार में उम्मीदवार पशुओं का उपयोग नहीं कर पाएंगे. मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग ने निकाय और पंचायत चुनावों में प्रचार में पशुओं के उपयोग पर रोक लगा दी है. ऐसा करने पर संबंधित के खिलाफ वन्य जीव संरक्षण की धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी. (Ban use of animals in election campaign) (Commission instructions to all collectors)

Ban use of animals in election campaign
चुनाव प्रचार में पशुओं के इस्तेमाल पर रोक
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Published : Jul 4, 2022, 12:12 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव राकेश सिंह ने नगरीय निकाय व पंचायत चुनाव में पशुओं के उपयोग पर सख्ती से रोक लगा दी है. इस बारे में सभी जिला कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी को निर्देश जारी किये गये हैं.

आदेश का उल्लंघन किया तो होगी कार्रवाई : मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग ने कहा है कि निकाय और पंचायत चुनाव के दौरान कोई भी उम्मीदवार पशुओं का प्रचार में उपयोग नहीं करेगा. भारत के संविधान के अनुच्छेद-51 क (छ) के मूल कर्त्तव्य के रूप में सजीव प्राणियों के प्रति करुणा दिखाने की अपेक्षा की गई है तथा पशुओं के प्रति क्रूरता का निवारण अधिनियम-1960 और वन्य-जीव संरक्षण अधिनियम-1972 में प्रताड़ना पर प्रतिबंध लगाया गया है.

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कांग्रेस ने की थी बीजेपी की शिकायत : इसके अलावा अन्य कार्यों के लिये पशुओं का उपयोग किया जाना प्रिवेंशन ऑफ क्रूएलिटी टू ड्रोट एण्ड पैक एनीमल्स रूल्स-1965 के द्वारा विनियमित किया जाता है. बता दें कि शनिवार को भोपाल के कोलार में बीजेपी द्वारा निकाली गई रैली में ऊंटों का करतब दिखाया गया था. इसको लेकर कांग्रेस ने राज्य निर्वाचन आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी और इसको लेकर बीजेपी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी.

भोपाल। मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव राकेश सिंह ने नगरीय निकाय व पंचायत चुनाव में पशुओं के उपयोग पर सख्ती से रोक लगा दी है. इस बारे में सभी जिला कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी को निर्देश जारी किये गये हैं.

आदेश का उल्लंघन किया तो होगी कार्रवाई : मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग ने कहा है कि निकाय और पंचायत चुनाव के दौरान कोई भी उम्मीदवार पशुओं का प्रचार में उपयोग नहीं करेगा. भारत के संविधान के अनुच्छेद-51 क (छ) के मूल कर्त्तव्य के रूप में सजीव प्राणियों के प्रति करुणा दिखाने की अपेक्षा की गई है तथा पशुओं के प्रति क्रूरता का निवारण अधिनियम-1960 और वन्य-जीव संरक्षण अधिनियम-1972 में प्रताड़ना पर प्रतिबंध लगाया गया है.

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कांग्रेस ने की थी बीजेपी की शिकायत : इसके अलावा अन्य कार्यों के लिये पशुओं का उपयोग किया जाना प्रिवेंशन ऑफ क्रूएलिटी टू ड्रोट एण्ड पैक एनीमल्स रूल्स-1965 के द्वारा विनियमित किया जाता है. बता दें कि शनिवार को भोपाल के कोलार में बीजेपी द्वारा निकाली गई रैली में ऊंटों का करतब दिखाया गया था. इसको लेकर कांग्रेस ने राज्य निर्वाचन आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी और इसको लेकर बीजेपी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी.

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