भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में कोरोना काल के दौरान लॉकडाउन और फिर अनलॉक में ट्रैफिक नियमों को तोड़ने के आंकड़ों में लगातार बढ़ोतरी हुई है. राजधानी में अनलॉक के बाद से सड़कों पर वाहन दिन-रात दौड़ रहे हैं. कई वाहन यातायात के नियमों को दरकिनार कर सिग्नल तक जाम कर देते हैं. लेकिन ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम में इसका पूरा डाटा फीड हो जाता है. चौंकाने वाली बात तो यह है कि अब तक करीब 150 वाहन चालक ऐसे हैं जो 60 बार यातायात के नियमों को तोड़ चुके हैं.
आखिर वाहन चालक ये लापरवाही कब तक करेंगे ?
चौक चौराहों पर रेड सिग्नल जंप करना
दो पहिया वाहन पर ट्रिपल सवारी बैठना
बिना हेलमेट दोपहिया वाहन चलाना
चार पहिया वाहन में सीट बेल्ट नहीं लगाना
तेज गति से वाहन चलाना
रॉन्ग साइड वाहन चलाना
तेज गति से वाहनों को ओवरटेक करना
वाहन चलाते वक्त मोबाइल फोन पर बात करना
यातायात के नियमों पर गंभीर नहीं राजधानी की जनता !
राजधानी की यातायात पुलिस की लाख कोशिशों के बावजूद भी वाहन चालक यातायात के नियमों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. चौक चौराहों पर लगे सीसीटीवी कैमरों का आउटपुट स्मार्ट सिटी और पुलिस कंट्रोल रूम में बने आईटीएमएस सिस्टम में फीड हो जाता है. लेकिन अब नियमों का उल्लंघन कर चालान जमा नहीं करने और सड़कों पर बेखौफ घूमने वाले वाहन चालकों की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं.
कई वाहन चालक बार-बार तोड़ रहे नियम
बता दें कि ऐसे 150 वाहनों को चिन्हित कर भोपाल स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड के आईटीएमएस सिस्टम के सॉफ्टवेयर में फीड कर दिया गया है. इन वाहन चालकों में कई ऐसे हैं जो 60 बार यातायात नियमों को तोड़ चुके हैं. लिहाजा अब जैसे ही दोपहिया और चार पहिया वाहन सड़कों से गुजरेंगे सिस्टम पुलिस को अलर्ट कर देगा ताकि वाहनों को रोककर कार्रवाई की जा सके. पहले चरण के तहत आईटीएमएस के जरिए ऐसे 150 लोगों की सूची बनाई गई है. जिन्होंने 15 बार से अधिक यातायात के नियमों का उल्लंघन किया है. इनमें से किसी ने भी ई चालान को गंभीरता से नहीं लिया है,और अब ऐसे लोगों की सूची कार्रवाई के लिए पुलिस को सौंप दी गई है.
अब कोर्ट का भी सख्त रवैया
भोपाल जिला कोर्ट भी ऐसे वाहन चालकों के खिलाफ सख्त रवैया अपना रहा है. जो बार-बार समझाने के बाद भी यातायात के नियमों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. न हीं ई-चालान की राशि जमा कर रहे हैं. हाल ही में भोपाल कोर्ट ने एक वाहन चालक के खिलाफ 5 हजार रूपये का जुर्माना और 3 महीने के लिए लाइसेंस सस्पेंड करने की कार्रवाई की है. तो वहीं दूसरे मामले में 3 महीने के लिए लाइसेंस निरस्त कर 30 हजार रुपये की राशि जुर्माने के रूप में भरने की आदेश दिए हैं.
वकीलों की अपील
इधर वकीलों का मानना है कि कोर्ट के सख्त कार्रवाई के चलते कहीं न कहीं वाहन चालकों में भी यातायात के नियमों के प्रति जागरूकता आ रही है.और अगर ऐसे ही यातायात के नियम सख्त होते गए तो सड़क हादसों की संख्या में भी कमी आएगी. हालांकि वकील यह भी मानते हैं कि लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई ठीक है, लेकिन भारी-भरकम जुर्माने पर विचार करना चाहिए.
पिछले 5 महीने में 40 हजार के करीब ई-चालान
राजधानी की यातायात पुलिस ने लॉकडाउन और उसके बाद करीब 40 हजार के आसपास ई-चालान काटे थे, लेकिन 20 फीसदी ही वाहन चालकों ने ई-चालान की राशि जमा की है.
पुलिस ने ई-चालान जमा करने के लिए यातायात थाने में ही एक काउंटर की शुरुआत की है. और वाहन चालकों को बार-बार राशि जमा करने की हिदायत दी. इसके बावजूद भी वाहन चालक इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. लिहाजा पुलिस कोर्ट के जरिए ही ऐसे वाहन चालकों को नोटिस भेज रही है. और लाइसेंस निरस्त करने के साथ ही भारी-भरकम जुर्माना वसूल रही है.