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भोपाल : कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर खोले गए 61 फीवर क्लिनिक

राजधानी भोपाल के अस्पतालों में बढ़ते कोरोना मरीजों के मद्देनजर प्रदेश सरकार ने शहर में 61 फीवर क्लिनिक शुरू किए हैं, जहां 5 हजार 573 मरीजों के इलाज की सुविधा दी गई है. इन क्लिनिकों में आवश्यकता पड़ने पर कोरोना के सैंपलिंग की व्यवस्था भी की गई है. साथ ही डायबिटीज, हाइपरटेंशन, ह्रदय रोग से संबंधित और गर्भवती महिलाओं को उपचार का लाभ प्रदान किया गया है.

Fever Clinic
राजधानी स्थित फीवर क्लिनिक
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Published : Jun 25, 2020, 7:32 AM IST

भोपाल। राजधानी में कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या को रोकने के लिए सरकार के द्वारा लगातार स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को बेहतर किया जा रहा है. साथ ही अलग-अलग स्तर पर स्क्रीनिंग के साथ ही टेस्टिंग भी की जा रही है. लेकिन जनसंख्या अधिक होने के चलते हर व्यक्ति की टेस्टिंग कर पाना सरकार के लिए भी एक बड़ी चुनौती है. हालांकि सरकार की ओर से अस्पतालों में बढ़ रही मरीजों की संख्या को नियंत्रित करने के लिए शहर में 61 फीवर क्लीनिक संचालित की जा रहे हैं और इन फीवर क्लिनिकों से लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं भी उपलब्ध हो रही है. शहर में संचालित फीवर क्लिनिक में अब तक 5 हजार 573 मरीजों की जांच और उपचार की सुविधा प्रदान की गई है.

Fever Clinic
राजधानी स्थित फीवर क्लिनिक
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ प्रभाकर तिवारी ने जारी की गई जानकारी में बताया कि जिले में स्वास्थ्य संस्थाओं के माध्यम से कुल 61 फीवर क्लीनिकों का संचालन किया जा रहा है. जिला अस्पताल, गैस राहत चिकित्सालय, हमीदिया अस्पताल, सुल्तानिया जनाना अस्पताल, कस्तूरबा अस्पताल, रेलवे अस्पताल सहित समस्त सिविल अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सिविल डिस्पेंसरी और संजीवनी क्लिनिक संचालित किए जा रहे हैं, जिससे मरीज को घर के नजदीकी स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त हो सकें. इन फीवर क्लिनिकों में आवश्यकता पड़ने पर कोरोना के सैंपलिंग की व्यवस्था भी की गई है. साथ ही डायबिटीज, हाइपरटेंशन, ह्रदय रोग से संबंधित और गर्भवती महिलाओं को उपचार का लाभ प्रदान किया गया है. विशेषज्ञों द्वारा इन फीवर क्लीनिक पर पहुंचे अब तक 1 हजार 955 मरीजों के सैंपल लिए गए हैं, जिनमें से 537 मरीजों को कोविड केयर सेंटर में भर्ती किया गया है.

फीवर क्लिनिकों के शुरू होने के बाद अस्पतालों में भीड़ हुई कम

बता दें कि राजधानी में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के डर से अस्पतालों में भारी संख्या में लोगों की भीड़ जमा हो रही थी. इसमें से ज्यादातर मरीज ऐसे थे, जिन्हें केवल हल्की सर्दी, खांसी की शिकायत थी. वहीं कई मरीज अन्य बीमारियों से ग्रसित थे. लेकिन ज्यादातर अस्पतालों में कोरोना संक्रमण के मरीजों पर ही विशेष ध्यान दिया जा रहा था. ऐसी परिस्थिति में अन्य बीमारियों के मरीजों को कई तरह की असुविधा भी हो रही थी, जिसे देखते हुए सरकार ने फीवर क्लिनिक की शुरुआत की है. इन फीवर क्लिनिकों में विशेषज्ञ डॉक्टर लोगों का इलाज कर रहे हैं. जिस मरीज में कोरोना के लक्षण दिखाई देते हैं, उसकी तत्काल जांच कराई जाती है. फीवर क्लिनिक शुरू होने के बाद अस्पतालों में भीड़ काफी कम हो गई है और लोग अपने घर के आसपास बनी फीवर क्लिनिकों में ही अपना उपचार करवा रहे हैं.

भोपाल। राजधानी में कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या को रोकने के लिए सरकार के द्वारा लगातार स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को बेहतर किया जा रहा है. साथ ही अलग-अलग स्तर पर स्क्रीनिंग के साथ ही टेस्टिंग भी की जा रही है. लेकिन जनसंख्या अधिक होने के चलते हर व्यक्ति की टेस्टिंग कर पाना सरकार के लिए भी एक बड़ी चुनौती है. हालांकि सरकार की ओर से अस्पतालों में बढ़ रही मरीजों की संख्या को नियंत्रित करने के लिए शहर में 61 फीवर क्लीनिक संचालित की जा रहे हैं और इन फीवर क्लिनिकों से लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं भी उपलब्ध हो रही है. शहर में संचालित फीवर क्लिनिक में अब तक 5 हजार 573 मरीजों की जांच और उपचार की सुविधा प्रदान की गई है.

Fever Clinic
राजधानी स्थित फीवर क्लिनिक
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ प्रभाकर तिवारी ने जारी की गई जानकारी में बताया कि जिले में स्वास्थ्य संस्थाओं के माध्यम से कुल 61 फीवर क्लीनिकों का संचालन किया जा रहा है. जिला अस्पताल, गैस राहत चिकित्सालय, हमीदिया अस्पताल, सुल्तानिया जनाना अस्पताल, कस्तूरबा अस्पताल, रेलवे अस्पताल सहित समस्त सिविल अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सिविल डिस्पेंसरी और संजीवनी क्लिनिक संचालित किए जा रहे हैं, जिससे मरीज को घर के नजदीकी स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त हो सकें. इन फीवर क्लिनिकों में आवश्यकता पड़ने पर कोरोना के सैंपलिंग की व्यवस्था भी की गई है. साथ ही डायबिटीज, हाइपरटेंशन, ह्रदय रोग से संबंधित और गर्भवती महिलाओं को उपचार का लाभ प्रदान किया गया है. विशेषज्ञों द्वारा इन फीवर क्लीनिक पर पहुंचे अब तक 1 हजार 955 मरीजों के सैंपल लिए गए हैं, जिनमें से 537 मरीजों को कोविड केयर सेंटर में भर्ती किया गया है.

फीवर क्लिनिकों के शुरू होने के बाद अस्पतालों में भीड़ हुई कम

बता दें कि राजधानी में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के डर से अस्पतालों में भारी संख्या में लोगों की भीड़ जमा हो रही थी. इसमें से ज्यादातर मरीज ऐसे थे, जिन्हें केवल हल्की सर्दी, खांसी की शिकायत थी. वहीं कई मरीज अन्य बीमारियों से ग्रसित थे. लेकिन ज्यादातर अस्पतालों में कोरोना संक्रमण के मरीजों पर ही विशेष ध्यान दिया जा रहा था. ऐसी परिस्थिति में अन्य बीमारियों के मरीजों को कई तरह की असुविधा भी हो रही थी, जिसे देखते हुए सरकार ने फीवर क्लिनिक की शुरुआत की है. इन फीवर क्लिनिकों में विशेषज्ञ डॉक्टर लोगों का इलाज कर रहे हैं. जिस मरीज में कोरोना के लक्षण दिखाई देते हैं, उसकी तत्काल जांच कराई जाती है. फीवर क्लिनिक शुरू होने के बाद अस्पतालों में भीड़ काफी कम हो गई है और लोग अपने घर के आसपास बनी फीवर क्लिनिकों में ही अपना उपचार करवा रहे हैं.

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