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एमपी में लॉकडाउन का असर: ऊर्जा विभाग को 1713 करोड़ के राजस्व का नुकसान

कोरोना के कहर से प्रदेश में व्यावसायिक गतिविधियां बंद होने से भारी भरकम राजस्व का नुकसान हुआ है. खासतौर से ऊर्जा विभाग की बात करें तो पिछले 4 महीने में ऊर्जा विभाग को 1713.24 करोड़ के राजस्व का नुकसान हुआ है.

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Published : Aug 7, 2020, 11:47 PM IST

1713.24 revenue loss to the Department of Energy.
ऊर्जा विभाग को 1713.24 के राजस्व का नुकसान

भोपाल। वैश्विक महामारी कोरोना का देश की आर्थिक स्थिति पर भी काफी असर पड़ा है, और मध्यप्रदेश भी राजस्व के नुकसान से अछूता नहीं रहा है. प्रदेश में व्यावसायिक गतिविधियां बंद होने से भारी भरकम राजस्व का नुकसान हुआ है. खासतौर से ऊर्जा विभाग की बात करें तो पिछले 4 महीने में ऊर्जा विभाग को 1713.24 करोड़ के राजस्व का नुकसान हुआ है. ऊर्जा विभाग का संबंध सीधा आम जनता से होता है, आम जनता के द्वारा उपयोग की जाने वाली बिजली से प्रदेश के ऊर्जा विभाग को राजस्व मिलता है और पिछले 4 महीने से प्रदेश में इंडस्ट्रियल एक्टिविटी और कृषि क्षेत्र में भी बिजली की डिमांड कम हो गई है.

मार्च-अप्रैल मई-जून की बात करें तो, इन चारों महीनों में पिछले साल 2019 की तुलना में मार्च में -7%, अप्रैल - 15%, मई -10% और जून में -17% कम बिजली खर्च हुई है. जिसके चलते ऊर्जा विभाग को करोड़ों रुपए के राजस्व का घाटा हुआ है. हालांकि जुलाई में 9 फीसदी बिजली की डिमांड बढ़ी है. जिससे सरकार को 313.74 करोड़ रूपये के राजस्व मिलने से राहत मिली है.

इन आंकड़ों को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि पिछले साल 2019 में मार्च अप्रैल और मई जून में बिजली की खपत साल 2020 के मार्च अप्रैल और मई जून के अपेक्षा कितनी ज्यादा थी. पिछले 5 महीनों में इन 4 महीनों में बिजली की डिमांड सबसे कम रही है. जिसका नुकसान प्रदेश सरकार को राजस्व के रूप में 1723. 24 करोड़ का घाटा हुआ है. हालांकि जुलाई में सरकार के नियम अनुसार उद्योग खोलने की अनुमति दी गई है. जिसके बाद से जुलाई के महीने में 9% डिमांड बढ़ी है. जिससे सरकार को राजस्व के रूप में 313.74 की आय हुई है.

भोपाल। वैश्विक महामारी कोरोना का देश की आर्थिक स्थिति पर भी काफी असर पड़ा है, और मध्यप्रदेश भी राजस्व के नुकसान से अछूता नहीं रहा है. प्रदेश में व्यावसायिक गतिविधियां बंद होने से भारी भरकम राजस्व का नुकसान हुआ है. खासतौर से ऊर्जा विभाग की बात करें तो पिछले 4 महीने में ऊर्जा विभाग को 1713.24 करोड़ के राजस्व का नुकसान हुआ है. ऊर्जा विभाग का संबंध सीधा आम जनता से होता है, आम जनता के द्वारा उपयोग की जाने वाली बिजली से प्रदेश के ऊर्जा विभाग को राजस्व मिलता है और पिछले 4 महीने से प्रदेश में इंडस्ट्रियल एक्टिविटी और कृषि क्षेत्र में भी बिजली की डिमांड कम हो गई है.

मार्च-अप्रैल मई-जून की बात करें तो, इन चारों महीनों में पिछले साल 2019 की तुलना में मार्च में -7%, अप्रैल - 15%, मई -10% और जून में -17% कम बिजली खर्च हुई है. जिसके चलते ऊर्जा विभाग को करोड़ों रुपए के राजस्व का घाटा हुआ है. हालांकि जुलाई में 9 फीसदी बिजली की डिमांड बढ़ी है. जिससे सरकार को 313.74 करोड़ रूपये के राजस्व मिलने से राहत मिली है.

इन आंकड़ों को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि पिछले साल 2019 में मार्च अप्रैल और मई जून में बिजली की खपत साल 2020 के मार्च अप्रैल और मई जून के अपेक्षा कितनी ज्यादा थी. पिछले 5 महीनों में इन 4 महीनों में बिजली की डिमांड सबसे कम रही है. जिसका नुकसान प्रदेश सरकार को राजस्व के रूप में 1723. 24 करोड़ का घाटा हुआ है. हालांकि जुलाई में सरकार के नियम अनुसार उद्योग खोलने की अनुमति दी गई है. जिसके बाद से जुलाई के महीने में 9% डिमांड बढ़ी है. जिससे सरकार को राजस्व के रूप में 313.74 की आय हुई है.

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