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बदहाल भोपाल के अस्पताल, इलाज के लिए दर-दर भटकती रही 8 महीने की गर्भवती

हमीदिया अस्पताल में शुक्रवार को एक शख्स अपनी गर्भवती बहन को भर्ती करवाने के लिए जगह-जगह भटकता रहा. उसने सुल्तानिया अस्पताल और हमीदिया के बीच अपनी बहन को लेकर दिनभर में कई चक्कर लगाए और दोपहर से लेकर रात तक भटकने के बाद उसकी गर्भवती बहन को हमीदिया में मुश्किल से एक बेड नसीब हो पाया था.

Hamidia Hospital
हमीदिया अस्पताल
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Published : Apr 25, 2021, 6:16 AM IST

भोपाल। कोरोना महामारी ने लोगों को बेबस और लाचार बना दिया है. बढ़ते कोरोना के संक्रमण ने अस्पतालों की हालत खस्ता कर दी है, लोग दर-दर इलाज, ऑक्सीजन सिलेंडर, रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए भटक रहे हैं, लेकिन इनके बाद भी मरीजों की जान नहीं बच पा रही है. कोरोना महामारी में हमीदिया अस्पताल का भी कुछ ऐसा ही हाल है और यहां संक्रमण काल में बेबसी का एक मामला सामने आया है.

104 साल के बुजुर्ग ने दी कोरोना को मात, सीएम ने दी शुभकामनाएं

  • इलाज के लिए भटकती रही 8 महीने की गर्भवती महिला

जिले के हमीदिया अस्पताल में शुक्रवार को एक शख्स अपनी गर्भवती बहन को भर्ती करवाने के लिए जगह-जगह भटकता रहा. उसने सुल्तानिया अस्पताल और हमीदिया के बीच अपनी बहन को लेकर दिनभर में कई चक्कर लगाए और दोपहर से लेकर रात तक भटकने के बाद उसकी गर्भवती बहन को हमीदिया में मुश्किल से एक बेड नसीब हो पाया था. दरअसल, भोपाल के कोच फैक्टरी करारिया फार्म इलाके में रहने वाली पूजा 8 माह की गर्भवती है. वहीं, कुछ दिन पहले ही वह कोरोना पॉजिटिव पाई गई थी. महिला के भाई उमेश विश्वकर्मा ने बताया कि सुल्तानिया अस्पताल में उसकी बहन का इलाज चल रहा था और पॉजिटिव रिपोर्ट के बाद सुल्तानिया अस्पताल से पूजा को हमीदिया में भर्ती करवाने भेजा गया था. जिसके बाद वह शुक्रवार सुबह से ही मरीज को लेकर सुल्तानिया और हमीदिया के चक्कर लगा रहे हैं.

  • एक घंटा एंबुलेंस में बैठी रही गर्भवती

हमीदिया और सुल्तानिया के दिनभर चक्कर लगाने के बाद रात 10 बजे तक उमेश अपनी गर्भवती बहन को भर्ती करवाने के लिए परेशान होता रहा. यहां अस्पताल में पूजा 8 माह के गर्भ के साथ ऑक्सीजन से सांसे लेती रही, वहीं अस्पताल में बिस्तर की तलाश में 1 घंटा बीत गया. जैसे तैसे बेड मिल पाया तो मरीज को वार्ड में ले जाकर भर्ती करने के लिए वार्ड बॉय नहीं मिला. जिसके कारण पूजा 1 घंटे तक एंबुलेंस में बैठे बैठे परेशान होती रही.

भोपाल। कोरोना महामारी ने लोगों को बेबस और लाचार बना दिया है. बढ़ते कोरोना के संक्रमण ने अस्पतालों की हालत खस्ता कर दी है, लोग दर-दर इलाज, ऑक्सीजन सिलेंडर, रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए भटक रहे हैं, लेकिन इनके बाद भी मरीजों की जान नहीं बच पा रही है. कोरोना महामारी में हमीदिया अस्पताल का भी कुछ ऐसा ही हाल है और यहां संक्रमण काल में बेबसी का एक मामला सामने आया है.

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  • इलाज के लिए भटकती रही 8 महीने की गर्भवती महिला

जिले के हमीदिया अस्पताल में शुक्रवार को एक शख्स अपनी गर्भवती बहन को भर्ती करवाने के लिए जगह-जगह भटकता रहा. उसने सुल्तानिया अस्पताल और हमीदिया के बीच अपनी बहन को लेकर दिनभर में कई चक्कर लगाए और दोपहर से लेकर रात तक भटकने के बाद उसकी गर्भवती बहन को हमीदिया में मुश्किल से एक बेड नसीब हो पाया था. दरअसल, भोपाल के कोच फैक्टरी करारिया फार्म इलाके में रहने वाली पूजा 8 माह की गर्भवती है. वहीं, कुछ दिन पहले ही वह कोरोना पॉजिटिव पाई गई थी. महिला के भाई उमेश विश्वकर्मा ने बताया कि सुल्तानिया अस्पताल में उसकी बहन का इलाज चल रहा था और पॉजिटिव रिपोर्ट के बाद सुल्तानिया अस्पताल से पूजा को हमीदिया में भर्ती करवाने भेजा गया था. जिसके बाद वह शुक्रवार सुबह से ही मरीज को लेकर सुल्तानिया और हमीदिया के चक्कर लगा रहे हैं.

  • एक घंटा एंबुलेंस में बैठी रही गर्भवती

हमीदिया और सुल्तानिया के दिनभर चक्कर लगाने के बाद रात 10 बजे तक उमेश अपनी गर्भवती बहन को भर्ती करवाने के लिए परेशान होता रहा. यहां अस्पताल में पूजा 8 माह के गर्भ के साथ ऑक्सीजन से सांसे लेती रही, वहीं अस्पताल में बिस्तर की तलाश में 1 घंटा बीत गया. जैसे तैसे बेड मिल पाया तो मरीज को वार्ड में ले जाकर भर्ती करने के लिए वार्ड बॉय नहीं मिला. जिसके कारण पूजा 1 घंटे तक एंबुलेंस में बैठे बैठे परेशान होती रही.

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