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नवरात्रि में मूर्ति विसर्जन के लिए प्रशासन ने की नई व्यवस्था , बड़ी क्रेन पर लगाया गया मजबूत प्लेटफार्म

नवरात्रि में मूर्ति विसर्जन के लिए प्रशासन ने नया इंतजाम किया है जिसमें अब प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए बड़ी क्रेनो पर झूलते प्लेटफार्म लगाए गए हैं. जिसका जायजा महापौर आलोक शर्मा ने लिया.

मूर्ति विसर्जन के लिए प्रशासन ने की नई व्यवस्था
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Published : Sep 22, 2019, 12:26 PM IST

भोपाल| खटला पुरा घाट पर गणेश विसर्जन के दौरान नाव पलटने से 11 लोगों की मौत के बाद अब प्रशासन किसी भी प्रकार की कोताही बरतने के मूड में नहीं है अब प्रशासन दुर्गा विसर्जन को लेकर काफी सख्ती के साथ काम कर रहा है. राजधानी में प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए अब बड़ी क्रेनो पर झूलते प्लेटफार्म लगाए गए हैं. जिसकी टेस्टिंग पिछले दो दिनों से लगातार की जा रही है. एक बार फिर इस प्लेटफार्म की टेस्टिंग महापौर आलोक शर्मा और वरिष्ठ अधिकारियों के सामने की गई है.

मूर्ति विसर्जन के लिए प्रशासन ने की नई व्यवस्था


बता दे महापौर आलोक शर्मा सहित कलेक्टर, डीआईजी, कमिश्नर और प्रशासन के आला अधिकारी राजधानी के सबसे बड़े विसर्जन घाट प्रेमपुरा पर पहुंचे. यहां आने वाले दुर्गा विसर्जन को ध्यान में रखते हुए व्यवस्थाओं का जायजा लिया.


बड़ी मूर्तियों को विसर्जित करने के लिए विशेष तौर पर बुलाई गई इन क्रेनो पर लोहे का मजबूत और काफी बड़ा प्लेटफॉर्म लगाया गया है. प्रेमपुरा घाट के समीप ही छोटी मूर्तियों के विसर्जन के लिए बनाए गए कुंड का निर्माण भी बड़े स्तर पर किया जा रहा है जो निर्माण गणेश विसर्जन के लिए किया गया था वह काफी छोटा था. इसलिए उसे तोड़ा जा रहा है और उसका विस्तार करते हुए उसे दोगने क्षेत्र में बनाया जा रहा है.


नाव से विसर्जन पर लगा प्रतिबंध
अब नाव में विसर्जन करना पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है. नगर निगम के ही प्रशिक्षित गोताखोर प्लेटफार्म पर तैनात रहेंगे . किनारे से वही प्रतिमाओं को तालाब के अंदर विसर्जित करेंगे. क्रेन के जरिए मूर्ति को 20 से 25 फीट नीचे पानी में ले जाकर विसर्जित किया जाएगा . अब तालाब के अंदर किसी को भी जाने की अनुमति नहीं होगी .


तालाब में संचालित नाव के लिए लगे विशेष पंजीयन शिविर अब बंद कर दिए गए हैं . 3 दिन तक बड़े तालाब और छोटे तालाब पर करीब 161 पंजीयन फॉर्म भरकर नाविकों ने जमा किए हैं. प्रशासन के सामने अभी सबसे बड़ी चुनौती यह है कि तालाब में अभी भी अनफिट नाव को किस तरह से हटाया जाए , क्योंकि नियम अनुसार कोई अधिकृत एजेंसी ही नाव का फिटनेस टेस्ट कर सकती है . लेकिन इस तरह की कोई भी एजेंसी फिलहाल प्रदेश में मौजूद नहीं है.

भोपाल| खटला पुरा घाट पर गणेश विसर्जन के दौरान नाव पलटने से 11 लोगों की मौत के बाद अब प्रशासन किसी भी प्रकार की कोताही बरतने के मूड में नहीं है अब प्रशासन दुर्गा विसर्जन को लेकर काफी सख्ती के साथ काम कर रहा है. राजधानी में प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए अब बड़ी क्रेनो पर झूलते प्लेटफार्म लगाए गए हैं. जिसकी टेस्टिंग पिछले दो दिनों से लगातार की जा रही है. एक बार फिर इस प्लेटफार्म की टेस्टिंग महापौर आलोक शर्मा और वरिष्ठ अधिकारियों के सामने की गई है.

मूर्ति विसर्जन के लिए प्रशासन ने की नई व्यवस्था


बता दे महापौर आलोक शर्मा सहित कलेक्टर, डीआईजी, कमिश्नर और प्रशासन के आला अधिकारी राजधानी के सबसे बड़े विसर्जन घाट प्रेमपुरा पर पहुंचे. यहां आने वाले दुर्गा विसर्जन को ध्यान में रखते हुए व्यवस्थाओं का जायजा लिया.


बड़ी मूर्तियों को विसर्जित करने के लिए विशेष तौर पर बुलाई गई इन क्रेनो पर लोहे का मजबूत और काफी बड़ा प्लेटफॉर्म लगाया गया है. प्रेमपुरा घाट के समीप ही छोटी मूर्तियों के विसर्जन के लिए बनाए गए कुंड का निर्माण भी बड़े स्तर पर किया जा रहा है जो निर्माण गणेश विसर्जन के लिए किया गया था वह काफी छोटा था. इसलिए उसे तोड़ा जा रहा है और उसका विस्तार करते हुए उसे दोगने क्षेत्र में बनाया जा रहा है.


नाव से विसर्जन पर लगा प्रतिबंध
अब नाव में विसर्जन करना पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है. नगर निगम के ही प्रशिक्षित गोताखोर प्लेटफार्म पर तैनात रहेंगे . किनारे से वही प्रतिमाओं को तालाब के अंदर विसर्जित करेंगे. क्रेन के जरिए मूर्ति को 20 से 25 फीट नीचे पानी में ले जाकर विसर्जित किया जाएगा . अब तालाब के अंदर किसी को भी जाने की अनुमति नहीं होगी .


तालाब में संचालित नाव के लिए लगे विशेष पंजीयन शिविर अब बंद कर दिए गए हैं . 3 दिन तक बड़े तालाब और छोटे तालाब पर करीब 161 पंजीयन फॉर्म भरकर नाविकों ने जमा किए हैं. प्रशासन के सामने अभी सबसे बड़ी चुनौती यह है कि तालाब में अभी भी अनफिट नाव को किस तरह से हटाया जाए , क्योंकि नियम अनुसार कोई अधिकृत एजेंसी ही नाव का फिटनेस टेस्ट कर सकती है . लेकिन इस तरह की कोई भी एजेंसी फिलहाल प्रदेश में मौजूद नहीं है.

Intro:नवरात्र में मूर्ति विसर्जन के लिए प्रशासन ने की नई व्यवस्था , बड़ी क्रेन पर लगाया गया मजबूत प्लेटफार्म


भोपाल | राजधानी में हुए खटला पुरा घाट पर गणेश विसर्जन के दौरान नाव पलटने से 11 लोगों की मौत के बाद अब प्रशासन किसी प्रकार की कोताही बरतने के मूड में नहीं है अब दुर्गा विसर्जन को लेकर काफी सख्ती के साथ प्रशासन कार्य योजना पर काम करने में जुट गया है . राजधानी में प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए अब बड़ी क्रेनो पर झूलते प्लेटफार्म लगाए गए हैं . जिसकी टेस्टिंग पिछले 2 दिनों से लगातार की जा रही है . एक बार फिर इस प्लेटफार्म की टेस्टिंग महापौर आलोक शर्मा और वरिष्ठ अधिकारियों के सामने की गई है . Body:नगर निगम के महापौर आलोक शर्मा सहित कलेक्टर ,डीआईजी, कमिश्नर एवं प्रशासन के आला अधिकारी राजधानी के सबसे बड़े विसर्जन घाट प्रेमपुरा पर पहुंचे . यहां आगामी दुर्गा विसर्जन को दृष्टिगत रखते हुए व्यवस्थाओं का जायजा लिया गया है . सभी अधिकारियों ने मिलकर विसर्जन घाट पर किए जा रहे निर्माण कार्यों का भी अवलोकन किया है . साथ ही विसर्जन के लिए विशेष तौर पर मंगाई गई क्रेनो का जायजा भी लिया है .



बड़ी मूर्तियों को विसर्जित करने के लिए विशेष तौर पर बुलाई गई इन क्रेनो पर लोहे का मजबूत और काफी बड़ा प्लेटफार्म लगाया गया है . इसकी मजबूती का जायजा स्वयं महापौर ,डीआईजी, कमिश्नर और कलेक्टर ने उस पर चढ़कर लिया है . साथ ही प्रेमपुरा घाट के समीप ही छोटी मूर्तियों के विसर्जन के लिए बनाए गए कुंड का निर्माण भी बड़े स्तर पर किया जा रहा है जो निर्माण गणेश विसर्जन के लिए किया गया था वह काफी छोटा था . इसलिए उसे तोड़ा जा रहा है और उसका विस्तार करते हुए उसे दोगने क्षेत्र में बनाया जा रहा है .Conclusion:प्रशासन का उद्देश है कि इन कुंडों में आने वाली छोटी मूर्तियों को व्यवस्थित ढंग से विसर्जित किया जा सकेगा . यहां पर वॉलिंटियर्स की ड्यूटी लगाई जाएगी जो इस कार्य को संपन्न कराने में अपना सहयोग देंगे . विसर्जन के दिन होने वाली ट्रैफिक व्यवस्था को भी दृष्टिगत रखते हुए प्रशासन ने मार्गों का अवलोकन किया है . साथ ही विसर्जन घाट पर आने वाली गाड़ियों के लिए पार्किंग की विशेष व्यवस्था करने के निर्देश भी दिए गए हैं .


अब नाव में विसर्जन करना पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है. नगर निगम के ही प्रशिक्षित गोताखोर प्लेटफार्म पर तैनात रहेंगे . किनारे से वही प्रतिमाओं को तालाब के अंदर विसर्जित करेंगे . क्रेन पर लगाए गए प्लेटफार्म पर व्यवस्थित ढंग से मूर्ति को रखा जाएगा और क्रेन के माध्यम से मूर्ति को 20 से 25 फीट नीचे पानी में ले जाकर विसर्जित किया जाएगा . अब तालाब के अंदर किसी को भी जाने की अनुमति नहीं होगी . विसर्जन घाटों पर डिस्प्ले बोर्ड लगाने पर भी नगर निगम विचार कर रहा है . विसर्जन घाटों पर पहुंचने वाली झांकी को विसर्जन के लिए वहां उपस्थित प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा पहले टोकन लेना होगा . टोकन प्राप्त करने के बाद ही विसर्जन स्थल के अंदर प्रवेश दिया जाएगा .

तालाब में संचालित नाव के लिए लगे विशेष पंजीयन शिविर अब बंद कर दिए गए हैं . 3 दिन तक बड़े तालाब और छोटे तालाब पर करीब 161 पंजीयन फॉर्म भरकर नाविकों ने जमा किए हैं . प्रशासन के सामने अभी सबसे बड़ी चुनौती यह है कि तालाब में अभी भी अनफिट नाव को किस तरह से हटाया जाए , क्योंकि नियम अनुसार कोई अधिकृत एजेंसी ही नाव का फिटनेस टेस्ट कर सकती है . लेकिन इस तरह की कोई भी एजेंसी फिलहाल प्रदेश में मौजूद नहीं है .
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