भोपाल/पुणे। बागेश्वर सरकार के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अपने बयानों और कथा को लेकर अक्सर चर्चाओं में रहते हैं. पंडित धीरेंद्र शास्त्री के बयान अक्सर विवाद की वजह बनते हैं. वहीं इस बार अपने दिए एक बयान को लेकर पंडित धीरेंद्र शास्त्री बैकफुट पर आ गए हैं. बागेश्वर सरकार ने संत तुकाराम पर की गई टिप्पणी को लेकर बिना शर्म माफी मांगी है.
संत तुकाराम की समाधि पर करूंगा श्रद्धा सुमन अर्पित: बागेश्वर सरकार ने कहा कि संत तुकाराम के प्रति मेरे मन में गहरा सम्मान है. अगर मेरी पिछली टिप्पणियों ने अगर किसी को चोट पहुंचाई है, तो उस पर खेद व्यक्त करता हूं. धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि सभी के बात करने का लहजा अलग होता है, मैंने बुंदेलखंड में अपनी बात कही. जिससे किसी को चोट पहुंची हो. उन्होंने कहा संत तुकाराम हमारे आचार्य परंपरा में सनातन के लिए एक बड़ी विभूति हैं. तुकाराम साक्षात ईश्वर स्वरूप है. वहीं वारकरी समाज जो पंढरपुर की यात्रा करता है, उससे मैं काफी खुश हूं. ईश्वर से प्रार्थना करता हूं संत तुकाराम की कृपा बनी रही है. उन्होंने कहा कि जब भी वक्त मिलेगा मैं संत तुकाराम की ऐतिहासिक समाधि पर श्रद्धा सुमन अर्पित करने जाऊंगा.
मैं नहीं मानता तुकाराम को भगवान: धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि मैंने उन पर कोई टिप्पणी नहीं की. विवाद बनाने के लिए एक शब्द के अनेक अर्थ होते हैं. अपने हिसाब से लोग कई अर्थ निकाल लेते हैं. उन्होंने कहा कि मुझसे पूछा गया कि क्या संत तुकाराम भगवान हैं. तो मैंने यही कहा कि हमारे किसी धर्म ग्रंथ में उनका अवतार नहीं हैं. मैंने बस यही कहा कि उनके भगवान होने का किसी शास्त्र में जिक्र नहीं है, लेकिन संत भगवान के समान होते हैं. अपनी-अपनी आस्था के हिसाब से लोग अपने गुरु को भगवान मान सकते हैं. कोई अगर किसी को भगवान मानता है तो वह उसकी निजी आस्था है. मैं उसे रोक नहीं सकता.
पुणे में मांगी माफी: गौरतलब है कि एक वीडियो सामने आया था. जिसमें 'संत तुकाराम को लेकर बागेश्वर सरकार ने कहते हुए दिख रहे थे कि संत तुकाराम की पत्नी हर रोज उन्हें मारती थी.' यह बयान सामने आने के बाद धीरेंद्र शास्त्री का विरोध होने लगा था. वहीं उनके इस बयान पर वारकरी वर्ग ने काफी नाराजगी जताई थी. बता दें बागेश्वर सरकार पंडित धीरेंद्र शास्त्री की कथा महाराष्ट्र के पुणे में चल रही है. वहीं बीते रोज पुणे में जगदीश मुलिक फाउंडेशन द्वारा श्री हनुमान कथा एवं महादिव्य दरबार के आयोजन से पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उन्होंने माफी मांगी.