भोपाल। 'नासे रोग हरे सब पीरा'. कहते हैं रामभक्त हनुमान (hanuman) का जाप हर रोग से मुक्ति दिलाता है इसलिए संकट काल, विपत्ति काल या विपदा काल में बजरंगबली का नाम जपा जता है. खासकर, मंगलवार का दिन सर्वोत्तम माना जाता है पीड़ा मुक्त होने में. बात ज्येष्ठ मास (jyestha maas) की. ज्येष्ठ मास में पड़ने वाले सभी मंगलवार को बड़ा मंगलवार (bada mangal )कहा जाता है. आज ज्येष्ठ मास का दूसरा बड़ा मंगलवार है. इस दिन हनुमान मंदिरों को विशेष पूजा और आरती होती है. भक्तों के लिए लंगर और भंडारे की भी व्यवस्था की जाती है. हालांकि कोरोना काल में आप घर पर ही बजरंगबली की पूजा करें. हनुमान जी को बल और बुद्धि का देवता माना जाता है.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हनुमान जी अपने भक्तों को शीघ्र फल प्रदान करते हैं, इसीलिए इन्हें कलयुग का देवता माना गया है. मान्यता के अनुसार हनुमान जी की आराधना करते समय नियम, संयम का पालन करना बहुत जरूरी है. इनकी अराधना करने में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं करनी चाहिए. भगवान राम को सभी संकट से दूर रखने के लिए इन्हें संकटमोचक भी कहा जाता है. हनुमान के अनेक रूप है उनमें से एक 'वज्र रूप' है. वज्र रूप वाले हनुमान जी को बजरंगबली कहा जाता है. आज बड़े मंगलवार पर हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए.
1. ॐ दक्षिणमुखाय पच्चमुख हनुमते करालबदनाय-
मंगलवार के दिन उपरोक्त मंत्र का जाप करने से व्यक्ति प्रेत बाधा एवं अन्य नकारात्मक शक्तियों से बचा रहता है।
2.नारसिंहाय ॐ हां हीं हूं हौं हः सकलभीतप्रेतदमनाय स्वाहाः
इस मंत्र का जाप करना बेहद लाभकारी है। इसका जाप 11 या 21 बार किया जाना चाहिए। यह मंत्र भी प्रेत बाधा एवं अन्य नकारात्मक शक्तियों से बचाव करता है।
3. मर्कटेश महोत्साह सर्वशोक विनाशन।
मंगलवार के दिन उपरोक्त मंत्र का जाप 108 बार करें। इससे नौकरी लगने में आ रही बाधा दूर हो जाती है।
4. मंगल भवन अमंगलहारी द्रवहु सो दशरथ अजिर विहारी।
इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। साथ ही मनोकामनाएं भी पूरी हो जाती हैं। इस मंत्र का जाप रोजाना किया जा सकता है।
5. ऊं हं हनुमते नम:
इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को हर कष्ट और रोग से मुक्ति मिल जाती है। यह मंत्र बेहद लाभकारी होती है।
पूजन विधि
पूजा स्थान पर हनुमान जी की मूर्ति या तस्वीर को स्थापित कर दें. फिर उनको लाल पुष्प, सिंदूर, रोली, अक्षत्, धूप, दीप आदि अर्पित करें और लड्डू का भोग लगाएं. पवित्र और शांत वातावरण में बजरंग बाण का पाठ करें. बजरंग बाण का पाठ विशेष मनोरथ की पूर्ति के लिए किया जाता है. पाठ के बाद हनुमान जी की आरती करें. हनुमान जी के अनुष्ठान में दीपदान का विशेष महत्व होता है.
बजरंग बाण का भी करें जाप
1. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, बजरंग बाण का पाठ करने से ह्रदय और ब्लड प्रेशर रोगियों को स्वास्थ्य लाभ मिलता है।
2. नियमित रूप से बजरंग बाण का पाठ करने से आत्म-विश्वास और साहस में वृद्धि होती है।
3. किसी काम को करने से पहले, डरने या कमजोर बच्चों को बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए।