भोपाल। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति बीके कुठियाला के कार्यकाल में प्रदेश के अंदर-बाहर करीब 1297 अध्ययन केंद्र खोलने की अनुमति दी गई थी. बताया जा रहा है कि इनमें से करीब 250 अध्ययन केंद्र फर्जी पाए गए हैं. जिनमें न तो नियमों का पालन किया गया और न ही बिल्डिंग और फैकल्टीज उपलब्ध हैं. इसकी एक विस्तृत रिपोर्ट MCU की जांच समिति ने EOW को भी सौंपी है.
हाल ही में एमसीयू की जांच समिति ने इन सभी अध्ययन केंद्रों की जांच की थी. जिसमें चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. रिपोर्ट में बताया गया है कि अध्ययन केंद्रों में से लगभग 250 अध्ययन केंद्र फर्जी हैं, यानी इन केंद्रों में नियमों के हिसाब से न तो भवन बनाए गए हैं और न ही इन अध्ययन केंद्रों में मानक के अनुसार फैकल्टीज उपलब्ध हैं. छात्र-छात्राओं को लेकर भी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिली है. जिसके बाद माना जा रहा है कि अगले सत्र से पहले इन फर्जी अध्ययन केंद्रों पर ताले लगा दिये जाएंगे.
माखनलाल यूनिवर्सिटी की जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में ये भी जिक्र किया है कि पूर्व कुलपति बीके कुठियाला ने इन अध्ययन केंद्रों को मान्यता दी है. इसके लिए माखनलाल यूनिवर्सिटी के अधिनियम-18 में भी बदलाव किए गए थे. माना जा रहा है कि इन अध्ययन केंद्रों के जरिए पूर्व कुलपति बीके कुठियाला ने करोड़ों रुपए की उगाही की है. फिलहाल ईओडब्ल्यू इन सभी अध्ययन केंद्रों को लेकर बारीकी से जांच कर रहा है.