भोपाल। हमीदिया अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीजों की रहस्यमय मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. सोमवार को एक मरीज ने कोविड-19 ब्लॉक-डी की छठी मंजिल से कूदकर जान दे दी थी. वहीं आज मंगलवार को भी एक और वृद्ध मरीज का शव बाथरूम में मिला है. परिजनों का आरोप है कि दिन में उनकी मौत की सूचना उन्हें 12 बजे के बाद मिली. इससे पहले उनकी मरीज से वीडियो कॉलिंग के जरिए बातचीत हुई थी. लगातार हो रही कोविड मरीजों की रहस्यमय मौत से कई सवाल उठ रहे हैं. पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंचकर कार्रवाई कर रहा है. एएसपी रामसनेही मिश्रा ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है. फॉरेंसिक टीम को शव की जांच करने के लिए भेजा गया है.
- आज अस्पताल से होने वाली थी छुट्टी
हमीदिया के कोविड-19 के डी ब्लॉक में 85 वर्षीय गणपत सिंह को 5 मई को भर्ती कराया गया था. पहले उन्हें 5 बी बेड नंबर 548 में रखा गया. इसके बाद 6 ए बेड नंबर 607 में रखा गया. मंगलवार को दोपहर में उनके परिजनों को सूचना दी गई कि उनकी मृत्यु हो गई है. वह बाथरूम में गिर गए हैं. डॉक्टर ने चेक करने के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया. परिजनों ने बताया कि कुछ ही देर पहले उनसे वीडियो कॉल पर बात हुई थी. वह स्वास्थ्य थे बातचीत कर रहे थे. आज हम उनकी छुट्टी करवाने वाले थे, लेकिन जैसे ही सूचना मिलती है कि उनकी मृत्यु हुई है. हम भरोसा नहीं कर पाए. घटना के पीछे कहीं ना कहीं कोई रहस्य जरूर है, जो अस्पताल प्रबंधन छुपा रहा है.
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- परिजनों का दावा गले पर मिले निशान
मृतक के परिजन दावा कर रहे हैं कि शरीर पर कहीं भी चोट के निशान नहीं है, लेकिन गले पर काले निशान बने हुए. जबकि अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि मरीज की बाथरूम में गिरने से मौत हुई है, लेकिन उनके शरीर पर कहीं भी कोई चोट का निशान नहीं है.
हमीदिया अस्पताल की छठी मंजिल से कूदकर मरीज ने की आत्महत्या
- फॉरेंसिक टीम कर रही जांच
एएसपी रामसनेही मिश्रा ने बताया कि जांच के लिए फॉरेंसिक टीम के एक्सपर्ट को भेजा गया है. उनके साथ परिजन भी गए हैं. पूरे मामले की जांच की जा रही है.
- सोमवार को छठी मंजिल से कूदकर मरीज ने की थी आत्महत्या
इस घटना से पहले सोमवार को भी एक 50 वर्षीय मरीज ने डी ब्लॉक की छठी मंजिल से कूदकर जान दे दी थी. उस दौरान भी परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए थे. जिसकी अभी जांच जारी है. मृतक के भाई ने बताया कि हमें घटना की सत्यता पर संदेह है, जो अस्पताल प्रबंधन बता रहा है. वहां मौजूद मरीजों ने जो बताया है उससे लगता है कि प्रबंधन कुछ ना कुछ बात छुपा रहा है.