भोपाल। संपदा संचालनालय के फर्जी दस्तावेज के आधार पर सरकारी मकानों का आवंटन करवाने वालों के खिलाफ लोक निर्माण विभाग कार्रवाई की तैयारी कर रहा है. पिछले दो साल से रह रहे 66 कर्मचारियों से वसूली की जाएगी. लोक नर्माण विभाग अब इन कर्मचारियों से लगभग 55 लाख रुपए की वसूली करने जा रहा है. फर्जी आवंटन जारी करने के आरोपी राहुल खरते की पत्नी के नाम से आवंटित मकान का आवंटन निरस्त कर उसे विभाग ने खाली करा लिया है.
100 से ज्यादा लोगों को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सरकारी मकान आवंटन करने के आरोपी राहुल खरते को पहले ही जेल भेजा जा चुका है. आरोपी राहुल खरते ने मंत्रालय में आदिम जाति कल्याण विभाग में पदस्थ पत्नी के नाम पर 1100 क्वार्टर स्थित E-टाइप सरकारी मकान अलॉट कराया था. बाद में ये मकान उन्होंने किराए पर देकर F-टाइप सरकारी मकान में रहने लगे थे. मामले की जांच के बाद संपदा संचालनालय ने इस मकान का आवंटन निरस्त कर इसे खाली कराने की कार्रवाई की है. संपदा संचालनालय के आवंटन अधिकारी मुकुल गुप्ता ने बताया कि, आरोपी राहुल खरते को जालसाजी के मामले में पहले ही जेल भेजा जा चुका है.
66 लोगों से करीब 55 लाख की रिकवरी की है तैयारी
आरोपी राहुल खरते ने 66 कर्मचारियों को फर्जी आवंटन के जरिए सरकारी आवास उपलब्ध कराए थे. ये कर्मचारी फर्जी आवंटन पत्र के आधार पर इन सरकारी आवासों में फर्जी तरीके से पिछले दो साल से रह रहे थे. जालसाजी का भांडाफोड़ होने के बाद अब इन 66 कर्मचारियों से रिकवरी की तैयारी की जा रही है. PWD विभाग को जुर्माना सहित करीब 55 लाख रुपए की रिकवरी इन कर्मचारियों से लेनी है. रिकवरी के संबंधित नोटिस इन कर्मचारियों को जारी कर दिए जा रहे हैं.
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पुलिस विभाग के हैं अधिकांश कर्मचारी
फर्जी आवंटन पत्र के जरिए पिछले दो सालों से सरकारी मकान में रह रहे 66 कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए संपदा संचालनालय ने पुलिस को पत्र लिखा है. इन 66 कर्मचारियों में करीब 80 फीसदी पुलिस विभाग के ही कर्मचारी है.
105 मकान हुए आवंटित, जबकि होने थे सिर्फ 35
गौरतलब है कि गृह विभाग और संपदा संचालनालय ने जुलाई 2019 में बाबू राहुल खरते के खिलाफ जहांगीराबाद थाने में मामला दर्ज कराया था. मामले को जांच में लेकर पड़ताल की गई, जिसमें पाया गया कि गृह विभाग द्वारा 2018 में सिर्फ 35 मकान ही आवंटित किए गए थे. जबकि लिस्ट में 105 मकान पाए गए. मामले की जांच के बाद खुलासा हुआ था कि 66 सरकारी आवासों को आरोपी राहुल खरते ने फर्जी आवंटन पत्र तैयार कर आवंटित कर दिए थे.