भोपाल। साइबर क्राइम में धोखाधड़ी के एक शिकायत के मामले में आज एडिशनल एसपी दीपक ठाकुर लोकायुक्त की विशेष अदालत में पेश होंगे. कोर्ट ने इस मामले में साइबर क्राइम की महिला हवलदार और दो सिपाहियों को पहले ही जेल भेजने के आदेश दे दिए हैं. मामला 2012 में धोखाधड़ी के एक मामले में पद के दुरुपयोग की शिकायत से जुड़ा है. जांच के बाद लोकायुक्त पुलिस ने साल 2015 में साइबर सेल के तत्कालीन डीएसपी दीपक ठाकुर, हवलदार इरशद परवीन, आरक्षक सौरभ भट्ट और इंद्रपाल के खिलाफ पद के दुरुपयोग का केस दर्ज किया था.
क्या है पूरा मामला
एसपी लोकायुक्त मनु व्यास ने बताया कि पुणे निवासी रेनी जोहार और उनके बेटे गुलशन जोहर ऑनलाइन कैमरा भेजने का व्यापार करते थे. साल 2012 में विक्रम राजपूत ने उनसे एक कैमरा खरीदा था. कैमरा खराब निकला तो विक्रम ने रैनी जोहर से कैमरा वापस लेने के लिए कहा. कैमरा वापस ना होने पर उन्होंने इसकी शिकायत साइबर सेल में की थी.
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जांच के बाद दर्ज हुआ था मुकद्दमा
मामले की जांच के बाद साइबर क्राइम में मां बेटे को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. जेल से छूटने के बाद मां बेटे ने साइबर सेल के तत्कालीन डीएसपी दीपक ठाकुर, आरक्षक इरशाद परवीन, आरक्षक सौरभ भट्ट ,आरक्षक इंद्रपाल के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी, इसमें कहा गया था कि संबंधित पुलिसकर्मियों की ओर से मामले में 5 लाख रुपए की मांग की गई थी और पैसे न देने पर उन्हें जेल भेज दिया गया. शिकायत को संज्ञान में लेकर लोकायुक्त ने जांच की और मुकद्दमा दर्ज कराया था.
अब एएसपी पर लटकी कार्रवाई की तलवार
इस मामले में लोकायुक्त की विशेष अदालत ने हवलदार और दो सिपाहियों को जेल भेज दिया है. जेल भेजे गए पुलिसकर्मी में एक महिला पुलिस हवलदार भी शामिल है. इस मामले में एडिशनल एसपी दीपक ठाकुर के ऊपर कार्रवाई की तलवार लटक रही है. फिलहाल, मामले में आज एएसपी भी कोर्ट में पेश होंगे.