भोपाल। प्रदेश के कई जिलों से लगातार कोरोना से संक्रमित मरीजों के सामने आने के बाद अब उन सभी जिलों और मरीजों के रहवासी क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग की टीम विशेष ध्यान देने में जुट गई है. यही वजह है कि प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण चुनिंदा इलाकों पर सरकार ने विशेष नियंत्रण कस दिया है.
जिन इलाकों में पॉजिटिव मरीजों का मूवमेंट हुआ है या फिर उनका निवास है, ऐसी स्थिति में इन इलाकों में विशेष नियंत्रण किया जाएगा. लॉकडाउन खुल जाने के बावजूद भी यहां पर व्यवस्थाएं सामान्य होने तक जारी रहेंगी, मतलब ये साफ है कि जब तक स्वास्थ्य विभाग की ओर से इस प्रतिबंधित क्षेत्र की पूरी तरह से जांच नहीं कर ली जाएगी तब तक इस क्षेत्र में किसी भी व्यक्ति की आवाजाही पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगी.
बताया जा रहा है कि जब तक इन सभी क्षेत्रों में निर्धारित क्वॉरेंटाइन पीरियड पूरा नहीं हो जाता, तब तक यहां प्रतिबंध लागू रहेगा. अभी तक प्रदेश में ऐसे 40 क्षेत्र चिन्हित किए गए हैं. इन सभी क्षेत्रों को कंटोनमेंट एरिया (रोकथाम क्षेत्र) कहा जाता है. यहां बिना स्क्रीनिंग के कोई भी व्यक्ति ना अंदर आ सकता है और ना बिना स्क्रीनिंग के यहां से बाहर जा सकता है.
शनिवार को भी टीटी नगर थाना परिसर के पास बने पुलिस आवासीय परिसर को पूरी तरह से क्वॉरेंटाइन एरिया घोषित किया गया है, क्योंकि इस क्षेत्र में रहने वाले एक पुलिसकर्मी को वायरस का संदिग्ध मरीज माना गया है इसलिए इस क्षेत्र को भी पूरी तरह से कंटोनमेंट एरिया घोषित किया गया है.
भोपाल में ये एरिया पूरी तरह बंद
भोपाल में संक्रमित हुए अधिकारियों के निवास वाले क्षेत्र भी कंटोनमेंट घोषित किए जाएंगे. चार इमली और करोद मंडी के आसपास क्षेत्र को पूरी तरह से बंद भी किया जा सकता है. पहले ही जिले के 8 क्षेत्रों को कंटोनमेंट एरिया घोषित किया जा चुका है. यदि यहां पर भी कंटोनमेंट एरिया घोषित किया जाता है तो भोपाल में कुल 10 क्षेत्र ऐसे हो जाएंगे जिन्हें पूरी तरह से कंटोनमेंट घोषित किया गया है.
इंदौर में 18 कंटोनमेंट क्षेत्र
प्रदेश में सबसे ज्यादा पॉजिटिव केस इंदौर में सामने आने की वजह से वहां सबसे ज्यादा 18 कंटोनमेंट क्षेत्र चिन्हित किए गए हैं. कोरोना के मरीज 9 जिलों में अब तक मिल चुके हैं 7 जिलों में कंटोनमेंट के नियंत्रण क्षेत्र बनाए गए हैं. ग्वालियर और छिंदवाड़ा में 3 अप्रैल तक कोई नियंत्रण क्षेत्र घोषित नहीं किया गया है.
मध्य प्रदेश में कुल कंटेनमेंट क्षेत्र इस प्रकार है इंदौर में 18 , भोपाल में 10 , जबलपुर में 6 , उज्जैन में 2 , शिवपुरी में 2, खरगोन में एक और मुरैना में एक बनाया गया है. बता दें कि कोरोना संक्रमित मरीज के निवास स्थान से 1 किलोमीटर क्षेत्र को कंटोनमेंट और 2 किलोमीटर क्षेत्र को बफर जोन कहा गया है.
कंटोनमेंट में अधिकृत व्यक्ति भी बिना स्क्रीनिंग के नहीं जा सकता
अमूमन बाहर जानेवालों पर भी पाबंदी रहती है, दरअसल इन क्षेत्रों में मरीज के घूमने के कारण संक्रमण का खतरा रहता है. ऐसे में पूरी संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए क्षेत्र को एक तरह से सील कर दिया जाता है. चुनिंदा जगहों को सेनिटाइज भी किया जाता है.