भोपाल। मध्यप्रदेश में यूरिया संकट को देखते हुए कृषि मंत्री सचिन यादव ने समीक्षा बैठक की है. बैठक में सचिन यादव ने चर्चा करते हुए कहा कि निजी क्षेत्र में बेचे जाने वाले 20 फीसदी यूरिया के विक्रय और स्टॉक की निगरानी कलेक्टर्स करेंगे. राज्य सरकार ने प्रदेश में यूरिया की उपलब्धता और विक्रय समीक्षा के बाद कलेक्टर्स को जिम्मेदारी सौंपी है. कलेक्टर्स को निर्देश दिए गए हैं कि यूरिया के विक्रय पर प्रतिदिन निगरानी की जाए और गड़बड़ी मिलने पर कार्रवाई की जाए. यूरिया को लेकर हुई समीक्षा बैठक में कृषि मंत्री ने कहा कि अगले 10 दिन में प्रदेश को दो लाख मीट्रिक टन यूरिया मिल जाएगा.
बता दें कि प्रदेश में यूरिया की भारी किल्लत हो रही है. वहीं प्रदेश सरकार ने केन्द्र से रबी सीजन के लिए 18 लाख मीट्रिक टन यूरिया की मांग की थी, लेकिन केन्द्र से अब तक 15.40 लाख मीट्रिक टन यूरिया मिला है. जिसे बेचने की अनुमति जारी कर दी गई है. दिसंबर 2018 में प्रदेश में एक लाख14 हजार मीट्रिक टन यूरिया सप्लाई हुआ था. इस बार चार लाख 35 हजार मीट्रिक टन यूरिया की व्यवस्था की गई है.
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि पहले सरकारी दुकानों से 50 और निजी क्षेत्र से 50 फीसदी यूरिया विक्रय का नियम था जो 30 नवंबर तक प्रदेश में नौ लाख मीट्रिक टन यूरिया उपलब्ध कराया गया है. जबकि पिछले साल इस अवधि में 7.80 लाख मीट्रिक टन यूरिया आया था.
कृषि मंत्री ने केंद्र सरकार पर साधा निधाना
कमलनाथ सरकार में कृषि मंत्री सचिन यादव ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि केंद्र सरकार प्रदेश के किसानों की अनदेखी कर रही है. यही वजह है कि जहां पिछले साल के मुकाबले युरिया की आपूर्ति में कमी की गई है. वहीं राहत पैकेज के मामले में भी राज्यों के बीच भेदभाव किया जा रहा है.