भोपाल। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद वंदे मातरम पर एक बार फिर सियासत गरमा सकती है, क्योंकि कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने वंदे मातरम बोलने से मना कर दिया है. उन्होंने दलील देते हुये कहा कि शरीयत उन्हें वंदे मातरम बोलने की इजाजत नहीं देती.
भोपाल की मध्य विधानसभा सीट से विधायक मसूद ने कहा कि उनकी बुनियादी लड़ाई शरीयत है और उसकी खातिर वह वंदे मातरम नहीं बोल सकते. वे सीहोर जिले की श्यामपुर तहसील में आयोजित मेव समाज के राष्ट्रीय जलसा कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे थे, जहां पूर्व विधायक रमेश सक्सेना ने भारत माता की जय ओर वंदेमातरम के नारे लगवाए.
इसके बाद जब विधायक आरिफ मसूद के संबोधन की बारी आयी तो उन्होंने माइक संभालते ही कहा कि उनके विधायक ने भले ही नारे लगवाये हों, लेकिन वह वंदे मातरम नहीं बोल सकते, क्योंकि शरीयत उन्हें इसकी इजातत नहीं देती. उन्होंने कहा कि वह शरियत के साथ समझौता नहीं कर सकते.
हालांकि उन्होंने कहा कि वंदे मातरम के नारे से बताना है कि हम देश के वफादार हैं तो ये बेईमानी है. उन्होंने कहा कि इस देश के लिये वह जान की बाजी लगाते आये हैं और आगे भी लगाते रहेंगे, लेकिन उन्हें कम से कम वह पाठशाना न पढ़ायी जाये, जिसका वह विरोध करते आये हैं.
जिस कार्यक्रम में उन्होंने वंदे मातरम बोलने से इनकार किया, उसमें पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुरेंद्र सिंह ठाकुर, विधायक कुणाल चौधरी सहित अन्य नेता भी मौजूद थे. ऐसे में आरिफ मसूद का ये बयान कांग्रेस के लिये मुश्किल खड़ी कर सकता है. हालांकि उन्होंने अपनी धार्मिक मान्यताओं का तर्क दिया है, लेकिन उनके इस बयान की चारों तरफ निंदा हो रही है.