MP Chunav 2023: मध्य प्रदेश में मौजूदा 230 विधायकों में से कम से कम 93 विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं, इनमें से 52 कांग्रेस विधायक और 39 भारतीय जनता पार्टी के विधायक शामिल हैं. इसके अलावा एमपी में कुल विधायकों में से 186 विधायक करोड़पति पृष्ठभूमि वाले हैं. दरअसल एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) और मध्य प्रदेश निर्वाचन आयोग ने 230 मौजूदा विधायकों के आपराधिक, वित्तीय और अन्य पृष्ठभूमि के आधार पर गुरुवार को एक रिपोर्ट जारी की है, इसमें ये जानकारी दी गई है.
सबसे ज्यादा कांग्रेस विधायक दागी: एडीआर की रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि 230 विधायकों में से 40 प्रतिशत यानि 93 विधायकों पर आपराधिक मामलों में केस दर्ज है, वहीं 20 प्रतिशत यानि 47 विधायकों पर गंभीर आरोप लगे हैं. इन 93 विधायकों में 52 कांग्रेस के तो वहीं और 39 भाजपा के विधायक हैं, इस हिसाब से कांग्रेस के 97 विधायकों में से 54 प्रतिशत यानि 52 विधायक और भाजपा के 129 विधायकों में से 30 प्रतिशत यानि 39 विधायक के अलावा बसपा के एक विधायक और निर्दलीय 3 विधायकों में से 33 प्रतिशत यानि 1 विधायक दागी है. इसके अलावा इन सब के अलावा खास बात ये है कि इन 93 विधायकों ने खुद अपने हलफनामे में आपराधिक और गंभीर आपराधिक मामले दर्ज होने की बात स्वीकारी है.
एमपी के 186 विधायक करोड़पति: एडीआर की रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि एमपी में 230 विधायकों में से 186 विधायक करोड़पति यानि की अमीर हैं. हालांकि विधायक हमेशा ये दावा करते हैं कि उनके पास पैसों की कमी है, लेकिन रिपोर्ट ये मानने को तैयार नहीं है. एमपी में अमीर विधायकों में कांग्रेस के कुल 97 विधायकों में से 76 विधायक तो वहीं भाजपा के कुल 129 विधायकों में 107 करोड़पति हैं. इसके अलावा बात करें एमपी कांग्रेस के सबसे अमीर विधायक की तो एमपी कांग्रेस के सबसे अमीर विधायक संजय शुक्ल हैं, जिनके पास कुल 139 करोड़ रुपये की संपति है. इसकी साथ ही एमपी बीजेपी के सबसे एमीर विधायक संजय पाठक हैं, इनकी कुल संपत्ति 226 करोड़ रुपये की संपति है.
इतिहास में पहली बार जब बीजेपी और कांग्रेस के एक सुर: खैर ये रिपोर्ट जो भी कहे, लेकिन विधायक जी मानने को तैयार नहीं हैं. इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है जब कांग्रेस और बीजेपी दोनों के सुर एक जैसे हैं, दोनों दलों के नेताओं का कहना है कि "अगर कोई नेता करोड़पति भी है, तो क्या हुआ कम से कम वो टैक्स तो देता है, चोरी तो नहीं करता. बात रही आपराधिक मामलों की तो इसका मतलब ये तो बिल्कुल भी नहीं है कि वो बहुत बड़ा अपराधी हो, कई बार राजनीति के चलते मामले दर्ज होते रहते हैं."
भले ही अब विधायक जी कुछ भी कहें, लेकिन जनता तो जान ही गई है कि पक्ष और विपक्ष एक-दूसरे पर इसलिए उंगली नहीं उठा रहा, क्योंकि ये तो दोनों जानते हैं कि जिनके खुद के घर शीशे के हों, वे दूसरे के घरों में पत्थर कैसे मारें.