नई दिल्ली/भोपाल। प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्या डॉ.अर्चना के आकलन के मुताबिक हिमाचल प्रदेश की जन्मपत्रिका में सूर्य लग्न में है और मकर राशि के राहू द्वितीय स्थान पर है. शनि मेष राशि में चतुर्थ स्थान पर है. केतु सिंह राशि में अष्टम स्थान पर है. लाभ स्थान पर वृश्चिक राशि में मंगल, गुरु व शुक्र हैं. चंद्र, बुध धनु राशि में बारहवें भाव में हैं. अभी राहु की महादशा चल रही है और राहु की महादशा में शुक्र चलेंगे. चुनाव के लिहाज से देखें तो हिमाचल प्रदेश (himachal pradesh election 2022) के ग्रहयोग कांग्रेस की जन्मकुंडली से मेल नहीं खाते. इस वक्त कांग्रेस के ग्रह नक्षत्रों की स्थिति ऐसी नहीं है कि उनके लिए हिमाचल में बहुत सुखद नतीजे आएं. डॉ. अर्चना के मुताबिक राहुल गांधी भारत जोड़ो पदयात्रा दक्षिण के बजाए अगर हिमाचल से प्रारंभ करते तो यहां बेहतर परिणाम निकल सकते थे.
हिमाचल में क्या रहेगा परिदृश्य : डॉ.अर्चना के मुताबिक जब भी शुक्र ग्रह महादशा या अंतर्दशा में आते हैं तो जमीन से जुड़े कार्य, पदयात्रा और यथार्थ के धरातल पर किए कार्यों के अच्छे परिणाम मिलते हैं. भाजपा की धनु लग्न की कुंडली है. बुध, केतु कुंभ राशि में तृतीय भाव में हैं. सूर्य चतुर्थ भाव में मीन राशि में हैं. शुक्र स्वराशि वृष में स्थित है. भाग्य स्थान पर गुरु शनि, मंगल, राहु सिंह राशि में हैं. चंद्र बारहवें भाव में वृश्चिक राशि में हैं. बीजेपी की जन्मपत्रिका में भाग्येश सूर्य की 2026 तक महादशा चल रही है. ज्योतिषीय गणना के मुताबिक देश में 2026 तक जहां भी चुनाव होंगे बीजेपी अधिकतर जगहों पर जीत दर्ज करेगी. करीब 70 फीसदी जगहों पर बीजेपी सरकार बनाएगी. फिलहाल राहु में शुक्र चल रहे हैं और राहु और शुक्र का यह योग शुक्र के आते ही सत्ताधारी पार्टी को लाभ देता है. वैसे भी राहु -शुक्र का ये योग भाजपा को अधिक लाभ दे रहा है. वहीं, आम आदमी पार्टी हिमाचल में खाता खोलते हुए भी नहीं दिख रही है.
हिमाचल की कुंडली में अप्रत्याशित परिणाम : वहीं विश्व विख्यात ज्योतिषाचार्य पंडित हनुमान मिश्रा जिनकी भविष्यवाणी गुजरात के पिछले चुनाव में सीटों सहित बिल्कुल सही साबित हुई थी. हिमाचल के बारे में उनका कहना है कि हिमाचल प्रदेश राहु की महादशा और शनि की अंतर्दशा के प्रभाव में है. हिमाचल प्रदेश के दशम भाव का स्वामी बुध न केवल चंद्रमा के साथ में है, बल्कि चंद्रमा के उपनक्षत्र के प्रभाव में भी है. यही कारण है कि यहां के लोगों का मिजाज हर बार बदलता है और लोग ज्यादातर हर बार नई सरकार चुनने में यकीन रखते हैं. क्योंकि वर्तमान में शनि की अंतर्दशा का प्रभाव है और शनि आठवें भाव में नीच का होकर बैठा है, जो अप्रत्याशित परिणाम की ओर इशारा कर रहा है. अब यहां के लिए अप्रत्याशित परिणाम तो यही हो सकता है कि जैसा पहले होता रहा है, वैसा न हो. यानी इस बार सत्ता परिवर्तन न हो. भारतीय जनता पार्टी फिलहाल शनि की अंतर्दशा के प्रभाव में है अर्थात यहां पर दशाओं का सामंजस्य होने का लाभ बीजेपी को मिल सकता है. कांग्रेस राहु की अंतर्दशा के प्रभाव में है. हालांकि राहु, शनि के उपनक्षत्र में है. अतः हम कांग्रेस को भी काफी हद तक अच्छी स्थिति में पा रहे हैं.
गुजरात में किसके सितारे बुलंद : पंडित हनुमान मिश्रा के मुताबिक गुजरात पर सूर्य की महादशा में गुरु की अंतर्दशा का प्रभाव है. वहीं 25 दिसंबर के बाद शनि की अंतर्दशा का प्रभाव शुरू हो जाएगा. दोनों ही ग्रह नवम भाव में बैठे हुए हैं, जो मुखिया के परिवर्तन या फिर सत्ता के परिवर्तन के संकेतक हैं. अब हमें विश्लेषण इस बात का करना है कि यहां सत्ता परिवर्तन होगा या फिर मुखिया का परिवर्तन. इसका अनुमान हम दशाओं के सामंजस्य से लगाएंगे. गुरु की अंतर्दशा के प्रभाव वाले गुजरात के साथ शनि की अंतर्दशा की प्रभाव वाली बीजेपी औसत दर्जे का संबंध रख सकती है. यानी यहां से न तो सकारात्मक और न ही नकारात्मक परिणाम की उम्मीद है. अर्थात बीजेपी की वर्तमान स्थिति प्रैक्टिकली जैसी है, उसको वैसे ही परिणाम मिलेंगे, बहुत अधिक चमत्कार होने की उम्मीद नहीं है. gujarat and himachal pradesh election 2022 date
गुजरात में क्या कहते हैं ग्रह नक्षत्र : पंडित हनुमान मिश्रा कहते हैं अब हम इनके विरोधी दलों की भी बात कर लेते हैं. गुरु की अंतर्दशा वाले गुजरात के साथ राहु की अंतर्दशा वाले कांग्रेस की कंपैटिबिलिटी कमजोर है. अर्थात वर्तमान में गुजरात के भीतर कांग्रेस का प्रदर्शन तुलनात्मक रूप से कमजोर रह सकता है, जिसका फायदा इसके विरोधी दलों को मिल सकता है. वहीं आम आदमी पार्टी की बात करें तो इसकी अंतर्दशाएं भी बृहस्पति की है. यह इस पार्टी के लिए एक अच्छी स्थिति है, लेकिन मकर लग्न वाली आम आदमी पार्टी के लिए बृहस्पति विरोधी ग्रह है. लिहाजा गुजरात के लोग इनके प्रति आकर्षित तो होंगे लेकिन अंत समय पर उनका मूड इनके प्रति बदल भी सकता है. डॉ.अर्चना के मुताबिक गुजरात में ग्रह नक्षत्रों का इशारा यह भी है कि कुछ दिग्गज नेताओं के हारने की संभावना भी बन रही है. यह भी संभावना है कि जो मुख्यमंत्री का चेहरा हो, वो शपथ न ले पाए या कुछ समय बाद बदलाव हो. यह ग्रह योग की गणना का इशारा है, कारण कुछ भी बन सकता है.
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दोनों राज्यों में बीजेपी बना सकती है सरकार : संकेत ये भी हैं कि दोनों राज्यों में सरकार भाजपा की ही बनेगी. डॉ.अर्चना कहती हैं कि अरविन्द केजरीवाल की जन्मपत्रिका में मंगल नीच का है. बहुत जोर- शोर से वो चुनाव में उतरकर बोलेंगे परंतु जनता यथार्थ के धरातल पर तौलेगी. वो अपना खाता खोलेंगे. किंतु भाजपा के भाग्येश की महादशा के प्रभाव और प्रधानमंत्री जी का कर्म पर विश्वास, इसके अलावा भाजपा और गुजरात के ग्रह-नक्षत्रों का आपसी समन्वय ऐसा है कि भाजपा अपना महत्व बना कर रखेगी और जीत की अवस्था में रहेगी. ग्रह गोचर के हिसाब से देखें तो जब चुनाव परिणाम आएंगे तब मंगल वक्री अवस्था में होंगे जो दूध का दूध व पानी का पानी कर देते हैं, खोखले दावे नहीं चलते. चुनाव के समय भाजपा के पराक्रम व पंचम स्थान में चंद्र होंगे और चुनाव परिणाम वाले दिन स्थिति ऐसी बन रही है कि सही कर्मों का ही फल मिलेगा.