भोपाल। राजधानी भोपाल में अब यातायात नियमों की धज्जियां उड़ाने वालों की खैर नहीं है. अब यातायात नियम तोड़ने पर चालान आपके घर पहुंचने से पहले ही आपके व्हाट्सएप नंबर पर पहुंच जाएगा. स्मार्ट सिटी कंपनी ने व्हाट्सएप पर चालान भेजने की कवायद शुरू कर दी है. इंटेलिजेंट ट्रेफिक मैनेजमेंट सिस्टम के जरिए यातायात नियम तोड़ने वालों के घरों पर चालान भेजा जाता है. लेकिन अब घर पहुंचने से पहले ही चलान व्हाट्सएप नंबर पर तत्काल भेजा जाएगा.
व्हाट्सएप पर चालान भेजने का हुआ परीक्षण
स्मार्ट सिटी कंपनी ने व्हाट्सएप पर चालान भेजने और पूरी कार्रवाई का 7 दिनों तक परीक्षण किया है. परीक्षण के दौरान करीब 500 से ज्यादा चालान व्हाट्सएप पर जारी किए गए हैं और संबंधित वाहन चालकों को फोन पर भी इसकी सूचना दी गई है. इसमें से 375 वाहन चालकों ने जुर्माना भी चुकाया है. व्हाट्सएप पर चालानी कार्रवाई के सफल परीक्षण के बाद अब जल्द ही इसे लागू कर दिया जाएगा और शहर भर में यातायात के नियमों का उल्लंघन करने वालों को चंद मिनटों में व्हाट्सएप नंबर पर चालान भेजा जाएगा.
पता बदलने से अटके 25 हज़ार से ज्यादा चालान
स्मार्ट सिटी कंपनी के इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम से हर दिन करीब 300 से 400 चालान जनरेट किए जाते है. इसके बाद इन चालान को संबंधित वाहन चालक के पते पर भेज दिया जाता है. लेकिन कई बार वाहन चालक का पता बदल जाता है और चालान वाहन चालक तक पहुंच नहीं पाता है. ऐसे चालानों की संख्या 25000 से भी ज्यादा है. स्मार्ट सिटी में व्हाट्सएप पर चालानी कार्रवाई करने को लेकर पूरी तैयारियां कर ली है. स्मार्ट सिटी कंपनी के सीईओ आदित्य सिंह ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि व्हाट्सएप पर चालान भेजने से इस प्रक्रिया में होने वाला खर्च भी कम होगा. पोस्टल के जरिए वाहन चालकों के घरों पर चालान भेजने में 25 रुपये का खर्च होता है. लेकिन अब व्हाट्सएप पर चालान भेजने में केवल 7 से 8 रुपये खर्च होंगे.
क्या है आईटीएमएस
दरअसल राजधानी के गोविंदपुरा क्षेत्र में स्मार्ट सिटी कंपनी के दफ्तर से शहर के यातायात की निगरानी की जाती है. इसके लिए नए और पुराने शहर के सभी प्रमुख चौराहों, तिराहों और मार्गों पर इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम के तहत सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. जो भी वाहन चालक यातायात के नियम तोड़ता है वह इन हाईटेक सीसीटीवी कैमरा में कैद हो जाता है. इसके बाद अत्याधुनिक सिस्टम से मौके पर किए गए नियम उल्लंघन के फोटो के साथ चालान जनरेट हो जाता है. संबंधित वाहन चालक का पता भी ऑटोमेटिक सिस्टम से जनरेट होकर चालान पर लिखा जाता है. और इस चालान को संबंधित व्यक्ति को भेज दिया जाता है इस पूरी कार्रवाई में यातायात पुलिस की भी मदद ली जाती है.