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आंदोलन की राह पर भोपाल नगर निगम के 6 हजार कर्मचारी, कचरा कलेक्शन पर लगेगा ब्रेक ! - cleanliness number one

भोपाल नगर निगम के कर्मचारियों ने अपनी मांगों लेकर हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है. इस हड़ताल में कचरा गाड़ी के ड्राइवर भी शामिल हैं. इस दौरान शहर में क्या-क्या होगा प्रभावित पढ़ें पूरी ख़बर...

Bhopal City Corporation
भोपाल नगर निगम
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Published : Oct 20, 2020, 11:12 AM IST

Updated : Oct 20, 2020, 11:27 AM IST

भोपाल। राजधानी को स्वच्छता में नंबर वन लाने के लिए निगम कर्मी लगातार मेहनत कर रहे हैं. साथ ही कोरोनाकाल में दिन रात अपने कार्यों का निर्वहन कर रहे हैं. ऐसे में नगर निगम के कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है. जिससे अब आम जनता को काफी परेशानी हो सकती है, क्योंकि इस हड़ताल में कचरा गाड़ी के ड्राइवर भी शामिल हैं.

भोपाल नगर निगम

हड़ताल में शामिल कर्मचारी

  • भोपाल नगर निगम के करीब 6 हजार कर्मचारी हड़ताल करेंगे.
  • 1500 निगम की गाड़ियों के पहिए थम जाएंगे.
  • राजभवन से लेकर मुख्यमंत्री निवास, मंत्री, विधायक, आईएएस, आईपीएस समेत किसी भी वार्ड से कचरा नहीं उठाया जाएगा.
  • टैंकर के माध्यम से होने वाली पानी की सप्लाई भी प्रभावित हो सकती है.

क्या है मांगें

  • कर्मचारियों को नियमित किया जाए.
  • कर्मचारियों का बीमा किया जाए.
  • 25 दिवसीय प्रथा खत्म करना.

तीन चरणों में करेंगे आंदोलन

  • पांच नवंबर को कर्मचारी काली पट्टी बांधकर विरोध जताएंगे,
  • 7 नवंबर को कर्मचारी नगर निगम मुख्यालय का घेराव करेंगे,
  • 11 नवंबर से कर्मचारी अनिश्चित हड़ताल करेंगे.

हड़ताल से हर कोई होगा प्रभावित

राजधानी में सुबह होते ही शहर के 85 वार्डों में एक साथ निगम की गाड़ी कचरा लेने आती है, लेकिन 5 नवंबर के बाद शहर में कचरा गाड़ी नहीं दिखाई देगी. नगर निगम कर्मचारी एक बड़ी हड़ताल की तैयारी कर रहे हैं. कर्मचारियों ने पहले अपनी मांगों लेकर ज्ञापन दिया था, लेकिन उन्हें कहीं से भी आश्वासन नहीं मिलने पर सभी से हड़ताल का रास्ता अपनाया है. 25 लाख से ज्यादा की आबादी वाले भोपाल शहर में हजारों मीट्रिक टन कूड़ा कचरा एक ही दिन में निकलता है, ऐसे में कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से पूरा कचरा जाम हो जाएगा.

कितना पड़ेगा असर

नगर निगम के कर्मचारी रोज डोर-टू-डोर घरों से लेकर दुकानों और व्यवसायिक मार्केट से कचरा उठाते हैं. अगर एक दिन भी शहर से कचरा न उठाया गया तो हजारों मीट्रिक कचरा शहर में जमा हो जाएगा. इसके अलावा शहर में निगम के कचरा प्लांट भी बंद रहेंगे. जहां हर रोज कचरा को री-साइकिल कर खाद बनाई जाती है. साथ ही निगम के वर्कशॉप में मैकेनिक भी हड़ताल पर रहेंगे, जिससे निगम की कोई भी गाड़ी सुधर नहीं पाएगी. इसके अलावा उन इलाकों में भी सबसे ज्यादा परेशानी हो सकती है, जिन इलाकों में टैंकर के माध्यम से पानी सप्लाई की जाती है.

ये भी पढ़ें- 'आइटम' वाली सियासत की वो महिला नेता जो कमलनाथ के बयान पर पहले मंच पर 'शर्माईं' फिर 'मुस्कुराईं'!

कर्मचारी नेताओं का कहना है कि निगम कर्मचारियों से पूरे 30 दिन काम लिया जाता है, लेकिन सिर्फ 25 दिनों का ही वेतन दिया जाता है, ऐसे में अगर उनकी मांगे पूरी नहीं हुई, तो सब कुछ ठप हो जाएगा. आम हो या खास कहीं से कचरा नहीं उठाया जाएगा. इस दौरान नगर निगम कमिश्नर वीएस चौधरी कोलसानी का कहना है कि सभी कर्मचारियों के संगठन से बातचीत हो रही है. इसे लेकर शासन स्तर पर भी बात चल रही है, कोई न कोई रास्ता निकाला जाएगा. उन्होंने कहा कि ऐसा संभव नहीं है कि कर्मचारियों को नियमित किया जा सके, पहले ही कठिन समय में सैलरी और तमाम जरूरत को पूरा किया जा रहा है.

भोपाल। राजधानी को स्वच्छता में नंबर वन लाने के लिए निगम कर्मी लगातार मेहनत कर रहे हैं. साथ ही कोरोनाकाल में दिन रात अपने कार्यों का निर्वहन कर रहे हैं. ऐसे में नगर निगम के कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है. जिससे अब आम जनता को काफी परेशानी हो सकती है, क्योंकि इस हड़ताल में कचरा गाड़ी के ड्राइवर भी शामिल हैं.

भोपाल नगर निगम

हड़ताल में शामिल कर्मचारी

  • भोपाल नगर निगम के करीब 6 हजार कर्मचारी हड़ताल करेंगे.
  • 1500 निगम की गाड़ियों के पहिए थम जाएंगे.
  • राजभवन से लेकर मुख्यमंत्री निवास, मंत्री, विधायक, आईएएस, आईपीएस समेत किसी भी वार्ड से कचरा नहीं उठाया जाएगा.
  • टैंकर के माध्यम से होने वाली पानी की सप्लाई भी प्रभावित हो सकती है.

क्या है मांगें

  • कर्मचारियों को नियमित किया जाए.
  • कर्मचारियों का बीमा किया जाए.
  • 25 दिवसीय प्रथा खत्म करना.

तीन चरणों में करेंगे आंदोलन

  • पांच नवंबर को कर्मचारी काली पट्टी बांधकर विरोध जताएंगे,
  • 7 नवंबर को कर्मचारी नगर निगम मुख्यालय का घेराव करेंगे,
  • 11 नवंबर से कर्मचारी अनिश्चित हड़ताल करेंगे.

हड़ताल से हर कोई होगा प्रभावित

राजधानी में सुबह होते ही शहर के 85 वार्डों में एक साथ निगम की गाड़ी कचरा लेने आती है, लेकिन 5 नवंबर के बाद शहर में कचरा गाड़ी नहीं दिखाई देगी. नगर निगम कर्मचारी एक बड़ी हड़ताल की तैयारी कर रहे हैं. कर्मचारियों ने पहले अपनी मांगों लेकर ज्ञापन दिया था, लेकिन उन्हें कहीं से भी आश्वासन नहीं मिलने पर सभी से हड़ताल का रास्ता अपनाया है. 25 लाख से ज्यादा की आबादी वाले भोपाल शहर में हजारों मीट्रिक टन कूड़ा कचरा एक ही दिन में निकलता है, ऐसे में कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से पूरा कचरा जाम हो जाएगा.

कितना पड़ेगा असर

नगर निगम के कर्मचारी रोज डोर-टू-डोर घरों से लेकर दुकानों और व्यवसायिक मार्केट से कचरा उठाते हैं. अगर एक दिन भी शहर से कचरा न उठाया गया तो हजारों मीट्रिक कचरा शहर में जमा हो जाएगा. इसके अलावा शहर में निगम के कचरा प्लांट भी बंद रहेंगे. जहां हर रोज कचरा को री-साइकिल कर खाद बनाई जाती है. साथ ही निगम के वर्कशॉप में मैकेनिक भी हड़ताल पर रहेंगे, जिससे निगम की कोई भी गाड़ी सुधर नहीं पाएगी. इसके अलावा उन इलाकों में भी सबसे ज्यादा परेशानी हो सकती है, जिन इलाकों में टैंकर के माध्यम से पानी सप्लाई की जाती है.

ये भी पढ़ें- 'आइटम' वाली सियासत की वो महिला नेता जो कमलनाथ के बयान पर पहले मंच पर 'शर्माईं' फिर 'मुस्कुराईं'!

कर्मचारी नेताओं का कहना है कि निगम कर्मचारियों से पूरे 30 दिन काम लिया जाता है, लेकिन सिर्फ 25 दिनों का ही वेतन दिया जाता है, ऐसे में अगर उनकी मांगे पूरी नहीं हुई, तो सब कुछ ठप हो जाएगा. आम हो या खास कहीं से कचरा नहीं उठाया जाएगा. इस दौरान नगर निगम कमिश्नर वीएस चौधरी कोलसानी का कहना है कि सभी कर्मचारियों के संगठन से बातचीत हो रही है. इसे लेकर शासन स्तर पर भी बात चल रही है, कोई न कोई रास्ता निकाला जाएगा. उन्होंने कहा कि ऐसा संभव नहीं है कि कर्मचारियों को नियमित किया जा सके, पहले ही कठिन समय में सैलरी और तमाम जरूरत को पूरा किया जा रहा है.

Last Updated : Oct 20, 2020, 11:27 AM IST
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