भोपाल। पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने सतना में कोरोना संक्रमित मरीज हीरालाल को लाने, बिना जांच के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराने और फिर अचानक हुई मौत को लेकर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच होनी चाहिए कि अब तक पूरी तरह सुरक्षित एवं ग्रीन जोन में शामिल सतना की 30 लाख आबादी की जान को जोखिम में डालने वाला असली गुनहगार कौन है.
पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि जब अच्छे खासे स्वस्थ लोग पास के लिये मोहताज हो रहे हैं. ऐसी स्थिति में एक करोना संक्रमित मरीज को बिना राजनीतिक हस्तक्षेप के पास मिलना मुमकिन नहीं है. अजय सिंह ने सवाल उठाते हुए कहा कि ये कैसे संभव है कि जो मरीज संक्रमण की वजह से जीवन के आखिरी स्टेज में हो और उसकी रिपोर्ट निगेटिव निकल आये. उन्होंने दावा किया कि सत्ताधारी दल के एक नेता के राजनीतिक हस्तक्षेप से न केवल रिपोर्ट को बदला गया, बल्कि उसे सतना के लिये पार्सल भी किया गया. उन्होंने कहा कि भाजपा के नेता के रसूख के चलते जिले की पूरी आबादी को आग में झोंक दिया गया है.
उन्होंने कहा कि जिला अस्पताल प्रबंधन ने आखिर किसके दबाब के चलते प्रोटोकॉल का उल्लंघन कर कोरोना संक्रमित मरीज को आईसीयू वार्ड में दाखिल किया. साथ ही उसके परिजनों को मिलने दिया गया. इसके साथ ही उन्हें बाहर से दवा, चाय और खाने की अनुमति दी गयी. अजय सिंह ने कहा कि अस्पताल प्रबंधन की इस बड़ी चूक के चलते डॉक्टर, नर्स, विभाग के अन्य कर्मचारियों सहित कई लोगों पर संक्रमण का जो खतरा बढ़ा है, उसकी जिम्मेदारी तय होनी चाहिये. अजय सिंह ने प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं गुजरात के मुख्यमंत्री से इस पूरे मामले की जांच की मांग की है.
सतना में कोरोना संक्रमित की मौत को लेकर अजय सिंह ने उठाए सवाल, सीएम से जांच कराने की मांग - भोपाल न्यूज
गुजरात से संक्रमित मरीज को बिना जांच के सतना लाने और बाद में इलाज के दौरान मौत हो जाने पर नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने सवाल उठाए हैं. उन्होंने मामले की जांच करने की मांग की है.
भोपाल। पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने सतना में कोरोना संक्रमित मरीज हीरालाल को लाने, बिना जांच के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराने और फिर अचानक हुई मौत को लेकर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच होनी चाहिए कि अब तक पूरी तरह सुरक्षित एवं ग्रीन जोन में शामिल सतना की 30 लाख आबादी की जान को जोखिम में डालने वाला असली गुनहगार कौन है.
पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि जब अच्छे खासे स्वस्थ लोग पास के लिये मोहताज हो रहे हैं. ऐसी स्थिति में एक करोना संक्रमित मरीज को बिना राजनीतिक हस्तक्षेप के पास मिलना मुमकिन नहीं है. अजय सिंह ने सवाल उठाते हुए कहा कि ये कैसे संभव है कि जो मरीज संक्रमण की वजह से जीवन के आखिरी स्टेज में हो और उसकी रिपोर्ट निगेटिव निकल आये. उन्होंने दावा किया कि सत्ताधारी दल के एक नेता के राजनीतिक हस्तक्षेप से न केवल रिपोर्ट को बदला गया, बल्कि उसे सतना के लिये पार्सल भी किया गया. उन्होंने कहा कि भाजपा के नेता के रसूख के चलते जिले की पूरी आबादी को आग में झोंक दिया गया है.
उन्होंने कहा कि जिला अस्पताल प्रबंधन ने आखिर किसके दबाब के चलते प्रोटोकॉल का उल्लंघन कर कोरोना संक्रमित मरीज को आईसीयू वार्ड में दाखिल किया. साथ ही उसके परिजनों को मिलने दिया गया. इसके साथ ही उन्हें बाहर से दवा, चाय और खाने की अनुमति दी गयी. अजय सिंह ने कहा कि अस्पताल प्रबंधन की इस बड़ी चूक के चलते डॉक्टर, नर्स, विभाग के अन्य कर्मचारियों सहित कई लोगों पर संक्रमण का जो खतरा बढ़ा है, उसकी जिम्मेदारी तय होनी चाहिये. अजय सिंह ने प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं गुजरात के मुख्यमंत्री से इस पूरे मामले की जांच की मांग की है.