ETV Bharat / state

भोपाल पीसीसी में मनाया गया 68वां विमुक्त जनजाति दिवस, कार्यालय के बाहर लगे सीएम के खिलाफ नारे - bhopal news

भोपाल स्थित प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आज 68 वां विमुक्त जनजाति दिवस का आयोजन किया गया. इसी दौरान पीसीसी कार्यलय के बाहर सीएम कमलनाथ के खिलाफ कुछ महिलाओं ने नारेबाजी की.

मंत्रीःओमकार सिंह मरकाम
author img

By

Published : Aug 31, 2019, 8:03 PM IST

भोपाल। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय भोपाल में आज 68वां विमुक्त जनजाति दिवस का आयोजन किया गया था. जिसमें आदिम जाति कल्याण मंत्री ओमकार सिंह मरकाम ने शिरकत की. जहां उन्होंने जनजाति को मुख्यधारा में जोड़ने के पंडित नेहरू के योगदान को बताया. वहीं कार्यालय के बाहर कुछ सामाजिक संगठनों ने सीएम कमलनाथ के खिलाफ नारेबाजी भी की.

भोपाल पीसीसी में मनाया गया 68वां विमुक्त जनजाति दिवस

पीसीसी में आयोजित इस कार्यक्रम में पहुंचे मंत्री ओमकार सिंह मरकाम ने कहा कि आज विमुक्त जनजाति का 68वां विमुक्त दिवस उत्साह के साथ मनाया जा रहा है. इसका इतिहास है कि आजादी के बाद 1952 में पंडित नेहरू ने जनजाति को भारत की मूल विचारधारा से जोड़ने का प्रयास किया था. अंग्रेजों ने तो इस जनजाति को आपराधिक प्रवृत्ति का माना था. जो मानवीय दृष्टिकोण से दुर्भाग्यपूर्ण था. स्वतंत्र भारत में पहली बार 1952 में इस समाज को मुख्यधारा में शामिल करने का काम पंडित जवाहर लाल नेहरु ने किया था.

वहीं पीसीसी के बाहर विमुक्त जनजाति के लिए काम करने वाली महिला समाज सेविका पूजा ठाकुर धरने पर बैठ गई. जहां उन्होंने सरकार पर सामाजिक संगठनों की उपेक्षा के आरोप लगाये. उन्होंने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार घुमंतू समाज के लोगों की समस्याएं सुनने की बजाय मंत्री जी के सम्मान में व्यस्त है. साथ ही प्रदेश की कमलनाथ सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

भोपाल। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय भोपाल में आज 68वां विमुक्त जनजाति दिवस का आयोजन किया गया था. जिसमें आदिम जाति कल्याण मंत्री ओमकार सिंह मरकाम ने शिरकत की. जहां उन्होंने जनजाति को मुख्यधारा में जोड़ने के पंडित नेहरू के योगदान को बताया. वहीं कार्यालय के बाहर कुछ सामाजिक संगठनों ने सीएम कमलनाथ के खिलाफ नारेबाजी भी की.

भोपाल पीसीसी में मनाया गया 68वां विमुक्त जनजाति दिवस

पीसीसी में आयोजित इस कार्यक्रम में पहुंचे मंत्री ओमकार सिंह मरकाम ने कहा कि आज विमुक्त जनजाति का 68वां विमुक्त दिवस उत्साह के साथ मनाया जा रहा है. इसका इतिहास है कि आजादी के बाद 1952 में पंडित नेहरू ने जनजाति को भारत की मूल विचारधारा से जोड़ने का प्रयास किया था. अंग्रेजों ने तो इस जनजाति को आपराधिक प्रवृत्ति का माना था. जो मानवीय दृष्टिकोण से दुर्भाग्यपूर्ण था. स्वतंत्र भारत में पहली बार 1952 में इस समाज को मुख्यधारा में शामिल करने का काम पंडित जवाहर लाल नेहरु ने किया था.

वहीं पीसीसी के बाहर विमुक्त जनजाति के लिए काम करने वाली महिला समाज सेविका पूजा ठाकुर धरने पर बैठ गई. जहां उन्होंने सरकार पर सामाजिक संगठनों की उपेक्षा के आरोप लगाये. उन्होंने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार घुमंतू समाज के लोगों की समस्याएं सुनने की बजाय मंत्री जी के सम्मान में व्यस्त है. साथ ही प्रदेश की कमलनाथ सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

Intro:भोपाल।मध्यप्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आज 68 वां विमुक्त जनजाति दिवस का आयोजन किया गया था। इस आयोजन में आदिम जाति कल्याण मंत्री ओमकार सिंह मरकाम जहां इस जनजाति को मुख्यधारा में जोड़ने के लिए पंडित नेहरू के योगदान पर चर्चा कर रहे थे। तो इस समाज के उत्थान के लिए काम करने वाले कुछ समाजसेवी मध्यप्रदेश कांग्रेस कार्यालय के बाहर कमलनाथ को कोस रहे थे। एक समाजसेवी तो कांग्रेस कार्यालय के मुख्य दरवाजे पर धरने पर बैठ गई और जमकर कमलनाथ के लिए कोसा। समाज सेविका का आरोप था कि विमुक्त जाति के लोगों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है और ना ही इनकी समस्याओं का कोई निराकरण कर रहा है।


Body:पीसीसी में आयोजित इस कार्यक्रम में पहुंचे आदिम जाति कल्याण मंत्री ओमकार सिंह मरकाम का कहना है कि आज विमुक्त जनजाति का 68 माह दिवस उत्साह के साथ मनाया जा रहा है । इसका इतिहास है कि आजादी के बाद 1952 में पंडित नेहरू ने जनजाति को भारत की मूल विचारधारा से जोड़ने का प्रयास किया था। अंग्रेजों ने इस जनजाति को अपराधिक प्रवृत्ति का मान कर पूरी समाज को चिन्हित किया था।जो मानवीय दृष्टिकोण से दुर्भाग्यपूर्ण था। स्वतंत्र भारत में पहली बार 1952 में इनको मुख्यधारा में शामिल करने का काम किया था।इसलिए हम उत्साह पूर्वक यह दिवस मना रहे हैं।
इधर पीसीसी के राजीव गांधी सभागार में कार्यक्रम चल रहा था उधर पीसीसी के बाहर विमुक्त जनजाति के लिए काम करने वाली एक महिला समाज सेविका धरने पर बैठ गई और कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए। इतना ही नहीं समाज सेविका ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को भी जमकर कोसा।


Conclusion:पूजा ठाकुर नाम की समाज सेविका का कहना था कि मैं कमलनाथ जी की चापलूसी नहीं कर सकती हूं। अगर हमारे बच्चों की कोई आवाज नहीं सुनेगा,तो हमारे लिए कमलनाथ का कोई महत्व नहीं है। आज घुमंतू समाज का मुक्ति दिवस का कार्यक्रम था, यह बहुत बड़ा दिन था। इस समाज ने स्वतंत्रता की लड़ाई में अहम योगदान दिया था। हम लोग समाज सेवक होने के नाते विमुक्त जनजातियों को लेकर लोगों को जागरूक बनाने का काम कर रहे हैं। यहां पर हमें बुलाया गया था,हालांकि मैं इस समाज से नहीं हूं। लेकिन इनकी संरक्षिका होने के नाते इनके लिए संघर्ष कर रही हूं। इन लोगों के संघर्ष के बाद शिवराज सिंह ने घुमंतू बोर्ड बनाया था। लेकिन आज उनको पूछा नहीं जा रहा है। क्योंकि कांग्रेस महिलाओं का सम्मान करना नहीं जानती है।आज मुक्ति दिवस है।लेकिन इनकी कोई नहीं सुन रहा है।इन लोगों की समस्याओं की कोई बात नहीं हो रही है।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.