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सीधी के टाइगर रिजर्व लाए जाएंगे 50 गौर, राज्य वन्य प्राणी बोर्ड की बैठक में फैसला

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Published : Sep 18, 2021, 6:38 PM IST

मध्य प्रदेश के सीधी जिले में स्थित संजय गांधी टाइगर रिजर्व में सतपुड़ा टाइगर रिजर्व अथवा पेंच टाइगर रिजर्व से 50 गौर लाए जाएंगे. यह निर्णय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई राज्य वन्य प्राणी बोर्ड की बैठक में लिया गया है. प्रधान मुख्य वन संरक्षण (वन्य प्राणी) आलोक कुमार ने बताया कि भारतीय वन्य जीव संरक्षण देहरादून द्वारा संजय टाइगर रिजर्व को वन्य प्राणी गौर की पुनस्र्थापन के लिए उपयुक्त पाया गया है.

सीधी के टाइगर रिजर्व लाए जाएंगे 50 गौर, राज्य वन्य प्राणी बोर्ड की बैठक में फैसला
सीधी के टाइगर रिजर्व लाए जाएंगे 50 गौर, राज्य वन्य प्राणी बोर्ड की बैठक में फैसला

भोपाल| मध्य प्रदेश के सीधी जिले में स्थित संजय गांधी टाइगर रिजर्व में सतपुड़ा टाइगर रिजर्व अथवा पेंच टाइगर रिजर्व से 50 गौर लाए जाएंगे. यह निर्णय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई राज्य वन्य प्राणी बोर्ड की बैठक में लिया गया है. प्रधान मुख्य वन संरक्षण (वन्य प्राणी) आलोक कुमार ने बताया कि भारतीय वन्य जीव संरक्षण देहरादून द्वारा संजय टाइगर रिजर्व को वन्य प्राणी गौर की पुनस्र्थापन के लिए उपयुक्त पाया गया है.

उन्होंने बताया कि गौर पुनस्र्थापना के लिए राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण द्वारा तकनीकी अनुमति भी दी जा चुकी है. उल्लेखनीय है कि संजय टाइगर के वन क्षेत्रों में गौर की मौजूदगी के ऐतिहासिक साक्ष्य मिले हैं. यहां के वन क्षेत्रों में पिछले कई दशक से गौर की उपलब्धता नहीं है. टाइगर रिजर्व सीधी में सतपुड़ा टाइगर रिजर्व या पेंच टाइगर रिजर्व से प्रस्तावित 50 गौर लाए जाएंगे. इसके पहले कान्हा टाइगर रिजर्व से बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में गौर लाए जाकर पुनस्र्थापित किए जा चुके हैं.

ज्ञात हो कि जिन वन क्षेत्रों में वन्य प्राणियों की किसी दौर में मौजूदगी रही है और वर्तमान में उन क्षेत्रों में वह वन्य प्राणी मौजूद नहीं है, इसके लिए पुनस्र्थापना का अभियान चलाया जाता है. पूर्व में भी इस तरह के प्रयोग हुए है, पन्ना टाइगर रिजर्व बाघ विहीन हो गया था, तब यहां बाघों का जोड़ा लाया गया था, अब पन्ना में बाघों की अच्छी खासी आबादी हो गई है.

आईएएनएस

भोपाल| मध्य प्रदेश के सीधी जिले में स्थित संजय गांधी टाइगर रिजर्व में सतपुड़ा टाइगर रिजर्व अथवा पेंच टाइगर रिजर्व से 50 गौर लाए जाएंगे. यह निर्णय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई राज्य वन्य प्राणी बोर्ड की बैठक में लिया गया है. प्रधान मुख्य वन संरक्षण (वन्य प्राणी) आलोक कुमार ने बताया कि भारतीय वन्य जीव संरक्षण देहरादून द्वारा संजय टाइगर रिजर्व को वन्य प्राणी गौर की पुनस्र्थापन के लिए उपयुक्त पाया गया है.

उन्होंने बताया कि गौर पुनस्र्थापना के लिए राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण द्वारा तकनीकी अनुमति भी दी जा चुकी है. उल्लेखनीय है कि संजय टाइगर के वन क्षेत्रों में गौर की मौजूदगी के ऐतिहासिक साक्ष्य मिले हैं. यहां के वन क्षेत्रों में पिछले कई दशक से गौर की उपलब्धता नहीं है. टाइगर रिजर्व सीधी में सतपुड़ा टाइगर रिजर्व या पेंच टाइगर रिजर्व से प्रस्तावित 50 गौर लाए जाएंगे. इसके पहले कान्हा टाइगर रिजर्व से बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में गौर लाए जाकर पुनस्र्थापित किए जा चुके हैं.

ज्ञात हो कि जिन वन क्षेत्रों में वन्य प्राणियों की किसी दौर में मौजूदगी रही है और वर्तमान में उन क्षेत्रों में वह वन्य प्राणी मौजूद नहीं है, इसके लिए पुनस्र्थापना का अभियान चलाया जाता है. पूर्व में भी इस तरह के प्रयोग हुए है, पन्ना टाइगर रिजर्व बाघ विहीन हो गया था, तब यहां बाघों का जोड़ा लाया गया था, अब पन्ना में बाघों की अच्छी खासी आबादी हो गई है.

आईएएनएस

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