भोपाल। घरों में रहकर सुरक्षित ढंग से रंगपंचमी का पर्व मनाने की प्रशासन की अपील का असर आज देखने को मिला. भोपाल में कहीं भी सार्वजनिक तौर पर रंगपंचमी का त्योहार नहीं मनाया गया. होली के दिन शहर में दुकाने खोलने पर रोक लगाई गई थी लेकिन रंगपंचमी पर बाजार खुले रखने की अनुमति दी गई. बावजूद इसके शुक्रवार को बाजारों में कुछ दुकानें ही खुली रखीं. पुलिस की चाक-चौबंद व्यवस्था का असर पर देखने को मिला.
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
रंगपंचमी, गुड फ्राइडे और जुमा को देखते हुए पुलिस ने शहर में सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए थे. राजधानी में चप्पे-चप्पे पर पुलिस सुबह आठ बजे से तैनात कर दी गई थी. शहर के 35 मुख्य चौराहों पर बैरिकेटिंग की गई थी और ट्रैफिक पुलिस द्वारा लोगों को रोककर चैकिंग की गई. थाना मोबाइल के अलावा अन्य वाहनों से भी पेट्रोलिंग की गई. अनावश्यक भीड़ न लगे, इसका पूरा ध्यान रखा गया.
नहीं निकला रंगपंचमी का जुलूस
रंगपंचमी के अवसर पर निकलने वाले परम्परागत जुलूस पर जिला प्रशासन द्वारा रोक लगाई थी. जिसके बाद राजधानी में हिंदू उत्सव समिति द्वारा पिछले 75 साल निकाले जाने वाले जुलूस नहीं निकाला गया. हिदू उत्सव समिति के अध्यक्ष कैलाश बेगवानी ने बताया कि हमारी पूरी तैयारी थी लेकिन कोविड-19 गाइडलाइन के कारण हमने जुलूस स्थगित कर दिया गया. यह जुलूस सुभाष चौक से शुरुहोकर जुमेराती, घोड़ानक्कास, इतवारा, मंगलवारा होते हुए रंग-गुलाल उड़ाते हुए करीब 3 से 4 घंटे तक निकलकर हनुमानगंज में समाप्त होता था.
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बाजार में 'सन्नाटा'
प्रशासन की तरफ से रंगपंचमी पर बाजार और दुकाने खोलने की अनुमति दी गई थी लेकिन आज बाजारों में सूनापन रहा. न्यू मार्केट, 10 नंबर मार्केट, बैरागढ़, विजय मार्केट, चौक बाजार, मारवाड़ी रोड सहित अन्य सभी बाजारों में लोगों ने स्वेच्छा से दुकानें बद रही. हालांकि कुछ दुकानदारों ने दुकाने खोली लेकिन रौनक गायब रही. न्यू मार्केट के कारोबारी प्रभात का कहना है कि कोरोना गाडइलाइन के कारण लोग बाजार में नहीं पहुंच रहे हैं.
'तिलक' लगाकर मनाई रंगपंचमी
रंगपंचमी पर युवाओं की हुडदंग सड़कों पर देखने को मिलती थी लेकिन इस बार युवाओं ने भी खुद को संयमित रखा और घरों में परिवार के साथ और कॉलोनियों में एक-दूसरे को तिलक लगाकर रंगपंचमी की शुभकामनाएं और बधाईयां दी. युवा राकेश मालवीय ने बताया कि कोरोना के कारण घर में रहकर होली मनाना ही ठीक है और सभी लोग कोविड गाइडलाइन का पालन भी कर रहे हैं.
उज्जैन में रंगपंचमी
महाकाल मंदिर में प्रति वर्ष रंगपंचमी का माहौल ब्रज जैसा ही रहता है, लेकिन इस बार कोरोना ने सभी त्योहारों को फीका कर दिया है. कोरोना के बढ़ते संक्रमण को लेकर पहले से ही मंदिर में आदेश जारी कर दिए गए थे कि भस्म आरती में भक्त भी नहीं होंगे. कोई भी पंडित-पुजारी आपस में भी रंग नहीं लगाएंगे.