भोपाल। तबादलों को लेकर विपक्ष में रहते बीजेपी कमलनाथ सरकार पर हमलावर रहती थी, तबादले पर हमेशा सवाल उठाती रही है, लेकिन 15 महीने बाद सत्ता में आई शिवराज सरकार भी तबादलों को लेकर कठघरे में है. कोरोना संक्रमण के दौर में भी सूबे में लगातार आईएएस, आईपीएस अधिकारियों के तबादले किये जा रहे हैं. पिछले सवा दो महीने में करीब 200 आईएएस और आईपीएस के तबादले किए गए हैं.
करीब 130 आईएएस के तबादले
शनिवार को शिवराज सरकार ने 7 कलेक्टर सहित 17 आईएएस अधिकारियों का तबादला किया था, इसके पहले 9 जिलों के कलेक्टर और 4 संभागों के कमिश्नर बदले गए थे, ये सभी अधिकारी पिछली सरकार में नियुक्त किए गए थे. इन तबादलों को आगामी 24 सीटों पर होने वाले विधानसभा उप चुनाव से जोड़कर भी देखा जा रहा है. 23 मार्च को शिवराज सिंह ने मुख्यमंत्री पद की कमान संभाली थी, उसके बाद से अब तक प्रदेश में 130 आईएएस अधिकारी बदले जा चुके हैं, जबकि 70 से ज्यादा आईपीएस की नई पदस्थापना की गई है.
इसके अलावा पीडब्ल्यूडी, पीएचई, स्वास्थ्य सहित अन्य विभागों के अधिकारियों को भी बदला गया है. देखा जाए तो 31 मार्च को प्रदेश सरकार ने 12 आईएएस अधिकारियों का तबादला किया था. 9 मई को एक ही दिन में 50 आईएएस अधिकारियों के तबादला किया गाय था. फिर 24 मई को 3 आईएएस अधिकारी बदले गए. साथ ही 6 जून को 17 आईएएस अधिकारियों के तबादले किए गए.
कमलनाथ सरकार में बदले गए 617 IAS-IPS
तत्कालीन कमलनाथ सरकार ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर लगातार विपक्ष के निशाने पर थी, तब बीजेपी आरोप लगाती थी कि सरकार प्रदेश में ट्रांसफर उद्योग चला रही है. कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय भारत सरकार को भेजी गई रिपोर्ट के मुताबिक कमलनाथ सरकार ने एक जनवरी से 31 दिसंबर 2019 के बीच 417 आईएएस अधिकारियों और 200 से ज्यादा आईपीएस अधिकारियों का तबादला किया था.
तबादलों को लेकर बीजेपी कांग्रेस आमने-सामने
अब प्रदेश में तबादलों को लेकर बीजेपी-कांग्रेस एक बार फिर आमने-सामने हैं. पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि प्रदेश में यदि कोई काम हो रहा है तो वो है सिर्फ ट्रांसफर, उन्होंने पूछा कि आखिर कोरोना काल में अधिकारियों के बदलने की क्या जरूरत है. कांग्रेस सरकार के दौरान 15 महीने में इतने ट्रांसफर नहीं हुए, जितने बीजेपी सरकार ने 3 महीने से कम समय में कर दिए. उधर बीजेपी प्रवक्ता राकेश शर्मा ने कहा कि कोरोना के संक्रमण पर काबू पाने के लिए जरूरी अधिकारियों को बदला जा रहा है. कांग्रेस नेता सिर्फ अपने ड्राइंग रूम में बैठकर आरोप लगा रहे हैं.