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अब सीधे अस्पतालों में मिलेंगे एंफोटरइसिन-बी इंजेक्शन, सरकार ने जारी किए आदेश - म्यूकारमायकोसिस

अब सीधे अस्पतालों में एंटीफंगल इंजेक्शन मरीजों को उपलब्ध हो सकेंगे. मेडिसिन दुकानों पर इसे नहीं बेचा जायेगा.

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एंफोटरइसिन-बी इंजेक्शन
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Published : May 17, 2021, 5:16 PM IST

भोपाल। ब्लैक फंगस से संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए एंफोटरइसिन-बी इंजेक्शन की मांग लगातार की जा रही हैं. लिहाजा इंजेक्शन की आपूर्ति और वितरण के लिए आदेश जारी कर दिए गए हैं. इसके लिए नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने इंजेक्शन की कालाबाजारी और जमाखोरी पर नियंत्रण, उपलब्धता और खपत पर निगरानी रखने के आदेश दिए हैं. अब अस्पतालों में सीधे तौर पर एंटीफंगल इंजेक्शन मरीजों को उपलब्ध हो सकेंगे. यह इंजेक्शन अब दवा की दुकानों पर नहीं मिलेंगे.

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सरकार ने जारी किए आदेश

उपयोगी है इंजेक्शन


महामारी की दूसरी लहर में यह बात सामने आई है कि पोस्ट कोविड-19 मरीज फंगस इंफेक्शन की चपेट में आ रहे हैं. पोस्ट कोविड कॉम्प्लिकेशन के रूप में म्यूकारमायकोसिस यानी ब्लैक फंगस के संक्रमण से ग्रसित हो रहे हैं. इलाज में कारगर दवा एंफोटरइसिन-बी इंजेक्शन की प्रदेश में मांग बढ़ गई हैं, जो चिकित्सकों द्वारा इस बीमारी से संक्रमित मरीजों को बताई जा रही हैं.

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सरकार ने जारी किए आदेश

ब्लैक फंगस ने दी दस्तक: एक की मौत, एक की गई रोशनी


सरकार इस तरह करेगी इंजेक्शन की निगरानी

  • एंफोटरइसिन-बी इंजेक्शन केवल गंभीर मरीजों के इलाज में प्रयुक्त की जाती हैं. इसका उपयोग विवेक पूर्ण रूप से चिकित्सीय निगरानी में किया जाए.
  • एंफोटरइसिन-बी इंजेक्शन के निर्माता कंपनी द्वारा उनके c&f या स्टॉकिस्ट को यह औषधि उपलब्ध कराई जाती हैं. इसके बाद इस औषधि का विक्रय किया जाता हैं. इंजेक्शन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए यह आवश्यक है कि केवल रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर के प्रिसक्रिप्शन पर ही इसका विक्रय c&f के माध्यम से स्टॉकिस्ट को या फिर हॉस्पिटल नर्सिंग होम को स्टॉकिस्ट के जरिए किया जाए.
  • प्रदेश के समस्त जिलों में स्थित चिकित्सालय नर्सिंग होम का यह दायित्व होगा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी गाइडलाइन प्रोटोकॉल के अनुसार ही एंफोटरइसिन-बी इंजेक्शन का उपयोग गंभीर मरीजों के लिए सुनिश्चित किया जाए.
  • एंटी फंगल इंजेक्शन को लेकर c&f और स्टॉकिस्ट का यह दायित्व होगा कि वह समानुपातिक रूप से होलसेलर को यह इंजेक्शन विक्रय करें या उपलब्ध कराएं.
  • एंफोटरइसिन-बी के समस्त c&f और स्टॉकिस्ट प्रतिदिन इस इंजेक्शन के विक्रय की जानकारी औषधि निरीक्षक को प्रेषित करेंगे. औषधि निरीक्षक जानकारी प्राप्त कर मुख्यालय को उसी दिन शाम तक प्रेषित करेंगे. उक्त औषधि का क्रय और विक्रय रिकॉर्ड औषधि, प्रसाधन सामग्री अधिनियम-1940 और नियमावली-1945 के तहत किया जायेगा.
  • एंफोटरइसिन-बी के सीएंडएफ और स्टॉकिस्ट से अपेक्षा की जाती है कि वह इस बात का अथक प्रयास करें कि इस इंजेक्शन की उपलब्धता प्रदेश में बनी रहें.

भोपाल। ब्लैक फंगस से संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए एंफोटरइसिन-बी इंजेक्शन की मांग लगातार की जा रही हैं. लिहाजा इंजेक्शन की आपूर्ति और वितरण के लिए आदेश जारी कर दिए गए हैं. इसके लिए नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने इंजेक्शन की कालाबाजारी और जमाखोरी पर नियंत्रण, उपलब्धता और खपत पर निगरानी रखने के आदेश दिए हैं. अब अस्पतालों में सीधे तौर पर एंटीफंगल इंजेक्शन मरीजों को उपलब्ध हो सकेंगे. यह इंजेक्शन अब दवा की दुकानों पर नहीं मिलेंगे.

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सरकार ने जारी किए आदेश

उपयोगी है इंजेक्शन


महामारी की दूसरी लहर में यह बात सामने आई है कि पोस्ट कोविड-19 मरीज फंगस इंफेक्शन की चपेट में आ रहे हैं. पोस्ट कोविड कॉम्प्लिकेशन के रूप में म्यूकारमायकोसिस यानी ब्लैक फंगस के संक्रमण से ग्रसित हो रहे हैं. इलाज में कारगर दवा एंफोटरइसिन-बी इंजेक्शन की प्रदेश में मांग बढ़ गई हैं, जो चिकित्सकों द्वारा इस बीमारी से संक्रमित मरीजों को बताई जा रही हैं.

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सरकार ने जारी किए आदेश

ब्लैक फंगस ने दी दस्तक: एक की मौत, एक की गई रोशनी


सरकार इस तरह करेगी इंजेक्शन की निगरानी

  • एंफोटरइसिन-बी इंजेक्शन केवल गंभीर मरीजों के इलाज में प्रयुक्त की जाती हैं. इसका उपयोग विवेक पूर्ण रूप से चिकित्सीय निगरानी में किया जाए.
  • एंफोटरइसिन-बी इंजेक्शन के निर्माता कंपनी द्वारा उनके c&f या स्टॉकिस्ट को यह औषधि उपलब्ध कराई जाती हैं. इसके बाद इस औषधि का विक्रय किया जाता हैं. इंजेक्शन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए यह आवश्यक है कि केवल रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर के प्रिसक्रिप्शन पर ही इसका विक्रय c&f के माध्यम से स्टॉकिस्ट को या फिर हॉस्पिटल नर्सिंग होम को स्टॉकिस्ट के जरिए किया जाए.
  • प्रदेश के समस्त जिलों में स्थित चिकित्सालय नर्सिंग होम का यह दायित्व होगा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी गाइडलाइन प्रोटोकॉल के अनुसार ही एंफोटरइसिन-बी इंजेक्शन का उपयोग गंभीर मरीजों के लिए सुनिश्चित किया जाए.
  • एंटी फंगल इंजेक्शन को लेकर c&f और स्टॉकिस्ट का यह दायित्व होगा कि वह समानुपातिक रूप से होलसेलर को यह इंजेक्शन विक्रय करें या उपलब्ध कराएं.
  • एंफोटरइसिन-बी के समस्त c&f और स्टॉकिस्ट प्रतिदिन इस इंजेक्शन के विक्रय की जानकारी औषधि निरीक्षक को प्रेषित करेंगे. औषधि निरीक्षक जानकारी प्राप्त कर मुख्यालय को उसी दिन शाम तक प्रेषित करेंगे. उक्त औषधि का क्रय और विक्रय रिकॉर्ड औषधि, प्रसाधन सामग्री अधिनियम-1940 और नियमावली-1945 के तहत किया जायेगा.
  • एंफोटरइसिन-बी के सीएंडएफ और स्टॉकिस्ट से अपेक्षा की जाती है कि वह इस बात का अथक प्रयास करें कि इस इंजेक्शन की उपलब्धता प्रदेश में बनी रहें.
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