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नहीं मिल रही एंबुलेंस, कोई पैदल तो कोई खुद की कार से पहुंच रहा कोविड सेंटर - भोपाल में कोरोना मरीज

भोपाल में लगातार संक्रमितों की संख्या बढ़ने से एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं हो पा रही है. ऐसे में मरीजों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है. यही नहीं क्वारेंटाइन सेंटर में भी अच्छी गुणवत्ता का खाना नसीब नहीं हो पा रहा है.

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भोपाल न्यूज
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Published : Aug 1, 2020, 8:38 PM IST

Updated : Aug 3, 2020, 3:51 PM IST

भोपाल। जुलाई में कोरोना वायरस संक्रमण बेकाबू नजर आ रहा है, जहां पहले शहर में रोजाना 50 से 100 के बीच संक्रमण के नए मामले सामने आते थे, तो वहीं अब प्रतिदिन 150 या फिर 200 से भी ज्यादा नए मामले देखने को मिल रहे हैं. संक्रमितों की बढ़ती हुई संख्या के चलते प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्थाएं भी अब चरमराने लगी है. आए दिन मरीज क्वारंटाइन सेंटर और एंबुलेंस की अव्यवस्थाओं को लेकर शिकायत करते हुए नजर आ रहे हैं. कहीं समय पर संक्रमितों को घर से कोविड सेंटर पहुंचाने के लिए एंबुलेंस नहीं आ रही है, तो कहीं क्वारंटाइन सेंटर में अच्छी गुणवत्ता का खाना नहीं दिया जा रहा है.

नहीं मिल रही एंबुलेंस

संक्रमितों की बढ़ती हुई संख्या के मुताबिक यहां पर एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं है. सुबह संक्रमित मरीज के पॉजिटिव होने की जानकारी दी जाती है, लेकिन रात तक एंबुलेंस का कोई पता नहीं होता. पिछले दिनों शहर में कई ऐसे मामले देखने को मिले जिनमें कोरोना पॉजिटिव होने के बाद मरीज को एंबुलेंस का दिनभर इंतजार करना पड़ा.

दिनभर किया एंबुलेंस का इंतजार

पहला मामला बाग मुगलिया एक्सटेंशन कॉलोनी निवासी मरीज का है, जिसके परिवार के तीन सदस्य कोरोना संक्रमित पाए गए थे, इसकी जानकारी परिवार ने सुबह 9 बजे दे दी थी, लेकिन शाम होने पर भी एंबुलेंस उन्हें लेने नहीं पहुंची.

अपनी कार से पहुंचा चिरायु अस्पताल

दूसरा मामला स्वास्थ्य संचालनालय में पदस्थ लिपिक का है, जहां लिपिक के संक्रमित पाए जाने के बाद परिवार को टीम ने आईसर क्वारंटाइन सेंटर में शिफ्ट कर दिया लेकिन संक्रमित मरीज को कई घंटे होने के बाद भी अस्पताल में शिफ्ट नहीं कराया गया. आखिरकार संक्रमित खुद अपनी कार चलाकर चिरायु अस्पताल पहुंचा.

पैदल निकल पड़ा संक्रमित मरीज

ऐसा ही एक अन्य मामला शहर में देखने को मिला था, जहां संक्रमित मरीज के काफी इंतजार करने के बाद भी एंबुलेंस उसे लेने नहीं पहुंची. वह खुद ही पैदल अस्पताल के लिए निकल पड़ा. रास्ते में तबीयत खराब होने पर मरीज बेहोश हो गया. हालांकि बाद में कुछ राहगीरों की सूचना पर एंबुलेंस उसे लेने पहुंची.

शहर में कोविड सेंटर एंबुलेंस की स्थिति

शहर में 108 और कोविड सेंटर्स की कुल 15 एंबुलेंस अभी संचालित की जा रही हैं, जिसमें से 108 की पांच, एम्स की तीन, हमीदिया अस्पताल की दो और चिरायु अस्पताल की पांच एंबुलेंस शामिल हैं. हालांकि चिरायु अस्पताल की कभी तीन तो कभी दो ही एंबुलेंस ड्यूटी पर होती है. इन सभी के संचालन की पूरी जिम्मेदारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की है.

प्रतिदिन सामने आर रहे 150 मामले

रोजाना आ रहे 150 से ज्यादा कोरोना मामलों के चलते समय पर एंबुलेंस मरीजों को लेने नहीं पहुंच रही हैं. इसके साथ ही अब लगभग हर क्षेत्र में संक्रमित पाए जा रहे हैं. ऐसे में शहर के कई इलाकों से मरीजों की शिफ्टिंग में काफी वक्त भी लगता है. शहर में लगातार बढ़ रहे मामलों के साथ ही बढ़ रही अव्यवस्थाओं पर अब तक जिम्मेदारों का ध्यान नहीं गया है, जहां शहर में रोजाना 150 से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर केवल 15 एंबुलेंस का संचालन किया जा रहा है.

भोपाल। जुलाई में कोरोना वायरस संक्रमण बेकाबू नजर आ रहा है, जहां पहले शहर में रोजाना 50 से 100 के बीच संक्रमण के नए मामले सामने आते थे, तो वहीं अब प्रतिदिन 150 या फिर 200 से भी ज्यादा नए मामले देखने को मिल रहे हैं. संक्रमितों की बढ़ती हुई संख्या के चलते प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्थाएं भी अब चरमराने लगी है. आए दिन मरीज क्वारंटाइन सेंटर और एंबुलेंस की अव्यवस्थाओं को लेकर शिकायत करते हुए नजर आ रहे हैं. कहीं समय पर संक्रमितों को घर से कोविड सेंटर पहुंचाने के लिए एंबुलेंस नहीं आ रही है, तो कहीं क्वारंटाइन सेंटर में अच्छी गुणवत्ता का खाना नहीं दिया जा रहा है.

नहीं मिल रही एंबुलेंस

संक्रमितों की बढ़ती हुई संख्या के मुताबिक यहां पर एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं है. सुबह संक्रमित मरीज के पॉजिटिव होने की जानकारी दी जाती है, लेकिन रात तक एंबुलेंस का कोई पता नहीं होता. पिछले दिनों शहर में कई ऐसे मामले देखने को मिले जिनमें कोरोना पॉजिटिव होने के बाद मरीज को एंबुलेंस का दिनभर इंतजार करना पड़ा.

दिनभर किया एंबुलेंस का इंतजार

पहला मामला बाग मुगलिया एक्सटेंशन कॉलोनी निवासी मरीज का है, जिसके परिवार के तीन सदस्य कोरोना संक्रमित पाए गए थे, इसकी जानकारी परिवार ने सुबह 9 बजे दे दी थी, लेकिन शाम होने पर भी एंबुलेंस उन्हें लेने नहीं पहुंची.

अपनी कार से पहुंचा चिरायु अस्पताल

दूसरा मामला स्वास्थ्य संचालनालय में पदस्थ लिपिक का है, जहां लिपिक के संक्रमित पाए जाने के बाद परिवार को टीम ने आईसर क्वारंटाइन सेंटर में शिफ्ट कर दिया लेकिन संक्रमित मरीज को कई घंटे होने के बाद भी अस्पताल में शिफ्ट नहीं कराया गया. आखिरकार संक्रमित खुद अपनी कार चलाकर चिरायु अस्पताल पहुंचा.

पैदल निकल पड़ा संक्रमित मरीज

ऐसा ही एक अन्य मामला शहर में देखने को मिला था, जहां संक्रमित मरीज के काफी इंतजार करने के बाद भी एंबुलेंस उसे लेने नहीं पहुंची. वह खुद ही पैदल अस्पताल के लिए निकल पड़ा. रास्ते में तबीयत खराब होने पर मरीज बेहोश हो गया. हालांकि बाद में कुछ राहगीरों की सूचना पर एंबुलेंस उसे लेने पहुंची.

शहर में कोविड सेंटर एंबुलेंस की स्थिति

शहर में 108 और कोविड सेंटर्स की कुल 15 एंबुलेंस अभी संचालित की जा रही हैं, जिसमें से 108 की पांच, एम्स की तीन, हमीदिया अस्पताल की दो और चिरायु अस्पताल की पांच एंबुलेंस शामिल हैं. हालांकि चिरायु अस्पताल की कभी तीन तो कभी दो ही एंबुलेंस ड्यूटी पर होती है. इन सभी के संचालन की पूरी जिम्मेदारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की है.

प्रतिदिन सामने आर रहे 150 मामले

रोजाना आ रहे 150 से ज्यादा कोरोना मामलों के चलते समय पर एंबुलेंस मरीजों को लेने नहीं पहुंच रही हैं. इसके साथ ही अब लगभग हर क्षेत्र में संक्रमित पाए जा रहे हैं. ऐसे में शहर के कई इलाकों से मरीजों की शिफ्टिंग में काफी वक्त भी लगता है. शहर में लगातार बढ़ रहे मामलों के साथ ही बढ़ रही अव्यवस्थाओं पर अब तक जिम्मेदारों का ध्यान नहीं गया है, जहां शहर में रोजाना 150 से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर केवल 15 एंबुलेंस का संचालन किया जा रहा है.

Last Updated : Aug 3, 2020, 3:51 PM IST
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