भोपाल। कलेक्टर अविनाश लवानिया ने जिला प्रशासन और महिला एवं बाल विकास विभाग को निर्देश दिए थे कि अक्षय तृतीया पर कोई भी बाल विवाह न हों. वहीं कोरोना कर्फ्यू के दौरान भी कहीं पर कोई विवाह समारोह न हों, जिसके लिए प्रशासन और महिला बाल विभाग की टीमें लगातार सक्रिय हैं. इसी कड़ी में महिला एवं बाल विकास विभाग ने अक्षय तृतीया पर दो नाबालिग लड़कियों का विवाह रुकवाया. टीम ने उनके परिवार वालों को समझाइश दी. उन्हें बताया कि जब तक लड़की बालिक न हों, तब तक उसकी शादी न करवाए.
सुकलियां गांव में 16 साल नौ माह की लड़की का हो रहा था विवाह
दरअसल, प्रशासन और महिला एवं बाल विकास विभाग टीम को सूचना मिली थी कि सुकलियां गांव में बाल विवाह हो रहा हैं, जिसके बाद टीम मौके पर पहुंची. इस दौरान पता चला कि जिस नाबालिग लड़की का विवाह हो रहा हैं, वह 16 साल नौ माह की है. इसके बाद टीम द्वारा विवाह को रुकवाया गया. परिजनों को समझाइश दी गई.
घूमने का लालच देकर कराया जा रहा था बाल विवाह, रुकवाया
पिपलिया कदीम में भी नाबालिग लड़की का हो रहा था विवाह
टीम को सूचना मिली कि पिपलिया कदीम गांव में भी बाल विवाह हो रहा हैं, जिसके बाद टीम मौके पर पहुंची. इस दौरान पता चला कि जिस नाबालिग लड़की का विवाह हो रहा हैं, वह 18 साल से कम उम्र की हैं. इसके बाद टीम द्वारा विवाह को रुकवाया गया. परिजनों को समझाइश दी गई.
ग्वालियर में पुलिस और प्रशासन ने रुकवाई शादी
गांव में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए अब जिला प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट मोड पर आ गया हैं. अक्षय तृतीया पर शादी समारोह और सामूहिक विवाह सम्मेलन को रोकने के लिए जिला प्रशासन और पुलिस ने गांव में जाकर दौरा किया, जिसमें कई गांव ऐसे मिले, जहां पर शादियां हो रही थी. इसी कड़ी में जिला प्रशासन और पुलिस को शादी समारोह होने की सूचना मिली, तो शादी रुकवाने के लिए पुलिस और प्रशासनिक टीम छीमक गांव पहुंची. यहां बड़ी संख्या में लोग खाना खा रहे थे. इस दौरान एसडीएम ने दुल्हन के पिता को दो घंटे में शादी खत्म कराने के लिए कहा. दो घंटे बाद एफआईआर दर्ज की गई.