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भोपाल: एम्स की तर्ज पर हमीदिया अस्पताल में बनेंगे चार नए विभाग

अब हमीदिया अस्पताल में एम्स हॉस्पिटल और अन्य सुपर स्पेशलिटी अस्पतालों की तर्ज पर चार नए विभाग बनाने की तैयारी की जा रही है. पढ़िए पूरी खबर..

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Published : Oct 20, 2020, 2:57 PM IST

Hamidia Hospital
हमीदिया अस्पताल

भोपाल। राजधानी भोपाल के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल हमीदिया की व्यवस्थाएं हमेशा ही किसी ना किसी वजह से चर्चा में रहती हैं. अस्पताल में लगातार अव्यवस्थाओं को देखते हुए अब हमीदिया अस्पताल में एम्स हॉस्पिटल और अन्य सुपर स्पेशलिटी अस्पतालों की तर्ज पर चार नए विभाग बनाने की तैयारी की जा रही है, इसकी जानकारी संभागायुक्त कविंद्र कियावत ने दी है. कोरोनाकाल के दौरान भी हमीदिया अस्पताल में इलाज करा रहे मरीजों के परिजनों ने कुछ दिन पहले ही कई तरह के सवाल खड़े किए थे, हालांकि मामले को संज्ञान लेने के बाद तीन सुरक्षा गार्ड को तत्काल निलंबित कर दिया गया था. इसके अलावा एक सुरक्षा गार्ड को नौकरी से बर्खास्त भी कर दिया गया था.

अब संभागायुक्त कविंद्र कियावत इन अव्यवस्थाओं को बदलना चाहते हैं. जिसे लेकर अब हमीदिया अस्पताल में चार नए विभाग बनाने की तैयारी की जा रही है, ताकि व्यवस्थाओं को और भी बेहतर किया जा सके.

बैठक में लिया जाएगा निर्णय

आज संभागायुक्त कविंद्र कियावत की अध्यक्षता में गांधी मेडिकल कॉलेज की स्वशासी समिति की बैठक आयोजित की गई है. इस दौरान हमीदिया अस्पताल के विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की जाएगी. इस बैठक में एम्स की तर्ज पर हमीदिया अस्पताल में भी 4 नए विभाग बनाने को हरी झंडी दी जाएगी. नए विभाग बनने के बाद इन विभागों में सुविधाएं भी बढ़ सकेंगी. विशेषज्ञों के अलग से पद भी स्वीकृत किए जाएंगे. इससे कहीं ना कहीं यहां आने वाले मरीजों को बेहतर उपचार व्यवस्था मिल सकेगी.

डॉक्टरों को भी होती है परेशानी

हमीदिया अस्पताल में भी सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टर तो है, लेकिन अपने-अपने मूल विभागों जैसे सर्जरी और मेडिसिन में सामान्य मरीजों को भी देख रहे हैं. अलग विभाग नहीं होने की वजह से ऑपरेशन जांच और इलाज की पर्याप्त सुविधाएं भी नहीं हैं. न्यूरो सर्जरी के 3 विशेषज्ञ हैं, लेकिन उनकी मूल पदस्थापना सर्जरी विभाग में है. स्थिति ये है कि सर्जरी करने के लिए माइक्रोस्कोप तक नहीं है. न्यूरोलॉजी में भी चार विशेषज्ञ है, लेकिन अलग विभाग नहीं होने के कारण उन्हें कई बार ओपीडी में मेडिसिन के सामान्य मरीजों को देखना पड़ता है. यूरोलॉजी विभाग में 4 सर्जन है, लेकिन यूरोलॉजी यूनिट में जांच की सुविधाएं भी बढ़ गई है. अब इसे अलग विभाग बनाया जा रहा है.

इसके अलावा गैस्ट्रोमेडिसिन का अलग विभाग भी बनाया जाएगा. बैठक में निजी अस्पतालों को हमीदिया अस्पताल के ब्लड बैंक से दिया जाने वाला प्लाज्मा की दरे भी अब तय की जाएंगी.

भोपाल। राजधानी भोपाल के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल हमीदिया की व्यवस्थाएं हमेशा ही किसी ना किसी वजह से चर्चा में रहती हैं. अस्पताल में लगातार अव्यवस्थाओं को देखते हुए अब हमीदिया अस्पताल में एम्स हॉस्पिटल और अन्य सुपर स्पेशलिटी अस्पतालों की तर्ज पर चार नए विभाग बनाने की तैयारी की जा रही है, इसकी जानकारी संभागायुक्त कविंद्र कियावत ने दी है. कोरोनाकाल के दौरान भी हमीदिया अस्पताल में इलाज करा रहे मरीजों के परिजनों ने कुछ दिन पहले ही कई तरह के सवाल खड़े किए थे, हालांकि मामले को संज्ञान लेने के बाद तीन सुरक्षा गार्ड को तत्काल निलंबित कर दिया गया था. इसके अलावा एक सुरक्षा गार्ड को नौकरी से बर्खास्त भी कर दिया गया था.

अब संभागायुक्त कविंद्र कियावत इन अव्यवस्थाओं को बदलना चाहते हैं. जिसे लेकर अब हमीदिया अस्पताल में चार नए विभाग बनाने की तैयारी की जा रही है, ताकि व्यवस्थाओं को और भी बेहतर किया जा सके.

बैठक में लिया जाएगा निर्णय

आज संभागायुक्त कविंद्र कियावत की अध्यक्षता में गांधी मेडिकल कॉलेज की स्वशासी समिति की बैठक आयोजित की गई है. इस दौरान हमीदिया अस्पताल के विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की जाएगी. इस बैठक में एम्स की तर्ज पर हमीदिया अस्पताल में भी 4 नए विभाग बनाने को हरी झंडी दी जाएगी. नए विभाग बनने के बाद इन विभागों में सुविधाएं भी बढ़ सकेंगी. विशेषज्ञों के अलग से पद भी स्वीकृत किए जाएंगे. इससे कहीं ना कहीं यहां आने वाले मरीजों को बेहतर उपचार व्यवस्था मिल सकेगी.

डॉक्टरों को भी होती है परेशानी

हमीदिया अस्पताल में भी सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टर तो है, लेकिन अपने-अपने मूल विभागों जैसे सर्जरी और मेडिसिन में सामान्य मरीजों को भी देख रहे हैं. अलग विभाग नहीं होने की वजह से ऑपरेशन जांच और इलाज की पर्याप्त सुविधाएं भी नहीं हैं. न्यूरो सर्जरी के 3 विशेषज्ञ हैं, लेकिन उनकी मूल पदस्थापना सर्जरी विभाग में है. स्थिति ये है कि सर्जरी करने के लिए माइक्रोस्कोप तक नहीं है. न्यूरोलॉजी में भी चार विशेषज्ञ है, लेकिन अलग विभाग नहीं होने के कारण उन्हें कई बार ओपीडी में मेडिसिन के सामान्य मरीजों को देखना पड़ता है. यूरोलॉजी विभाग में 4 सर्जन है, लेकिन यूरोलॉजी यूनिट में जांच की सुविधाएं भी बढ़ गई है. अब इसे अलग विभाग बनाया जा रहा है.

इसके अलावा गैस्ट्रोमेडिसिन का अलग विभाग भी बनाया जाएगा. बैठक में निजी अस्पतालों को हमीदिया अस्पताल के ब्लड बैंक से दिया जाने वाला प्लाज्मा की दरे भी अब तय की जाएंगी.

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