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मॉब लिंचिंग के खिलाफ 'मास' प्रदर्शन, कहा- लोकतंत्र के लिए जहर है भीड़ तंत्र

शुक्रवार को मॉब लिंचिंग के खिलाफ राजधानी भोपाल में ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड के सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन किया. ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड ने मॉब लिंचिंग के खिलाफ सख्त कानून बनाने की मांग की है.

मॉब लिंचिंग के खिलाफ ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड का प्रदर्शन
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Published : Jun 28, 2019, 11:56 PM IST

भोपाल। पिछले कुछ समय से पूरे देश में अलग-अलग जगहों पर अल्पसंख्यकों और अनुसूचित जाति-जनजाति के साथ लगातार मॉब लिंचिंग हो रही है. शुक्रवार को मॉब लिंचिंग के खिलाफ राजधानी भोपाल में ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड के सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन किया. इनका कहना है कि भीड़ तंत्र का होना बहुत गलत है और भीड़ के द्वारा किसी एक इंसान की हत्या करना सरासर नाइंसाफी है.

मॉब लिंचिंग के खिलाफ ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड का प्रदर्शन

बोर्ड के सदस्य का कहना है कि पिछले कुछ समय से आए दिन मुसलमान भीड़ तंत्र का शिकार हो रहे हैं. भीड़ इकट्ठा होकर किसी एक इंसान की हत्या कर देती है. जिसका वीडियो भी बनाया जाता है और नारे भी लगवाए जाते हैं. मुस्लिम समुदाय भी इसी हिंदुस्तान के रहने वाले हैं और हमारे खिलाफ इस तरह भीड़ का इकठ्ठा होना गलत है. ये देश के लिए उचित नहीं हैं.

बोर्ड का कहना है कि मॉब लिंचिंग संविधान के खिलाफ है. केंद्र सरकार से मॉब लिंचिंग के खिलाफ सख्त कानून बनाए जाने की मांग की. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सिर्फ 3 से लेकर 6 साल तक की सजा काफी नहीं है. इसके खिलाफ सख्त से सख्त कानून बनाया जाना चाहिए और हो सके तो इसमें सजा-ए-मौत का प्रावधान होना चाहिए.

भोपाल। पिछले कुछ समय से पूरे देश में अलग-अलग जगहों पर अल्पसंख्यकों और अनुसूचित जाति-जनजाति के साथ लगातार मॉब लिंचिंग हो रही है. शुक्रवार को मॉब लिंचिंग के खिलाफ राजधानी भोपाल में ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड के सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन किया. इनका कहना है कि भीड़ तंत्र का होना बहुत गलत है और भीड़ के द्वारा किसी एक इंसान की हत्या करना सरासर नाइंसाफी है.

मॉब लिंचिंग के खिलाफ ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड का प्रदर्शन

बोर्ड के सदस्य का कहना है कि पिछले कुछ समय से आए दिन मुसलमान भीड़ तंत्र का शिकार हो रहे हैं. भीड़ इकट्ठा होकर किसी एक इंसान की हत्या कर देती है. जिसका वीडियो भी बनाया जाता है और नारे भी लगवाए जाते हैं. मुस्लिम समुदाय भी इसी हिंदुस्तान के रहने वाले हैं और हमारे खिलाफ इस तरह भीड़ का इकठ्ठा होना गलत है. ये देश के लिए उचित नहीं हैं.

बोर्ड का कहना है कि मॉब लिंचिंग संविधान के खिलाफ है. केंद्र सरकार से मॉब लिंचिंग के खिलाफ सख्त कानून बनाए जाने की मांग की. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सिर्फ 3 से लेकर 6 साल तक की सजा काफी नहीं है. इसके खिलाफ सख्त से सख्त कानून बनाया जाना चाहिए और हो सके तो इसमें सजा-ए-मौत का प्रावधान होना चाहिए.

Intro:भोपाल- पिछले कुछ समय से पूरे देश की अलग-अलग जगहों में अल्पसंख्यकों और दलितों के साथ हो रही मॉब लिंचिंग के खिलाफ आज राजधानी भोपाल में ऑल इंडिया उलमा वोट बोर्ड के सदस्यों ने अपना विरोध प्रदर्शन किया।
इनका यही कहना था कि भीड़ तंत्र का होना बहुत गलत है और भीड़ के द्वारा किसी एक इंसान की हत्या करना सरासर नाइंसाफी है।


Body:आज हुए विरोध प्रदर्शन के बारे में बोर्ड के एक सदस्य ने बताया कि पिछले कुछ समय से देखा जा रहा है कि आए दिन अल्पसंख्यक भीड़तंत्र का शिकार हो रहे हैं। भीड़ इकट्ठा होकर किसी एक इंसान की हत्या कर देती है हम इसका विरोध करते हैं।
मुस्लिम समुदाय भी इसी हिंदुस्तान के रहने वाले लोग ही के हैं और हमारे खिलाफ इस तरह भीड़ का इकठ्ठा होना सरासर गलत है। साथ ही यह संविधान के खिलाफ है । हमारी केंद्र सरकार से यही मांग है कि इस मॉब लिंचिंग के खिलाफ सख्त से सख्त कानून बनाया जाए।


Conclusion:वहीं दूसरी ओर मध्य प्रदेश सरकार भी मॉब लिंचिंग के खिलाफ खिलाफ कानून बनाने के लिए प्रयासरत है। इसके बारे में उलमा बोर्ड के सदस्यों का कहना है कि सिर्फ 3 से लेकर 6 साल तक की सजा काफी नहीं है। इसके खिलाफ सख्त से सख्त कानून लाना चाहिए और हो सके तो इसमें सजा-ए-मौत का प्रावधान होना चाहिए।
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