भोपाल। कोरोना काल के बीच प्रदेश में सियासी उठापटक चरम पर है. मार्च महीने से शुरू हुआ सियासी घटनाक्रम थमने का नाम नहीं ले रहा है. ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थकों के कांग्रेस छोड़ने से कमलनाथ सरकार गिरने के बाद बनी उपचुनाव की स्थिति के चलते लगातार कोई ना कोई सियासी घटनाक्रम सामने आ रहा है. इसी कड़ी में आज ग्वालियर चंबल के बीजेपी नेता बालेंदु शुक्ला ने 10 साल बाद कांग्रेस में घर वापसी की है. माधवराव सिंधिया के बाल सखा कहे जाने वाले बालेंदु शुक्ला ने 10 साल पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया से मनमुटाव के चलते कांग्रेस का दामन छोड़ दिया था और बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली थी. बीजेपी सरकार के दौरान वे सामान्य निर्धन वर्ग आयोग के करीब 6 साल तक अध्यक्ष रहे और उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा भी मिला, लेकिन हाल ही में बदले सियासी घटनाक्रम के बाद उन्होंने बीजेपी छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया है.
दरअसल 10 साल पहले जब उन्होंने कांग्रेसी छोड़ी थी, तो उसकी वजह भी ज्योतिरादित्य सिंधिया थे और अब जब 10 साल बाद उन्होंने बीजेपी छोड़ी है, तो उसकी वजह भी ज्योतिरादित्य सिंधिया बताए जा रहे हैं. कांग्रेस का दामन थाम चुके बालेंदु ने कहा है कि, उनकी बीजेपी में कोई उपयोगिता नहीं रह गई थी. इसलिए उन्होंने 10 साल बाद घर वापसी की है.
बताया जा रहा है कि, बीजेपी में उपेक्षा और सिंंधिया की आमद से बालेंदु शुक्ला नाराज चल रहे थे. कहा जाता है कि माधवराव सिंंधिया के बालसखा होने के बाद भी ज्योतिरादित्य सिंंधिया उनसे महाराज की तरह सम्मान चाहते थे. इसलिए उन्होंने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया.
बालेंदु शुक्ला के कांग्रेस में शामिल होने से प्रदेश में 24 सीटों पर होने वाले उपचुनाव से पहले बीजेपी को बड़ा झटका माना जा रहा है. कांग्रेस प्रदेश अध्य्क्ष व पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बालेंदु शुक्ल को आज अपने निवास पर कांग्रेस की सदस्यता दिलाई. सदस्यता मिलने के बाद बालेंदु शुक्ला ने कहा कि बड़े महाराज माधवराव सिंधिया मेरे मित्र रहे हैं. मैं 30 साल कांग्रेस में रहा0, पिछले 10 साल से बीजेपी में था. बीजेपी ने मुझे सम्मान दिया, लेकिन मेरी उपयोगिता नहीं रही. उन्होंने कहा कि, किसी प्रलोभन या चुनाव लड़ने के मकसद से कांग्रेस में नहीं आया हूं. कांग्रेस पार्टी मेरी उपयोगिता तय करेगी.
बता दें, बालेंदु शुक्ला का कांग्रेस में आना बीजेपी और सिंधिया दोनों के लिए बड़ा झटका है. शुक्ला ग्वालियर चंबल में ब्राह्मणों का चेहरा हैं. वो अर्जुन सिंह, मोतीलाल वोरा और दिग्विजय सिंह के मंत्रिमंडल में 13 साल तक मंत्री रहे हैं.