भोपाल। मध्य प्रदेश में लापरवाही पूर्वक वाहन चलाने और इसकी वजह से होने वाले हादसों में कमी नहीं आ रही है. जिसका नतीजा यहा है कि सबसे लापरवाही पूर्वक वाहन चलाने वाले राज्यों में मध्य प्रदेश, केरल और तमिलनाडु के बाद तीसरे नंबर पर है. इन हादसों में एक साल में मध्य प्रदेश में 11 हजार से ज्यादा लोगों ने अपनी जान गंवाई है. एक्सीडेंट में होने वाली मौत के मामले में मध्य प्रदेश देश में दूसरे स्थान पर है.
एनसीआरबी की रिपोर्ट में यह हुआ खुलासा
2020 में मध्य प्रदेश में रश ड्राइविंग के 34,702 मामले सामने आए, जिसमें 40,406 लोगों पर कार्रवाई की गई. रश ड्राइविंग की वजह से मध्यप्रदेश में 31,101 लोग घायल हुए हैं. मध्यप्रदेश में 2020 में सड़क दुर्घटनाओं में 11,744 लोगों की मौत हुई है. यह स्थिति तब है जब प्रदेश में लगातार ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने और एक्सीडेंट के लिए जिम्मेदार ब्लैक स्पॉट को खत्म करने के दावे किए जाते हैं.
दुर्घटनाओं में मौत के मामले में देश में दूसरे स्थान पर
सड़क दुर्घटनाओं में मौत के मामलों में मध्यप्रदेश देश में दूसरा राज्य है जहां सबसे ज्यादा लोगों की जान सड़क हादसों में गई है. इस मामले में पहले स्थान पर उत्तर प्रदेश है जहां 2020 में 17,513 हादसे हुए जिसमें 19,205 लोगों की जान गई. 2020 में मध्य प्रदेश में हिट एंड रन के 6,664 मामले सामने आए, जिसमें 7,401 लोग या तो घायल हुए या फिर उन्हें गंभीर चोटें आई.
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आखिर कैसे रुकेंगे सड़क हादसे
मध्य प्रदेश में सड़क हादसे, लापरवाही पूर्वक वाहन चलाने और इसकी वजह से होने वाले हादसों में कमी लाने को लेकर रिटायर आईपीएस अधिकारी अरुण गुर्टू कहते हैं कि "प्रदेश में ट्रैफिक मैनेजमेंट को और दुरुस्त किए जाने की जरूरत है. पुलिस को लोगों को समझाईश और कार्रवाई दोनों में और तेजी लानी चाहिए. साथ ही शहरी क्षेत्रों में वाहनों की रफ्तार पर लगाम लगाने की जरूरत है. इसके लिए पुलिस को कार्रवाई के लिए तकनीक को और बेहतर बनाए जाने की जरूरत है. प्रदेश में लोगों को ट्रैफिक नियमों का पालन कराने के लिए चालानी कार्रवाई को और तेज किया जाए. साथ ही ऐसे स्पॉट को चिन्हित किया जाए जहां दुर्घटनाएं होने की ज्यादा संभावना होती है ऐसे स्थानों को आईडेंटिफाई कर उन्हें दुरुस्त किया जाए."
मध्यप्रदेश में 465 ब्लैक स्पॉट
मध्य प्रदेश में 465 ऐसे ब्लैक स्पॉट मौजूद है जो यहां से गुजरने वालों के लिए कई बार जानलेवा साबित हो सकते हैं. ट्रैफिक पुलिस और रोड सेफ्टी की भाषा में इन्हें ब्लैक स्पॉट कहा जाता है क्योंकि यह सबसे ज्यादा सड़क हादसे होते हैं. देखा जाए तो मध्य प्रदेश में मौत के ब्लैक स्पॉट बढ़ते जा रहे हैं. 2019 में ऐसे ब्लैक स्पॉट की कुल संख्या 455 थी, जो साल 2020 में बढ़कर 465 हो गई. 5 जिलों में ब्लैक स्पॉट की संख्या में बढ़ोतरी हुई है.
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इन जिलो में बढ़े ब्लैक स्पॉट
2019 की तुलना में 2020 में 5 जिले रायसेन, सीहोर, खरगोन, देवास और कटनी में ब्लैक स्पॉट की संख्या में कमी आई है. वहीं सागर जिले में 1 साल के अंदर सबसे ज्यादा ब्लैक स्पॉट की संख्या बढ़ी है. सागर में 2019 में 11 ब्लैक स्पॉट थे जो 2020 में 28 हो गए. इसी तरह छिंदवाड़ा में 17, धार में 14, सीधी में 14 और जबलपुर में 16 ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए गए हैं.