इंदौर। प्रदेश में उपचुनाव (By-Election) की तारीख नजदीक आते ही सियासी उठा-पटक तेज हो गई है. कांग्रेस (Congress) के पूर्व विधायक सुलोचना रावत (Sulochana Rawat) के बीजेपी (BJP) में शामिल होने के बाद कांग्रेस के सामने एक और समस्या खड़ी हो गई है. इस बीच खंडवा लोकसभा सीट से सबसे मजबूत दावेदार माने जा रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव (Arun yadav) ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है. माना जा रहा है कि केंद्रीय नेतृत्व के हस्तक्षेप के बाद उन्होंने यह फैसला किया है. अरुण यादव ने खुद ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है.
अरुण यादव ने ट्वीट कर कहा है कि, आज पीसीसी चीफ कमलनाथ, राष्ट्रीय महासचिव मुकुल वासनिक से दिल्ली में व्यक्तिगत तौर पर मिलकर अपने पारिवारिक कारणों से खंडवा संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से अपनी उम्मीदवारी और प्रत्याशी न बनने को लेकर लिखित जानकारी दे दी है. अब पार्टी जिसे भी उम्मीदवार बनाएगी, उनके समर्थन में पूर्ण सहयोग करूंगा.'
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आज कमलनाथ जी, मुकुल वासनिक जी से दिल्ली में व्यक्तिगत तौर पर मिलकर अपने पारिवारिक कारणों से खण्डवा संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से अपनी उम्मीदवारी प्रत्याशी न बनने को लेकर लिखित जानकारी दे दी है, अब पार्टी जिसे भी उम्मीदवार बनाएगी मैं उनके समर्थन में पूर्ण सहयोग करूंगा ।@INCIndia
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— Arun Subhash Yadav 🇮🇳 (@MPArunYadav) October 3, 2021
जल्द ही राहुल गांधी से मिलेंगे अरुण यादव
एक अन्य ट्वीट में यादव ने कहा है कि 'आज नई दिल्ली में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ, राष्ट्रीय महामंत्री एवं प्रदेश प्रभारी मुकुल वासनिक से भेंटकर लोकसभा उपचुनाव से संबंधित संगठनात्मक व राजनीतिक परिस्थितियों को लेकर उनके समक्ष अपना पक्ष रखा. चर्चा सौहार्द्रपूर्ण रही. इसमें मैंने उनसे यह आग्रह किया कि यदि पार्टी किसी समर्पित कार्यकर्ता को प्रत्याशी बनाना चाहे तो वे उसकी पूरी मदद करेंगे. पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने कहा है कि वे जल्द ही राहुल गांधी से मिलकर संपूर्ण राजनीतिक परिस्थितियों से उन्हें अवगत कराएंगे.'
अंदरूनी गुटबाजी को बताया जा रहा वजह
उधर, अरुण यादव के चुनाव लड़ने से इनकर के पीछे पार्टी में अंदरूनी गुटबाजी को बड़ी वजह बताया जा रहा है. अरुण यादव के नाम फाइनल होने के पहले पिछले दिनों पूर्व सीएम और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर उन्हें बधाई दी थी. वहीं अरुण यादव की चुनाव लड़ने से पीछे हटने को लेकर बीजेपी ने चुटकी ली है. बीजेपी प्रवक्ता हितेश वाजपेई ने ट्वीट कर कहा है कि जब पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने अरुण यादव को आशीर्वाद दिया था तभी यह साफ हो गया था कि राजा ने खेल कर दिया है.
8 अक्टूबर को नामांकन
एमपी की खंडवा सीट पर लोकसभा (Khandwa Loksabha seat) के लिए उपचुनाव होने हैं. इसके लिए 8 अक्टूबर को नामांकन किया जाएगा. कांग्रेस की ओर से अब तक इस सीट के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव (Congress Leader Arun Yadav) को प्रबल दावेदार माना जा रहा था. हालांकि, बुरहानपुर से निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा (MLA Shera Singh) और राजनारायण सिंह भी टिकट की दौड़ में शामिल हो गए हैं. ऐसे में अरुण यादव के चुनाव न लड़ने की खबर के बाद से किस नाम पर अंतिम मुहर लगती है, ये देखने वाली बात होगी.
खंडवा लोकसभा सीट स्थिति
खंडवा लोकसभा सीट में 8 विधानसभा सीट शामिल है. इसमें बागली, पंधाना, भीखनगांव, मंधाता, नेपानगर, बड़वाह, खंडवा, बुरहानपुर है. तीन पर बीजेपी, 4 पर कांग्रेस और 1 सीट पर निर्दलीय का कब्जा है.
खंडवा सीट का समीकरण
- मतदाता: 17,59,410
पुरुष: 9,12,747
महिला: 8,46,663 - यहां की 76.26 फीसदी ग्रामीण और 23.74 फीसदी आबादी शहरी क्षेत्र में रहती है.
- खंडवा में 10.85 फीसदी अनुसूचित जाति और 35.13 फीसदी आबादी अनुसूचित जनजाति की है.