भोपाल| खटला पुरा घाट पर गणेश विसर्जन के दौरान नाव पलटने से 11 लोगों की मौत के बाद अब प्रशासन किसी भी प्रकार की कोताही बरतने के मूड में नहीं है अब प्रशासन दुर्गा विसर्जन को लेकर काफी सख्ती के साथ काम कर रहा है. राजधानी में प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए अब बड़ी क्रेनो पर झूलते प्लेटफार्म लगाए गए हैं. जिसकी टेस्टिंग पिछले दो दिनों से लगातार की जा रही है. एक बार फिर इस प्लेटफार्म की टेस्टिंग महापौर आलोक शर्मा और वरिष्ठ अधिकारियों के सामने की गई है.
बता दे महापौर आलोक शर्मा सहित कलेक्टर, डीआईजी, कमिश्नर और प्रशासन के आला अधिकारी राजधानी के सबसे बड़े विसर्जन घाट प्रेमपुरा पर पहुंचे. यहां आने वाले दुर्गा विसर्जन को ध्यान में रखते हुए व्यवस्थाओं का जायजा लिया.
बड़ी मूर्तियों को विसर्जित करने के लिए विशेष तौर पर बुलाई गई इन क्रेनो पर लोहे का मजबूत और काफी बड़ा प्लेटफॉर्म लगाया गया है. प्रेमपुरा घाट के समीप ही छोटी मूर्तियों के विसर्जन के लिए बनाए गए कुंड का निर्माण भी बड़े स्तर पर किया जा रहा है जो निर्माण गणेश विसर्जन के लिए किया गया था वह काफी छोटा था. इसलिए उसे तोड़ा जा रहा है और उसका विस्तार करते हुए उसे दोगने क्षेत्र में बनाया जा रहा है.
नाव से विसर्जन पर लगा प्रतिबंध
अब नाव में विसर्जन करना पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है. नगर निगम के ही प्रशिक्षित गोताखोर प्लेटफार्म पर तैनात रहेंगे . किनारे से वही प्रतिमाओं को तालाब के अंदर विसर्जित करेंगे. क्रेन के जरिए मूर्ति को 20 से 25 फीट नीचे पानी में ले जाकर विसर्जित किया जाएगा . अब तालाब के अंदर किसी को भी जाने की अनुमति नहीं होगी .
तालाब में संचालित नाव के लिए लगे विशेष पंजीयन शिविर अब बंद कर दिए गए हैं . 3 दिन तक बड़े तालाब और छोटे तालाब पर करीब 161 पंजीयन फॉर्म भरकर नाविकों ने जमा किए हैं. प्रशासन के सामने अभी सबसे बड़ी चुनौती यह है कि तालाब में अभी भी अनफिट नाव को किस तरह से हटाया जाए , क्योंकि नियम अनुसार कोई अधिकृत एजेंसी ही नाव का फिटनेस टेस्ट कर सकती है . लेकिन इस तरह की कोई भी एजेंसी फिलहाल प्रदेश में मौजूद नहीं है.