भोपाल। मध्य प्रदेश में अमित शाह ने एक खास टार्गेट स्टेट बीजेपी नेताओं को दिया है. इसके तहत 59 प्रतिशत वोट पर पार्टी की निगाहें टिक गई हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने 16 सदस्यीय प्रदेश चुनाव समिति के सदस्यों से चुनावी रोडमैप पर चर्चा की. चर्चा इस बात पर हुई की अबकी बार कितनी सीटों पर बीजेपी जीत रही है. शाह की नेताओं के साथ साढ़े 4 घंटे से ज्यादा देर बैठक चली और देर रात 12.20 पर बैठक खत्म हुई. रात 8.15 बजे से शुरू हुई बैठक 12.20 बजे खत्म हुई उसके बाद गृहमंत्री ने सीएम शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, ज्योतिरादित्य सिंधिया, नरेंंद्र सिंह तोमर के साथ अपने होटल में अलग से अनौपचारिक मीटिंग की और कुछ खास दिशा-निर्देश दिए.
हारी सीटों पर जीत का शाह प्लान: साढे 4 घंटे से ज्यादा चली बैठक में शाह ने कहा कि वो नेता जो पार्टी से नाराज हैं उन पर तत्काल प्रभाव से ध्यान दिया जाए और उन्हे मनाया जाए. पार्टी के वोट पर अंदरुनी कलह का असर कतई नहीं दिखना चाहिए. अमित शाह ने साफ किया कि पार्टी का टार्गेट साफ है परफॉर्मेंस के आधार पर टिकट का वितरण होगा. सिफारिशी नेताओं की खैर नहीं, उनका टिकट पार्टी काट देगी. नाराज नेताओं को हर हाल में मनाया जाएगा खासकर वहां जहां पार्टी की हालत पतली है. बड़े नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच की खाई को जितनी जल्दी हो सके पाटा जाए. एकजुटता हर सूरत में दिखनी चाहिए. कहीं ऐसा ना हो कि विरोधी अंदरुनी लड़ाई-झगड़े को मुद्दा बना लें.
2018 से आगे बढ़ने की चुनावी रणनीति: एमपी साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी को जिन सीटों पर शिकस्त मिली थी उसके लिए भी पार्टी ने खास रणनीति बनाई है. इसके लिए बीजेपी पूरे मध्य प्रदेश में एक साथ कई यात्राएं निकालेगी. इसमें क्षेत्रिए क्षत्रपों को अहम जिम्मेदारी दी जाएगी. अमित शाह ने नेताओं को टार्गेट दिया है कि एमपी में पार्टी 59% वोट हासिल कर सरकार बनाए. इसके पीछे मकसद है कि कम से कम पार्टी अगर 59% के टार्गेट को लेकर चलेगी तो 50 से 51 प्रतिशत तक वोट मिल जाएगा.
सितंबर से विजय संकल्प यात्रा: अमित शाह के साथ बैठक में 16 सदस्यीय प्रदेश चुनाव समिति ने कई अहम फैसले लिए. इसमें सितंबर में चुनाव विजय संकल्प यात्रा, प्रबंध समिति सदस्य और जिला चुनाव प्रभारियों के नाम भी तय कर लिए गए. टिकट बांटने के फॉर्मूले पर भी चर्चा की गई. प्रदेश में कांग्रेस द्वारा की जा रही घोषणाओं को काउंटर करने की रणनीति भी बनाई गई. पार्टी सूत्रों के मुताबिक यह भी तय हो गया है कि जन आशीर्वाद यात्रा के बजाए सितंबर में विजय संकल्प यात्रा उज्जैन, ग्वालियर, चित्रकूट और जबलपुर से निकाली जाएगी, हर क्षेत्र से वरिष्ठ नेता यात्रा का नेतृत्व करेंगे.
सत्ता-संगठन और कोर ग्रुप के प्रमुख नेताओं के साथ चर्चा: चुनावी रणनीति और प्रबंधन संबंधी तैयारियों पर साढ़े चार घंटे की मैराथन बैठक हुई. मीटिंग में तय हुआ कि पिछले पखवाड़े शाह के साथ बैठक में मौजूद सभी 12 सदस्य चुनाव समिति में रहेंगे. वे सभी इस बैठक में भी मौजूद रहें, इनके अलावा 4 अन्य नाम तय किए जाएंगे. प्रबंध समिति सदस्यों व जिला प्रभारियों के नामों का ऐलान एक-दो दिन में कर दिया जाएगा.
अमति शाह ने तोमर और संतोष से की अलग से चर्चा: 15 दिन में दूसरी बार हुई बैठक में एक दर्जन से अधिक समितियों में अध्यक्षों की नियुक्ति, जिला चुनाव प्रभारी और वरिष्ठ नेताओं को जवाबदारी सौंपने पर चर्चा हुई. यह पहला मौका है जब शाह के साथ BL संतोष भी बैठक में शामिल हुए. चुनाव प्रबंधन समिति सदस्यों के नामों पर भी फैसला लिया गया है. शाह ने पहले केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, संगठन महामंत्री संतोष, और शिवप्रकाश के साथ अलग से चर्चा की. इसके अगले चरण में सभी सदस्यों के साथ चर्चा की. शाह ने 2-2 नेताओं से अलग-अलग भी चर्चा की.
अमित शाह 30 जुलाई को इंदौर में करेंगे बूथ कार्यकर्ता सम्मेलन: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 30 जुलाई को इंदौर में बीजेपी के बूथ कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करेंगे. बीजेपी कार्यालय में पार्टी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने इसे लेकर बैठक ली. अमित शाह ने कैलाश को अलग से कुछ खास जिम्मेदारियां भी सौंपी. विजयवर्गीय के पास इंदौर के सम्मेलन को सफल बनाने का जिम्मा है.