भोपाल। भोपाल में गांधी मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉ. बाला सरस्वती की खुदकुशी के बाद अब परतें खुलती जा रही हैं. केरल की सांसद की स्वास्थ्य मंत्री को लिखी चिट्ठी के बाद ये मामला अब देशव्यापी हो गया है. पहले इस मामले में जूनियर डॉक्टर्स ने डॉ अरुणा कुमार के खिलाफ मोर्चा खोला था. अब जूनियर डॉक्टर के बाद पहली बार गायनेकोलॉजी विभाग के प्रोफेसर भी अरुणा कुमार के खिलाफ खुलकर सामने आ गए हैं. एमपी मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के प्रोफेसरों ने एमपीटीए के अध्यक्ष को बाकायदा चिट्ठी लिखी है.
पत्र में क्या लिखा: इस पत्र में उन्होंने लिखा है कि डॉ अरुणा कुमार उन्हें मानसिक रुप से प्रताड़ित करती हैं. इन प्रोफेसर्स ने लिखा है कि इस मानसिक तनाव और माहौल के कारण हमारे पीजी-यूजी के छात्रों के पठन-पाठन की क्षमता प्रभावित हो रही है. हमें मानसिक रुप से प्रताड़ित किया जाता है, धमकियां दी जाती हैं. उधर इस मामले में केरल की सांसद बेनी बेहनन ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया को चिट्ठी लिखी है. जिसमें उन्होंने गांधी मेडिकल कॉलेज के संबंध में लिखा है कि यहां गायनेकोलॉजी विभाग में डॉक्टर्स को ऑपरशन थियेटर के उपकरणों से पीटा जाता है. उन्हें शारीरिक और मानसिक रुप से प्रताड़ित किया जाता है. जूनियर डॉक्टर अरुणा कुमार को हटाए जाने की मांग पर अड़े हैं. जबकि मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन ने जनरल बॉडी मीटिंग के बाद इस मामले में आगे बढ़ने का निर्णय लिया है.
अब मेडिकल टीचर्स ने खोला अरुणा कुमार के खिलाफ मोर्चा: मेडिकल टीचर एसोसिएशन ने एसोसिएशन के अध्यक्ष को चिट्ठी लिखी है. "उस चिट्ठी में उन्होंने बयां किया है कि किस तरीके से उन्हें प्रताड़ित किया जाता था. अरुणा कुमार किस तरह से मानसिक प्रताड़ना देती हैं. इसे 10 प्रोफेसरों की सामूहिक चिट्ठी में बयां किया गया है. इसमें बताया गया है कि किस तरह अरुणा कुमार उन्हें धमकियां देती हैं. बंधुआ मजदूर की तरह बर्ताव करती हैं और सीआर खराब करने की धमकी दी जाती है. अरुणा कुमार का खौफ है कि पहले भी कई सदस्य ये संकाय छोड़कर जा चुके हैं और खाली पदों पर कोई आना नहीं चाहता. इस तनाव का असर ये हो रहा है कि हम पढ़ा नहीं पा रहे हैं.
केरल की सांसद ने लिखी स्वास्थ्य मंत्री को लिखी चिट्ठी: ये मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. इस मामले में अब केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया को केरल की सांसद बेनी बेहनन ने चिट्ठी लिखकर ये बताया है कि "किस तरह से गायनेकोलोजी विभाग में काम कर रहे डॉक्टर से व्यवहार होता है. जूनियर डॉक्टर बीमार भी हो तो छुट्टी नहीं मिलती. उन्हें धमकियां मिलती है कि फेल कर दिए जाएंगे. सांसद के मुतबिक पैरेंट्स से जो भी जानकारी मिली, उन्हें जूनियार डॉक्टर्स के हालात के बारे में उसी के आधार पर ये चिट्ठी उन्होंने लिखी है."
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अरुणा कुमार के इस्तीफे तक जारी रहेगी हड़ताल: जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष संकेत का कहना है कि "जब तक गायनिक विभाग की पूर्व एचओडी रही अरुणा कुमार का इस्तीफा नहीं हो जाता. तब तक यह सभी इसी तरह हड़ताल जारी रखेंगे, क्योंकि गायनिक विभाग में जूनियर डॉक्टर और पीजी करने वाले स्टूडेंट्स के साथ अरुणा कुमार मनमानी और उन्हें प्रताड़ित किया करती थी. ऐसे में उनके विभाग में रहने से जांच भी प्रभावित होगी.
जनरल बॉडी मीटिंग के बाद आगे का फैसला: मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश मालवीय का कहना है कि गायनिक विभाग के प्रोफेसरस ने उन्हें एक पत्र दिया है. जिसमें सभी प्रोफ़ेसर ने अरुणा कुमार पर कई गंभीर भी आरोप लगाए हैं. ऐसे में शनिवार दोपहर 1 बजे जनरल बॉडी की बैठक और आमसभा रखी गई है. जिसके बाद आगे का फैसला लिया जाएगा.