भोपाल। राजधानी में लोकायुक्त के अमले ने दो रिश्वतखोर कर्मचारियों पर दबिश दी है. भोपाल के कोलार तहसील कार्यालय में रतनपुर वृत नायब तहसीलदार शिवांगी खरे के बाबू लक्ष्मी नारायण मिश्रा और बैरागढ़ चीचली में नायब तहसीलदार आदित्य झंगाले के बाबू सौदान सिंह को 2 अलग-अलग शिकायतों में रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया है.
नामांतरण के लिए मांगे 50 हजार: भोपाल के मिसरोद निवासी सचिन सेन ने लोकायुक्त कार्यालय में शिकायत की थी. उनके परिचित ओमप्रकाश मीना और बबलू मीना कोलार तहसील के रहवासी हैं. इन दोनों के पोथी नामांतरण का प्रकरण उसने अपने परिचित एक वकील को दिलवाया था. यह दोनों प्रकरण नायब तहसीलदार शिवांगी खरे की कोर्ट में 6 महीने से लंबित थे. इन पर आदेश निकलवाने के लिए नायब तहसीलदार के कार्यालय में पदस्थ रीडर लक्ष्मीनारायण मिश्रा को कहा गया, लेकिन वह 50 हजार रुपए की रिश्वत मांगने लगा. पुलिस अधीक्षक मनु व्यास ने निरीक्षक रजनी तिवारी से शिकायत का सत्यापन कराया. शिकायत सही पाने पर पुलिस अधीक्षक के मार्गदर्शन में लोकायुक्त की टीम ने कोलार तहसील में नायब तहसीलदार शिवांगी खरे के रीडर लक्ष्मीनारायण मिश्रा को 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया.
लोकायुक्त की कार्रवाई: दूसरे मामले में ओमप्रकाश पाटीदार वार्ड नंबर 52 पटेल सदन मिसरोद ने लोकायुक्त को 24 मार्च को एक लिखित शिकायत की थी. वह खेती किसानी के अलावा वकालत की प्रैक्टिस करता है. मीना विष्ट निवासी नयापुरा कोलार की भूमि नामांतरण का केस उनके माध्यम से नायब तहसीलदार बेरागढ़ चीचली आदित्य झंगाले के यहां लगा था. फाइलों में नामांतरण आदेश कराने की एवज में नायब तहसीलदार झंगाले के कार्यालय में पदस्थ सहायक रीडर सौदान सिंह 15 हजार रुपए की रिश्वत मांग रहा था. शिकायत के आधार पर लोकायुक्त की टीम ने उसे फरियादी से 12,000 रुपए की रिश्वत राशि लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा है.