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7 सूत्रीय मांगों को लेकर आशा कार्यकर्ताओं की हड़ताल जारी

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Published : Jun 22, 2021, 9:39 PM IST

राजधानी में आशा कार्यकर्ता अपनी 7 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर है. उन्होंने खुद को वैक्सीनेशन महाअभियान से भी दूर रखा है. उन्होंने कहा कि अगर उनकी मांगों पर विचार नहीं किया गया, तो वह आगे अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगी.

Asha workers protesting
प्रदर्शन करती आशा कार्यकर्ता

भोपाल। राजधानी सहित पूरे प्रदेश में आशा कार्यकर्ता अपनी 7 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं. सोमवार को प्रदेश में हुए वैक्सीनेशन महाअभियान से भी उन्होंने खुद को दूर रखा. मंगलवार को आशा कार्यकर्ता गांधी नगर स्थित सामुदायिक स्वास्थय केंद्र पहुंची. यहां उन्होंने सांकेतिक रूप से अपनी मांगों लेकर प्रदर्शन किया. स्वास्थ्य कर्मचारी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष कल्याण सिंह ठाकुर ने कहा कि अगर शासन या NRHM इनकी मांगों पर विचार नहीं करता है, तो स्वास्थ्य कर्मचारी संगठन भी उनके साथ सड़कों पर उतर जाएगा और राष्ट्रीय टीकाकरण से संबंधित कोई कार्य भी नहीं करेगा.

आशा कार्यकर्ताओं की हड़ताल

7 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल

आशा सहयोगिनी संगठन की जिला अध्यक्ष कविता सैनी ने कहा है कि सरकार उनकी 7 सूत्रीय मांगों पर विचार करें. आशा कार्यकर्ता दो साल से कोरोना महामारी में लगातार अपनी सेवाएं दे रही हैं. आशा,उषा कार्यकर्ताओं ने बताया कि वो कई बार मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री और NRHM में अपनी मांगों को लेकर आवेदन दे चुकी हैं, लेकिन उनकी मांगो को अनसुना किया जा रहा है. आशा कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों को नहीं माना गया तो वो अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चली जाएंगी.

national health mission
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन

7 सूत्रीय मांगों को लेकर आशा कार्यकर्ताओं ने किया हड़ताल का ऐलान

कोरोना काल में पूरी जिम्मेदारी से किया काम

राष्ट्रीय टीकाकरण और गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य और टीकाकरण की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी आशा कार्यकर्ताओं के ऊपर है. इसके अलावा कोरोना महामारी में भी उनको जो जिम्मेदारी दी गई है वह उसे भी पूरी जिम्मेदारी से निभा रही है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह (CM Shivraj Singh Chouhan) ने भी कोरोना संक्रमण के समय टीकाकरण ड्यूटी पर उन्हें 200 रुपए से अधिक मानदेय देने की घोषणा की थी, जो आज तक उन्हें नहीं मिला.

भोपाल। राजधानी सहित पूरे प्रदेश में आशा कार्यकर्ता अपनी 7 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं. सोमवार को प्रदेश में हुए वैक्सीनेशन महाअभियान से भी उन्होंने खुद को दूर रखा. मंगलवार को आशा कार्यकर्ता गांधी नगर स्थित सामुदायिक स्वास्थय केंद्र पहुंची. यहां उन्होंने सांकेतिक रूप से अपनी मांगों लेकर प्रदर्शन किया. स्वास्थ्य कर्मचारी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष कल्याण सिंह ठाकुर ने कहा कि अगर शासन या NRHM इनकी मांगों पर विचार नहीं करता है, तो स्वास्थ्य कर्मचारी संगठन भी उनके साथ सड़कों पर उतर जाएगा और राष्ट्रीय टीकाकरण से संबंधित कोई कार्य भी नहीं करेगा.

आशा कार्यकर्ताओं की हड़ताल

7 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल

आशा सहयोगिनी संगठन की जिला अध्यक्ष कविता सैनी ने कहा है कि सरकार उनकी 7 सूत्रीय मांगों पर विचार करें. आशा कार्यकर्ता दो साल से कोरोना महामारी में लगातार अपनी सेवाएं दे रही हैं. आशा,उषा कार्यकर्ताओं ने बताया कि वो कई बार मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री और NRHM में अपनी मांगों को लेकर आवेदन दे चुकी हैं, लेकिन उनकी मांगो को अनसुना किया जा रहा है. आशा कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों को नहीं माना गया तो वो अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चली जाएंगी.

national health mission
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन

7 सूत्रीय मांगों को लेकर आशा कार्यकर्ताओं ने किया हड़ताल का ऐलान

कोरोना काल में पूरी जिम्मेदारी से किया काम

राष्ट्रीय टीकाकरण और गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य और टीकाकरण की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी आशा कार्यकर्ताओं के ऊपर है. इसके अलावा कोरोना महामारी में भी उनको जो जिम्मेदारी दी गई है वह उसे भी पूरी जिम्मेदारी से निभा रही है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह (CM Shivraj Singh Chouhan) ने भी कोरोना संक्रमण के समय टीकाकरण ड्यूटी पर उन्हें 200 रुपए से अधिक मानदेय देने की घोषणा की थी, जो आज तक उन्हें नहीं मिला.

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