भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर मध्यप्रदेश को ऑक्सीजन उत्पादन में आत्म-निर्भर बनाने के विशेष प्रयास किये जा रहे हैं. इस क्रम में कोविड-19 के उपचार में प्रदेश के अस्पतालों में ऑक्सीजन आपूर्ति की समस्या के निराकरण के कारगर उपाय के तौर पर लगाये जा रहे पीएसए ऑक्सीजन प्लांट (PSA Oxygen Plant) शुरू हो चुके हैं.
पीएसए टेक्नोलॉजी पर आधारित होंगे प्लांट
राज्य सरकार मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल, सिविल अस्पताल और कम्युनिटी हॉस्टिपटल में 111 ऑक्सीजन प्लांट हवा से ऑक्सीजन बनाने की अनूठी टेक्नोलॉजी पर आधारित होंगे. यह टेक्नोलॉजी पीएसए (Pressure, Swing, Adsorption) है. पीएसए टेक्नोलॉजी हवा से गैसों के मिश्रण को अलग कर ऑक्सीजन बनाती है. इस टेक्नोलॉजी पर आधारित अब तक प्रदेश में शासन के आदेश पर 20 प्लांट लगाए जा चुके हैं.
सितंबर तक लग जाएंगे 111 पीएसए प्लांट
स्वास्थ्य आयुक्त आकाश त्रिपाठी ने बताया कि पीएसए ऑक्सीजन प्लांट (PSA Oxygen Plant) को समय पर लगाने के लिये संबंधित निर्माता कम्पनियों को निर्देशित किया गया है. उन्होंने बताया कि 15 जून तक 25, 30 जून तक 40, 30 जुलाई तक 81, 30 अगस्त तक 91 और 30 सितम्बर तक 111 पीएसए ऑक्सीजन प्लांटों की स्थापना अस्पतालों में कर दी जायेगी. इनसे अस्पताल के लिये ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित होगी.
1500 लीटर प्रति मिनट की क्षमता वाले होंगे प्लांट
स्वास्थ्य आयुक्त ने बताया कि अस्पतालों में उपलब्ध ऑक्सीजन, बेड और आईसीयू आदि को ध्यान में रखते हुए जरूरत की ऑक्सीजन आपूर्ति सुनिश्चित हो सके, इसी क्षमता के पीएसए प्लांट लगाये जा रहे हैं. इसमें 100 लीटर प्रति मिनट से लेकर 1500 लीटर प्रति मिनट की क्षमता वाले पीएसए प्लांट (PSA Oxygen Plant) शामिल हैं.
ऑक्सीजन की कमी के बीच छिंदवाड़ा 10 जिलों को दे रहा था 'सांसे'
पीएसए प्लांट की स्थापना 10 बिस्तर के आईसीयू अस्पतालों से लेकर 150 बिस्तर (आईसीयू) वाले अस्पतालों में ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये की जा रही है. उन्होंने बताया कि पीएसए ऑक्सीजन प्लांट (PSA Oxygen Plant) की स्थापना केन्द्र सरकार और राज्य सरकार के मद से प्राप्त राशि से की गई है.