भोपाल। प्रदेश में ब्लैक फंगस (black fungus) के अब तक 281 मरीज सामने आ चुके हैं. बड़ी बात यह है कि इनमें से 27 लोग जान गवां चुके हैं. इंदौर में सबसे ज्यादा 128 मरीज हैं, जिन्हें ब्लैक फंगस का शिकार होना पड़ा है. भोपाल में 75, ग्वालियर में 15, रीवा में 12, राजगढ़ में 6, सतना में 5, टीकमगढ़ और छतरपुर में 2-2 मरीज ब्लैक फंगस की गिरफ्त में है, जिनका इलाज चल रहा है. इनमें से कई मरीजों की सर्जरी हो चुकी है जिनके आंख नाक जबड़े में संक्रमण है. सर्जरी के बाद कुछ मरीजों की आंखों की रोशनी भी जा चुकी है. हाल ही में भोपाल में 22 लोगों की आंखों की रोशनी सर्जरी के दौरान चली गई है. ऐसे मामले बढ़ते जा रहे हैं, जिनमें लोगों को इलाज के बाद शारीरिक विकृतियों के साथ जीवन गुजारना पड़ेगा. हमीदिया अस्पताल में सोमवार तक 17 मरीजों की सर्जरी हो चुकी है.
ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या में इजाफा
चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने हाल ही में इंदौर और भोपाल मेडिकल कॉलेज में ब्लैक फंगस से संक्रमित मरीजों के इलाज की व्यवस्था के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि मरीज यहां पर बनाई गई यूनिट में इलाज करवा रहे हैं. जानकारी के अनुसार गांधी मेडिकल कॉलेज में अभी तक 30 मरीज इस यूनिट में भर्ती हैं, जोकि पोस्ट कोविड-19 हैं. इनके अलावा 10 से अधिक ब्लैक फंगस के मरीज कोरोना वार्ड में अपना इलाज करा रहे हैं. शनिवार को हमीदिया अस्पताल नाक कान गला सर्जरी विभाग में 30 बेड का एक नया वार्ड बनाया गया है. इससे पहले वार्ड-6 में मरीजों को भर्ती किया जा रहा था. लगातार संख्या बढ़ने से प्रबंधन द्वारा केएनवी वार्ड-3 में भी नई यूनिट शुरू की गई है.
17 मरीजों की हो चुकी है सर्जरी
हमीदिया के ब्लैक फंगस यूनिट में काम करने वाले डॉक्टर ने बताया कि अभी तक 30 मरीज दोनों यूनिट में भर्ती हैं. इनमें से 11 मरीजों की सर्जरी पहले हो चुकी है, जबकि शनिवार और रविवार को 6 अन्य मरीजों की सर्जरी की गई, इनमें सबसे अधिक नाक और जबड़े की सर्जरी की गई है. वहीं दो मरीजों की आंख सर्जरी के जरिए निकाली गई हैं.
दवाइयों का टोटा
म्यूकरमाइकोसिस यानी ब्लैक फंगस की बीमारी कोरोना से ठीक हुए लोगों को हो रही है. यह संक्रमण शारीरिक कमजोरी और रोग से लड़ने की क्षमता कम होने पर हो रहा है. इसके उपचार के लिए एंफोटेरेसिन बी-50 एमजी इंजेक्शन उपयोगी बताया जाता है, जिसकी कमी सामने आ रही है. सरकारी अस्पतालों में इलाज करा रहे मरीजों का कहना है कि उन्हें इंजेक्शन नहीं मिल रहा है. दवा बाजार में ढूंढने पर भी इंजेक्शन की मांग पूरी नहीं हो पा रही है. यहां तक कि लोग ब्लैक में इंजेक्शन मंगवा रहे हैं. सात से आठ हजार कीमत का इंजेक्शन 10 हजार की कीमत में बिक रहा है.
ब्लैक फंगस (Black Fungus) के बाद मरीजों में फैल रहा जबड़े का इन्फेक्शन
केंद्र सरकार को लिखा पत्र
एंफोटेरेसिन बी-50 एमजी इंजेक्शन के लिए केंद्र सरकार से 24 हजार इंजेक्शन की डोज आवंटन के लिए पत्र लिखा है. सीएम शिवराज ने केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री मनसुख एल मंडाविया को पत्र लिखकर इंजेक्शन आपूर्ति और उसके आवंटन की गुजारिश की है. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार 2000 इंजेक्शन गुजरात से भी मंगाए जा रहे हैं.